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2 Nov 2018 11:37 AM
तुम चांद बनो आंगन का
हम देखा करें हमेशा
छू न सके तुम्हें जमाना
जैसे अम्बर की कोई रेखा।
Dr. Arti 'Lokesh' Goel
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4 Nov 2018 10:09 PM
इतना स्नेह देने के लिए हृदय से आभार दीदी
Shandaar Arti ji….. Dil ki aawaz hai
Dhanyavaad shriman