Dinesh Kushbhuvanpuri 21 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dinesh Kushbhuvanpuri 21 Oct 2025 · 1 min read मुक्तक:- जिंदगी मुक्तक:- जिंदगी कौन सी राह पर मैं भला जाऊँगा। क्या पता कब कहाँ मैं छला जाऊँगा। जिंदगी का कहीं कुछ भरोसा नहीं। मौन होकर जहाँ से चला जाऊँगा॥ ©दिनेश कुशभुवनपुरी Quote Writer 37 Share Dinesh Kushbhuvanpuri 20 Sep 2025 · 1 min read नवगीत:- सपनों की चादर *मन के भाव तुम्हारे पढ़कर, मुझे खुशी होगी। चाहत के किस्सों को गढ़कर, मुझे खुशी होगी॥ नित चाहत के चौराहे पर, प्रेम खड़ा होगा। शब्दों का सुरताल समझकर, अर्थ बड़ा... Hindi · नवगीत 1 78 Share Dinesh Kushbhuvanpuri 20 Sep 2025 · 1 min read मुक्तक:- प्यार मुक्तक:- प्यार बात करते हैं जो नित्य श्रृंगार की। जिंदगी में उन्ही के कमी प्यार की। रात दिन वासनाओं में डूबे रहे। कामना जीत की पर विजय हार की॥ ©दिनेश... Quote Writer 1 81 Share Dinesh Kushbhuvanpuri 18 Sep 2025 · 1 min read दोहा:- समीर दोहा:- समीर अंगारों पर बैठकर, करता सैर समीर। धूप बावली हो रही, नित्य छोड़ती तीर॥ ©दिनेश कुशभुवनपुरी Quote Writer 1 83 Share Dinesh Kushbhuvanpuri 18 Sep 2025 · 1 min read दोहा:- अहंकार दोहा:- अहंकार अहंकार के वृक्ष पर, बैठा मन का गिद्ध। लाचारी में हंस है, कौआ बनता सिद्ध॥ ©दिनेश कुशभुवनपुरी Quote Writer 1 48 Share Dinesh Kushbhuvanpuri 18 Sep 2025 · 1 min read मुक्तक:- जिंदगी मुक्तक:- जिंदगी जिंदगी बदरंग होती जा रही है। मौन अपने अर्थ खोती जा रही है। चाहतें औंधे पड़ी बेचारगी में। रौनकों की रात रोती जा रही है॥ ©दिनेश कुशभुवनपुरी Quote Writer 1 59 Share Dinesh Kushbhuvanpuri 16 Sep 2025 · 1 min read मुक्तक:- प्रेम की चाह मुक्तक:- प्रेम की चाह हर गली हर सड़क हर डगर में बहा। आह से वाह तक शब्द सारे सहा। मौन मंजिल घुमाती रही रात दिन। प्रेम की चाह में दौड़ता... Quote Writer 1 99 Share Dinesh Kushbhuvanpuri 16 Sep 2025 · 1 min read मुक्तक:- प्रेम का मर्म मुक्तक:- प्रेम का मर्म शौक या शर्म समझा नहीं आज तक। कर्म का धर्म समझा नहीं आज तक। दौड़ता नित रहा चाह की राह में। प्रेम का मर्म समझा नहीं... Quote Writer 1 96 Share Dinesh Kushbhuvanpuri 16 Sep 2025 · 1 min read मुक्तक:- मृत्यु और जीवन मुक्तक:- मृत्यु और जीवन मृत्यु निरंतर झूम रही है। नित जीवन को चूम रही है। बोझिल और विनाशी काया। सांसों खातिर घूम रही है॥ ©दिनेश कुशभुवनपुरी Quote Writer 1 498 Share Dinesh Kushbhuvanpuri 15 Sep 2025 · 1 min read नवगीत:- मन का पंछी मन का पंछी रात रात भर, परछाईं बोये। और पड़ी चुपचाप बेबसी चौखट पर रोये॥ मेघ खड़े झंझावातों के, नीर बहाने को। उर में उठे बवंडर भारी, नींद उड़ाने को।... नवगीत 1 84 Share Dinesh Kushbhuvanpuri 15 Sep 2025 · 1 min read मुक्तक:- मौन-3 मुक्तक:- मौन-3 मौन के साथ में मौन की गुफ्तगू। मौन को है सदा मौन की आरजू। मौन की आहटें मौन सुनता सदा। मौन में मौन का बह रहा है लहू॥