Dilip Kumar 11 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dilip Kumar 8 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ तू अपने पास बुला ले, बहुत जल रहा तेरा बेटा हालातों से हार चुका है ,तन्हाई में,कठिनाई से खुद ही खुद को मार चुका है, माँ तू ,,घर मुझको... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 56 533 Share Dilip Kumar 4 Jul 2021 · 4 min read आपदा में अवसर "आपदा में अवसर" वो एक बड़े अखबार में काम करता था । लेकिन रहता छोटे से कस्बेनुमा शहर में था। कहने को पत्रकार था ,मगर बिल्कुल वन मैन शो था... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 2 512 Share Dilip Kumar 4 Jul 2021 · 3 min read ब्रांड न्यू “ब्रांड न्यू” उसने दिहाड़ी के मजदूर रखे थे ,कुल जमा तीन थे , एक रेकी करता था ,दो काम करते थे ।इसके एवज में शाम को तीनों को दिहाड़ी मिला... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 3 396 Share Dilip Kumar 26 Oct 2022 · 3 min read खून सनी रोटी “खून सनी रोटी” (लघुकथा) दो दिन से जुम्मन दो निवाले भी ठीक से नहीं खा पा रहा था । चाय पर चाय पीता और पेशाब जाता । उसके बाद बीड़ी... Hindi 229 Share Dilip Kumar 21 May 2023 · 1 min read 3-“ये प्रेम कोई बाधा तो नहीं “ 3-“ये प्रेम कोई बाधा तो नहीं “ ये प्रेम कोई बाधा तो नहीं तुम आँचल समेटे कहती हो मैं मृदु बातों में उलझा ही क्यों ये भंवर सजीले हैं मितवा... Poetry Writing Challenge · कविता 235 Share Dilip Kumar 26 Oct 2022 · 3 min read चल भाग यहाँ से “चल, भाग यहाँ से “ “चल, भाग यहां से “ जैसे ही उसने सुना ,वो अपनी जगह से थोड़ी दूर खिसक गयी।वहीं से उसने इस बात पर गौर किया कि... Hindi · लघु कथा 1 1 153 Share Dilip Kumar 21 May 2023 · 2 min read जब सांझ ढले तुम आती हो 1- “जब सांझ ढले तुम आती हो “ जब सांझ ढले तुम आती हो आती है तब इक मंद बयार छेड़े गए हों जैसे मन के तार झंकृत होता है... Poetry Writing Challenge 215 Share Dilip Kumar 26 Oct 2022 · 3 min read अब क्या होगा -“अब क्या होगा” राजधानी में बरस भर से ज्यादा चला खेती -किसानी के नाम वाला आंदोलन खत्म हुआ तो तंबू -कनात उखड़ने लगे। सड़क खुल गयी तो आस-पास गांव वालों... Hindi · लघु कथा 111 Share Dilip Kumar 21 May 2023 · 5 min read 1- “जब सांझ ढले तुम आती हो “ 1- “जब सांझ ढले तुम आती हो “ जब सांझ ढले तुम आती हो आती है तब इक मंद बयार छेड़े गए हों जैसे मन के तार झंकृत होता है... Poetry Writing Challenge 1 184 Share Dilip Kumar 28 May 2023 · 1 min read अब कौन सा रंग बचा साथी अब कौन सा रंग बचा साथी संबंधों की सब हरियाली सूखी जीवन हो जैसे इक बलि वेदी गलना ,ढहना,तिल -तिल मरना जीवन ने चुना मृत्यु का गहना उम्मीद न रही... Hindi · कविता 123 Share Dilip Kumar 28 May 2023 · 2 min read पापा , तुम बिन जीवन रीता है अब कौन सा रंग बचा साथी संबंधों की सब हरियाली सूखी जीवन हो जैसे इक बलि वेदी गलना ,ढहना,तिल -तिल मरना जीवन न पापा,तुम बिन जीवन रीता है जिस दिन... Poetry Writing Challenge · कविता 174 Share