Dhriti Mishra Language: Hindi 16 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dhriti Mishra 17 Aug 2023 · 1 min read *मुलाकात* इक मुलाकात जो हुई सबसे यादें संजो गई पल भर में वक़्त कब गूज़र गया या यूंही हाथों से फिसल गया कुछ और पल मिलते कुछ और बातें करते कुछ... Hindi · आख़िरी मुलाकात · कविता · मुलाकात · यादें 1 227 Share Dhriti Mishra 17 Aug 2023 · 1 min read *उड़ान* जा रहे हो तुम, सात समुन्दर पार पर तुम लौट के ज़रूर आओगे मुझे यूंही इंतज़ार में खड़ा पाओगे मुड़ कर देखना एक बार या सौ बार । जाओ जाओ... Hindi · उड़ान · कविता 2 146 Share Dhriti Mishra 10 Jul 2023 · 1 min read फितरत इम्तिहानों की फितरत हराने की है क्या करूं, अपनी तो आदत ही जीत जाने की है ॥ उठते हैं समुन्दर में तूफान , नौका डुबाने के लिए क्या करूं, अपनी... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · फितरत 3 240 Share Dhriti Mishra 14 Jun 2023 · 1 min read मुस्कुरा दो ज़रा रास्ते हैं लम्बे , मंजिल है दूर ना भी पता हो मंजिल का , तो क्या मुस्कुरा दो ज़रा । गुलाब में हैं कांटे , या कांटो संग गुलाब जिंदगी... Poetry Writing Challenge · कविता · जीवन · माँ · मुस्कुराओ · मुस्कुराना 1 170 Share Dhriti Mishra 13 Jun 2023 · 1 min read जिस दिन से जिस दिन से, अपने अस्तितव को पहचाना है मैंने जिंदगी की उलझनों को ढ़केल जीने लगी हूं मैं । सुबह सवेरे की भागदौड़ जो छूटी थोड़ा आराम से देर तक... Poetry Writing Challenge · कविता · जिंदगी · दुनियां · महामारी · ये जिंदगी 124 Share Dhriti Mishra 13 Jun 2023 · 2 min read पर्यावरण और प्रकृति पर्यावरण और प्रकृति का मानव ने बनाया क्या ये हाल। आधुनिकता और नवीनीकरण के नाम पर चलने लगे अब उलट ही चाल कुछ सौ वर्ष हम पीछे जाएं जीवन सरलता... Poetry Writing Challenge · कविता · पर्यावरण · पर्यावरण दिवस · प्रकृति · विश्व पृथ्वी दिवस 215 Share Dhriti Mishra 13 Jun 2023 · 1 min read मन और मस्तिष्क मन में व्यथा थी और, व्यथा तो व्यथा थी महामारी की उपज थी करोना का कहर थी चारों ओर केवल एकांत और अकेलापन उस पर यह भारी सा मन सड़के... Poetry Writing Challenge · आशावाद · कविता · मन · मनोचिकित्सक · मस्तिष्क 252 Share Dhriti Mishra 13 Jun 2023 · 1 min read नीलेश दुनिया में फरेबी और झूठे भी हैं पर राह में खड़े तुम - से, सच्चे भी तो हैं। धड़कता है सभी के सीने में - दिल पर सीने में तुम्हारे... Poetry Writing Challenge · करुणा · कविता · नीलेश · मित्र · मित्रता 244 Share Dhriti Mishra 11 Jun 2023 · 1 min read व्यथा - एक कविता बनी जब उत्तम एक कविता लगी ढूँढने ------ एक श्रोता किसको सुनाऊ , किस पर दोहराऊं जन्म की अपनी वीर गाथा सोच कर यह निकल पड़ी कवि के मन से... Poetry Writing Challenge · कविता · वीर गाथा · श्रोता 112 Share Dhriti Mishra 11 Jun 2023 · 1 min read जब तुम मिलीं - एक दोस्त से सालों बाद मुलाकात होने पर । भीड़ में एक दिन जब मुझे तुम मिली, लगा यूँ की खूब मिली, मिली मुझे - ज़िंदगी . यूँ मिलते मिलाते, हंसते खिलखिलाते, आया--- हवा का झोंका एक दिन एक... Poetry Writing Challenge · कविता · जिंदगी · दोस्ती · मुलाकात 163 Share Dhriti Mishra 11 Jun 2023 · 1 min read क्षितिज आकाश में विचरते नभचर अनेक, उड़ती हैं पतंगे रंगित अनेक. विचरती उतरती दूर नभ में क्षितिज तक...पंख पसारती, पर बंधन है, डोर है, नभचर तो बे-डोर हैं क्षितिज का रस... Poetry Writing Challenge · आकाश · कविता · क्षितिज · नभचर · मृगतृष्णा 222 Share Dhriti Mishra 11 Jun 2023 · 1 min read एक बार फिर । एक बार फिर थामाँ है हाथ मेरा तुमने गिरते लड़खड़ाते कदमो को मेरे, सराहा है तुमने अतीत की परछाइयों ने घेरा जब मुझको अंधेरो से लड़ना सिखाया है तुमने। भविष्य... Poetry Writing Challenge · उपवन · कविता · दोस्ती · दोस्ती-तेरी-मेरी · हाथ 316 Share Dhriti Mishra 11 Jun 2023 · 1 min read सर्दी धरती ने ली, कुछ करवटें। सूरज का ताप कुछ इस तरह सिमटा! तन पर गर्म कपड़ों को लिया हमने लिपटा जब हवा ने की, कुछ शीतल हरकतें। महीना दिसंबर का... Poetry Writing Challenge · कविता · दीपक · धरती · बसंत · सर्दी 185 Share Dhriti Mishra 11 Jun 2023 · 1 min read जनमदिन तुम्हारा !! आज फिर याद आ गये मुझे, अल्हड़पन के दिन, जो बीत गये, खूबसूरत वो पल, जाने कहाँ बीत गये उन सवेरो को इंतेज़ार रहता था तेरा, तेरी मुस्कुराहट का मोहताज़... Poetry Writing Challenge · कविता · कालेज · जनमदिन · दोस्ती · दोस्ती-तेरी-मेरी 218 Share Dhriti Mishra 11 Jun 2023 · 2 min read आवाज आवाज हूं मैं इस भूमि की आवाज हूं ,अनंत की अव्यक्त की ,आवाम की आवाज हूं तेरे हृदय की ,मस्तिष्क की , मैं इंसान की आवाज हूं पूछती है यह... Poetry Writing Challenge · आवाज़ · कविता · लक्ष्मी बाई 1 129 Share Dhriti Mishra 11 Jun 2023 · 1 min read नारायणी जीवन की भगदड़ में, कुछ पल, जी लेती है वो । फिसलते लम्हों को भी,किसी तरह सम्भाल लेती है वो।। घड़ी की रफ्तार से कुछ क्षण चुराकर, मुस्कुरा देती है... Poetry Writing Challenge · आंचल · कविता · नारी · बिटिया-रानी · ममता 199 Share