Dimpal Khari Tag: ग़ज़ल/गीतिका 17 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dimpal Khari 4 May 2021 · 1 min read गीतिका तेरे धोखे से लगता हैं तुझे भी दर्द दे हम भी । तुझे यूँ दर्द में पाकर फिर भी रो दिए हम भी । भरोसा तोड़ा था तुमने दुबारा कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 564 Share Dimpal Khari 28 Jul 2020 · 1 min read ग़ज़ल कभी वो हमें खोने से डरते थे, आज मैं उन्हें खोने के डर में जी रही हूँ। ऐसा नही है की चाहत नही उन्हें हमसे , उनकी उम्मीद और ख़्वाहिश... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 11 10 425 Share Dimpal Khari 28 Sep 2019 · 1 min read गज़ल तोड़ी थी जिसकी खातिर हमने हदे सारी, आज उसने ही हमें हद में रहना सिखा दिया। कभी कहते थे प्यार हैं तुमसे , आज प्यार को महज़ खिलौना बना दिया।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 12 10 453 Share Dimpal Khari 29 Jul 2018 · 1 min read दर्द का आलम हमें ..... बैठे थे तन्हा, जहन में ख्याल आया कई दफा, करीब थे जो शख्स मेरे आज हैं वो क्यूँ खफ़ा। खामोशिया उनकी हमें ये मर यूं ही डालेंगी, तोड़ कर फिर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 2 331 Share Dimpal Khari 22 Jun 2018 · 1 min read गज़ल अनजानी राहों में अनजाने शहरों में , मेरे हमदम घूरती निगाहें बहुत हैं। किस डगर हम चले ऐ मेरे हमनशीं , हर कदम यहाँ निशाने बहुत हैं। चाहे रहे हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 6 2 369 Share Dimpal Khari 10 Jun 2018 · 1 min read चली जो कलम....... चली जो कलम तो अफसाना लिख गया, ये तो मेरे प्यार का फ़साना लिख गया। कितनी शिद्दत है मेरे प्यार में, प्यार बिकता नही किसी बाजार में। हो ही जाता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 569 Share Dimpal Khari 21 May 2018 · 1 min read अपना जब कोई दूर जाता हैं........ अपना जब कोई दूर जाता हैं, ये दिल कितना टूट जाता हैं। याद में उनकी हम रोये हर पल, प्यारी थी उनकी हर गल। लौट के आओगे तुम कब, ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 288 Share Dimpal Khari 20 May 2018 · 1 min read जिंदगी सब कुछ कह जाती हैं जिंदगी के उजियारों में , सत्ता के गलियारों में । ये लब कुछ कहे न कहे, ख़ामोशी सब कुछ कह जाती हैं। अपनी जिंदगी की , खुशिया लुटाये बैठे हैं।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 332 Share Dimpal Khari 20 May 2018 · 1 min read कमी कुछ भी नही कमी कुछ भी नही, फिर भी कमी सी लगती हैं। ये आसमां ये जमीं , कुछ थमी सी लगती हैं। बहती हुई कश्ती को एक किनारा चाहिए। इस बेनाम जिंदगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 285 Share Dimpal Khari 19 May 2018 · 1 min read काश ,हम छोटे हो जाते..... काश ,हम फिर छोटे हो जाते , गोद में माँ की फिर सो पाते। माँ की ममता का आँचल, अब याद बहुत आता हैं। कभी छोटे थे अब बड़े हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 252 Share Dimpal Khari 15 May 2018 · 1 min read प्रेम समर्पण मेरा सब कुछ अर्पण तुझको, मेरा प्रेम समर्पण तुझको। सब कुछ खोकर पाया तुझको। नही चाह अब कुछ भी मुझको। अपना सब कुछ वार दिया, तूने क्या इकरार किया। फिर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 317 Share Dimpal Khari 14 May 2018 · 1 min read बरखा का मौसम बरखा का मौसम जब-जब आया, मीत कोई बिछड़ा फिर याद आया। सपने दिल कई संजोने लगा, मन भी कही गुनगुनाने लगा। कभी साथ थे हम उनके सदा, निभा न सके... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 303 Share Dimpal Khari 12 May 2018 · 1 min read जिंदगी के बसंत अर्पण है तुझे ,समर्पण है तुझे मेरी जिंदगी के बसंत। यादों में तू,वादों में तू मेरे लफ्जो में तू है अनंत। मीत मेरे तू जीत मेरी, लागी हैं तुझसे प्रीत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 483 Share Dimpal Khari 11 May 2018 · 1 min read आदमी का जिस्म..... आदमी का जिस्म है जो, इससे ही बनता जहाँ। नहीं हैं ये चिरस्थायी, सबको मिटना हैं यहाँ आना -जाना हैं ये क्रम, जिंदगी भी है एक भ्रम। किस क्षणिक ये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 414 Share Dimpal Khari 9 May 2018 · 1 min read जिंदगी का सहारा जिंदगी को जिंदगी का सहारा चाहिए, वो सहारा भी हमे बस तुम्हारा चाहिए। टूटे सपने टूटी आशा, झूठी हैं अब हँसी। तन्हा-तन्हा हैं जिंदगी, तन्हा- तन्हा हर ख़ुशी। बीच दरिया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 314 Share Dimpal Khari 8 May 2018 · 1 min read बिछड़े यार मेरा यार ये कहाँ चला , क्यों बिछड़ गया ये क्या हुआ। न हम कहे न वो कहे , कैसा ये समां बंधा हुआ। अपना साया बनाकर हमे जब तू... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 301 Share Dimpal Khari 7 May 2018 · 1 min read मेरा बचपन बचपन का जब जिक्र हुआ ताजा हो गई सब यादे। जब निश्छल मन था मेरा अब हो गए झूठे वादे। कभी अश्कों भरी आँखे , कभी हँसते हुए चहरे ।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 645 Share