3॥... Quote Writer 1 75 Share Dinesh Kushbhuvanpuri 15 Sep 2025 · 1 min read मुक्तक:- मौन-2 मुक्तक:- मौन-2 मौन से मौन का हो गया सामना। मौन में मौन की मौन सी कामना। मौन स्थिर खड़ा मौन की आस में। चाहता मौन भी मौन को थामना॥2॥ ©दिनेश... Quote Writer 1 66 Share Dinesh Kushbhuvanpuri 15 Sep 2025 · 1 min read मौन ने मौन से मौन में कुछ कहा। मौन ने मौन से मौन में कुछ कहा। मौन के दर्द को मौन ही ने सहा। मौन मनमानियां मौन सी जिंदगी। मौन की आँख से मौन आँसू बहा॥1॥ ©दिनेश कुशभुवनपुरी Quote Writer 1 58 Share Dinesh Kushbhuvanpuri 15 Sep 2025 · 1 min read मुक्तक:- परवाज़ हमारी याद आए तो हमे आवाज़ दे देना। झटक कर रेशमी जुल्फें नया अंदाज़ दे देना। पुराने दिन सुहाने थे नहीं यह सोचकर बैठो। नए सपने नयी मंजिल नया परवाज़... Hindi · मुक्तक 1 53 Share Dinesh Kushbhuvanpuri 15 Sep 2025 · 1 min read मुक्तक:- मनुहार मिलाकर तुम नयन मुझसे, कहो कुछ प्यार की बातें। हृदय के तार को जोड़ो, करो श्रृंगार की बातें। कहो कुछ दिन पुराने वो, जिया करते थे जिनको हम। सुहानी चाँदनी... Hindi · मुक्तक 1 40 Share Dinesh Kushbhuvanpuri 9 Jul 2025 · 1 min read नवगीत: श्वांसें करें हवन मोहपाश में बँधी आत्मा, कैसे करे भजन। भावों की आहुतियाँ देकर श्वांसें करें हवन॥ अहंकार की हर आहट पर, मन का रहे दखल। नित लालच की मृगतृष्णा में, गाता पाप... Hindi · नवगीत 1 124 Share Dinesh Kushbhuvanpuri 25 Feb 2017 · 1 min read ओज वाणी लिखूँ देश के नाम अपनी जवानी लिखूँ। वीरता की जहाँ में निशानी लिखूँ॥ बोस आजाद सुखदेव औ राज गुरु। फिर भगत सिंह की मैं कहानी लिखूँ॥ त्याग कर चल पड़े वीर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 408 Share Dinesh Kushbhuvanpuri 24 Dec 2016 · 1 min read हिंदी तो है शान हमारी विश्व के सभी हिंदी भाषियों को समर्पित- गीत - हिंदी तो है शान हमारी। हिंदी हम सबको है प्यारी। हिंदी तो है शान हमारी॥ ???????? कितनी सरल हमारी हिंदी। बनी... Hindi · गीत 2 735 Share Dinesh Kushbhuvanpuri 24 Dec 2016 · 1 min read काव्यमय जीवन विधा- गीतिका आधार छंद- लावणी छंद समांत- आर, पदांत- दिया। बहुत दिनों के बाद मीत मैं, लेखन को फिर धार दिया, भूल नहीं पाया हूँ यारों, आप सभी ने प्यार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 708 Share Dinesh Kushbhuvanpuri 24 Dec 2016 · 1 min read काला धन गजल : काला धन रात रात भर सपना दिखता रहता है। काले धन में जी बस अटका रहता है। कैसे सारे काले नोट चलाऊंगा। चोरों का मन इसमें उलझा रहता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 727 Share Dinesh Kushbhuvanpuri 24 Dec 2016 · 1 min read मैं कौन हूँ मैं कौन हूँ यह जानने आया धरा पर। जाने कहाँ अस्तित्व है जाने कहाँ दर। कोई मुझे अब राह मिल जाये अगर तो। मैं ढूंढ लूँगा स्वयं मंजिल पास जाकर॥... Hindi · मुक्तक 2 537 Share