Dr. Arti 'Lokesh' Goel 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr. Arti 'Lokesh' Goel 1 Nov 2018 · 1 min read माँ तुम, मम मोचन! माँ तुम, शुचि मंत्र हो तुम! उचार जिह्वा ले विकल हृदय से विप्लव मनस में धीर भरती तंत्र हो तुम। माँ तुम, अमिय पान हो तुम! अवरुद्ध कंठ त्राण आशीष... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 42 123 4k Share Dr. Arti 'Lokesh' Goel 23 Dec 2020 · 1 min read तुम बिन जाऊँ कहाँ! तुम बिन मैं जाऊँ कहाँ? हर कहीं आवश्यक मास्क, पहले साँस जो न आती, आसान बना अब तो टास्क। काले-गोरे का फ़र्क हटाया, रंग एक हर मुख पर छाया, सच्ची-झूठी... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 38 69 951 Share Dr. Arti 'Lokesh' Goel 19 May 2018 · 1 min read प्रीत बसेरा उनींदी सी आ बैठूँ मैं, कल्पना के बसेरे में नीलांबर की ओढ़ चदरिया, बादलों के घेरे में। हरित धरा को मान बिछौना, झरे सुमन कर आलिंगन नाप डालूँ अंतरिक्ष सारा,... Hindi · कविता 15 4 661 Share Dr. Arti 'Lokesh' Goel 8 May 2022 · 1 min read बाबा की धूल प्रभु मुझे नव जन्म में करना, बाबा की बगिया का फूल। और नहीं तो मुझको करना, बगिया की मिट्टी की धूल। क्यारी में पानी देते बाबा, स्नेह में भीगी उनके... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 7 2 610 Share Dr. Arti 'Lokesh' Goel 8 May 2022 · 2 min read लाडली की पुकार! सिर पर जब तक पापा का साया, बिन माँगे ही सब कुछ मैंने पाया। वटवृक्ष सहारे कोमल लघु बेल, आश्रिता बस मगन अपने खेल। वे थे तो न चिंता, न... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 5 2 580 Share Dr. Arti 'Lokesh' Goel 8 May 2022 · 1 min read यादों की गठरी समय का पहिया घूमा ऐसा, घूमी मन की चकरी मेरी। खुलकर बिखर गई सामने, धूमिल यादों की गठरी मेरी। ठंड बहुत थी मैं छोटी थी, अँगीठी सुलगा, देकर ताप, पापा... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 5 3 581 Share