DrLakshman Jha Parimal Tag: मुक्तक 69 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 DrLakshman Jha Parimal 18 Jul 2021 · 1 min read “ मित्रता की दीवार “ “ मित्रता की दीवार “ डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “ ================ मित्रता में जब तक विचारों का मेल नहीं होगा तब तक मित्रता बैसखियों पर रेंगती चलती रहेगी !... Hindi · मुक्तक 2 235 Share DrLakshman Jha Parimal 16 Jul 2021 · 1 min read " नयी प्रेरणा " " नयी प्रेरणा " डॉ लक्ष्मण झा "परिमल " ================== लो आज कर रहा हूँ मैं अपनी प्रेरणा का हेर -फेर न ह्रदय का हेर -फेर न कल्पना का हेर... Hindi · मुक्तक 1 4 449 Share DrLakshman Jha Parimal 14 Jul 2021 · 2 min read " आत्मनिर्भरता विश्वविद्यालय " " आत्मनिर्भरता विश्वविद्यालय " डॉ लक्ष्मण झा " परिमल " ==================== सुना है " आत्मनिर्भरता विश्वविद्यालय "खुल गया है , कोई हमारा भी दाखिला करबा दो , हमें आत्मनिर्भरता का... Hindi · मुक्तक 234 Share DrLakshman Jha Parimal 14 Jul 2021 · 1 min read "मेघ " "मेघ " ====== "कभी तू बनता कोमल पंकज , मंदिर बनता और भब्य महल ! कभी लगता है तू बन गया विशाल स्वर्ग का स्वेत शिखर ! नभ में तू... Hindi · मुक्तक 522 Share DrLakshman Jha Parimal 14 Jul 2021 · 1 min read "चाह " "चाह " ===== कब तक निहारूँ तेरी तश्वीर कुछ बात करो तो कोई बात बने ! तुम्हारी तश्वीर को हाथ में लिए फिरता हूँ सामने आ जाओ तो कोई बात... Hindi · मुक्तक 223 Share DrLakshman Jha Parimal 14 Jul 2021 · 1 min read "शहर और गॉंव की तकरार " "शहर और गॉंव की तकरार " डॉ लक्ष्मण झा "परिमल " ================== "मैं शहर हूँ मैं गॉंवों से बहुत आगे निकल चूका हूँ ! गॉंव को तो मैं हजार कदम... Hindi · मुक्तक 229 Share DrLakshman Jha Parimal 14 Jul 2021 · 1 min read “ मेरी लालसा “ “ मेरी लालसा “ डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “ ============== शब्दों को क्यारियों से चुन- चुन कर कविता की माला हम बनाएंगे ! सहज रंग -विरंगे फूलों की खुसबू... Hindi · मुक्तक 288 Share DrLakshman Jha Parimal 14 Jul 2021 · 1 min read रिश्ते की डोर नयी मित्रता की ओर बढ़ रहे हैं फ़ेसबुक के पन्नों में नये दोस्त ढूंढ़ रहे हैं ! प्रकृति का नियम ही है बदलना और आगे चलना ! कभी भी इस... Hindi · मुक्तक 278 Share DrLakshman Jha Parimal 14 Jul 2021 · 1 min read उतार-चढ़ाव की मित्रता हम भी अपने मित्रों के करीब रहकर एक आशीयाना बनाना चाहते हैं ! हम भी एक चाहत के घरौदों को मिल के सजाना चाहते हैं !! सोचकर हम भी निकले... Hindi · मुक्तक 425 Share DrLakshman Jha Parimal 14 Jul 2021 · 1 min read " विचित्र परिपाटी " " विचित्र परिपाटी " ============= फेसबुक के माध्यम से हम लाखों से जुड़ जाते हैं , अपने विचारों , अपनी भावनाओं को लोगों तक पहुँचाते हैं !! हमें यह ज्ञात... Hindi · मुक्तक 178 Share DrLakshman Jha Parimal 12 Jul 2021 · 1 min read " समर्पण " " समर्पण " ( डॉ लक्ष्मण झा "परिमल " ) ================ मैं आपकी आरती उतारूँगी , फूलों से घर को सजाऊँगी ! आ जाएँ घर एक बार सजन , मैं... Hindi · मुक्तक 194 Share DrLakshman Jha Parimal 11 Jul 2021 · 1 min read " शाश्वत कविता " " शाश्वत कविता " ============= कविताओं में अनेक विधाओं का सामंजस्य होता है, कभी रस का प्रयोग, कवि के कल्पनाओं के कलमों से कविता की कला निखरती है !! अलंकार... Hindi · मुक्तक 1 1 589 Share DrLakshman Jha Parimal 11 Jul 2021 · 1 min read “ कविता मेरी जान से प्यारी “ “ कविता मेरी जान से प्यारी “ डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “ =============== सुना था , उलझनों में , कविता भी गुम हो जाती है ! लाख उनको ,... Hindi · मुक्तक 312 Share DrLakshman Jha Parimal 11 Jul 2021 · 1 min read “ नींद “ “ नींद “ डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “ ============= जब शब्द नहीं मिलते विषयों का चयन नहीं होता लय और सुर के तार बिखर जाते हैं तो नींद बहुत... Hindi · मुक्तक 190 Share DrLakshman Jha Parimal 10 Jul 2021 · 1 min read " समय " " समय " डॉ लक्ष्मण झा " परिमल " ============== समय सबको एक जैसा ही मिला है युग पुरुष निर्माण की ही बातें सोचते हैं अपने कोशिशों से नयी कोई... Hindi · मुक्तक 1 358 Share DrLakshman Jha Parimal 10 Jul 2021 · 1 min read “ अनेक रंग “ “ अनेक रंग “ डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “ ============== विभिन्य रंगों से यह दुनियाँ सजी हैं , सब एक होकर भी लगते अलग -अलग हैं !! कोई अपनी... Hindi · मुक्तक 230 Share DrLakshman Jha Parimal 10 Jul 2021 · 1 min read “ लोगों ने हमें फुद्दू बना दिया “ ( व्यंग ) एक कविता को शृंगारिक परिधानों से सँवारा कविता को प्रियतमा का रूप दिया उसके सौदर्य को सजाया , उनके नख -शिख का वर्णन किया !! उनकी मांग को सिंदूर और... Hindi · मुक्तक 1 1 247 Share DrLakshman Jha Parimal 10 Jul 2021 · 1 min read " आँसू पोंछने वाला कोई नहीं" " आँसू पोंछने वाला कोई नहीं" ================= हमारे बोलने से भला क्या होगा कोई सुनने वाला तो चाहिए , हम रोते हैं वीरानों में हिचकियां कर -करके पर आँसू पोंछने... Hindi · मुक्तक 1 276 Share DrLakshman Jha Parimal 9 Jul 2021 · 1 min read “ फेसबूक के अनजाने दोस्त “ “ फेसबूक के अनजाने दोस्त “ डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “ ==================== किसी से हम यहाँ , मिलते नहीं हैं आपस में ! फिर भी है प्यार , हमें... Hindi · मुक्तक 3 1 604 Share Previous Page 2