Dimpal Khari Language: Hindi 52 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Dimpal Khari 6 May 2018 · 1 min read नारी दुर्दशा जस्टिस फ़ॉर आसिफा का नारा सब ले लेते है, पुनः कांड निर्भया हो जाता फिर कुछ दिन रो लेते है। कौन नहीं जाने उन नरभक्षी हत्यारों को , फिर भी... Hindi · कविता 5 370 Share Dimpal Khari 6 May 2018 · 1 min read मेरी माँ माँ की ममता का कोई मोल नहीं, माँ जैसा कोई अनमोल नहीं । कभी सागर की गहराई सी, कभी पर्वत की ऊँचाई सी। कभी गंगा जैसी सुरसरिता , सब वेदों... Hindi · कविता 4 429 Share Previous Page 2