धीरज कुमार "ध्यानू" Language: Hindi 12 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid धीरज कुमार "ध्यानू" 20 May 2020 · 1 min read मैं तेरे धर्म का स्वाद चख लूँ तू मेरे धर्म का स्वाद पा मैं तेरे धर्म का स्वाद चख लूँ तू इस बार नवरात्रे रख मैं इस बार रोजे रख लूँ ---ध्यानू Hindi · मुक्तक 4 3 273 Share धीरज कुमार "ध्यानू" 20 May 2020 · 1 min read मुहोब्बत है जिसका मज़हब घुटन का जिक्र हर तरफ हम खुली हवा की बात करें मर्ज का जिक्र हर जुबां पे हम दवा की बात करें नफरते फैला रहा तेरा खुदा मेरा खुदा मुहोब्बत... Hindi · मुक्तक 4 1 247 Share धीरज कुमार "ध्यानू" 20 May 2020 · 1 min read मुझे पैसा कमाने दो मरती है चिरैया तो मर जाने दो मुझे पैसा कमाने दो कटते है पेड़ तो कट जाने दो मुझे पैसा कमाने दो घुलता है जहर नदियों में तो घुल जाने... Hindi · कविता 4 1 430 Share धीरज कुमार "ध्यानू" 20 May 2020 · 1 min read तेरी औकात ही कुछ नही जो तू हो रहा इस तरह तबाह है तुझे याद है क्या क्या तेरे गुनाह है कारखानों का मल नदियों में बहाता था थूकता था आसमान की ओर धुआं और... Hindi · कविता 4 3 558 Share धीरज कुमार "ध्यानू" 19 May 2020 · 1 min read रीड की वापसी का सफर किसी का खेत कमाते थे किसी के बच्चे खिलाते थे किसी का बागीचा संवारते थे गाड़ी में सामान चढ़ाते थे, उतारते थे हम सोते थे पांच कमरों में चार जन... Hindi · कविता 4 2 342 Share धीरज कुमार "ध्यानू" 19 May 2020 · 1 min read इज्जत की गठरी ले मुझसे इज्जत की गठरी ये भइया को दे बाबा युग बीते सदियाँ बीती मैं ढोते ढोते हार गई ये इज्जत की गठरी मुझको कदम कदम पे मार गई हंसी... Hindi · कविता 5 2 478 Share धीरज कुमार "ध्यानू" 19 May 2020 · 1 min read आ गुदगुदी करें आ उदासी को गुदगुदी करें आ आंसुओ में हंसी भरें कर दे जो खुश तुझे कर दे जो खुश् मुझे इस होश में ऐसी बेखुदी भरें आ उदासी को गुदगुदी... Hindi · कविता 8 2 412 Share धीरज कुमार "ध्यानू" 19 May 2020 · 1 min read बरसा ले लाखों मन पानी बरसा ले लाखो मन पानी ये आग तो है दिवानी इस पानी से और लगेगी और लगेगी और देख धड़कन कैसे धड़क रही है हर बूँद से आग और भड़क... Hindi · कविता 5 2 217 Share धीरज कुमार "ध्यानू" 19 May 2020 · 1 min read मुझे तसल्ली से मरने दे तू जी मर मर के मुझे तसल्ली से मरने दे तू दौलत कमा मुझे मुहब्बत करने दे तुझे डराती है गहराई उफनते दरिया की तू बैठ किनारे मुझे दरिया में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 196 Share धीरज कुमार "ध्यानू" 19 May 2020 · 1 min read बुरा ना कोए सारे जग को कहे बुरा निज मन झांके न कोए एक कबीरा, एक मैं जग में बुरे बस दोए। Hindi · दोहा 5 1 392 Share धीरज कुमार "ध्यानू" 19 May 2020 · 1 min read ग़ज़ल लिख दू कभी बेखुदी में कभी संभल संभल लिख दू आ अपने होठों से तेरे होठों पे इक ग़ज़ल लिख दू कुछ लिखू पहले सी कुछ बदल बदल लिख दू आ अपने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 256 Share धीरज कुमार "ध्यानू" 18 May 2020 · 1 min read माँ देकर मुझको सूखा बिस्तर गीले पर सो जाती माँ मैं सो जाऊ गहरी नींद में खुद लोरी हो जाती माँ माँ डाली मैं फल के जैसा हर दम उससे चिपका... Hindi · कविता 3 2 446 Share