Dhananjay chaurasiya 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dhananjay chaurasiya 10 Sep 2018 · 2 min read उपवास अन्न का नही विचारों का करे. pura jarur pade ? कपड़े हो गए छोटे ? लाज कहाँ से आए ?रोटी हो गई ब्रैड ? ताकत कहाँ से आए ? फूल हो गए प्लास्टिक के ♨ खुशबू... Hindi · कविता 2 2k Share Dhananjay chaurasiya 8 Sep 2018 · 1 min read *भगवान की अदालत में वकालत नहीं होती. *किन साँसों का मैं एतबार करूँ जो अंत में मेरा साथ छोड जाऐंगी.!* *किस धन का मैं अंहकार करूँ जो अंत में मेरे प्राणों को बचा ही नहीं पाएगा..!!* *किस... Hindi · लेख 1 2k Share Dhananjay chaurasiya 6 Sep 2018 · 1 min read ?? *सुप्रभात* ?? *झूठ कहते हैं कि संगत का असर होता है...* *आज तक ना काँटों को महकने का सलीका आया*, *और ना फूलों को चुभना आया....!!!*?☝? *बात कड़वी है पर सच है।*... Hindi · लेख 293 Share Dhananjay chaurasiya 3 Sep 2018 · 1 min read जीवन में दोस्त पुराने नहीं आते.. ....मै यादों का किस्सा खोलूँ तो, कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.... ...मै गुजरे पल को सोचूँ तो, कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.... _...अब जाने कौन सी नगरी में,_... Hindi · कविता 1k Share Dhananjay chaurasiya 2 Sep 2018 · 3 min read लेकिन खोज के लाओ, पहले वो इन्सानी कुत्ते ..!! कोर्ट में एक अजीब मुकदमा आया ? ? एक सिपाही एक कुत्ते को बांध कर लाया ? ? सिपाही ने जब कटघरे में आकर कुत्ता खोला ? ? कुत्ता रहा... Hindi · कविता 270 Share Dhananjay chaurasiya 2 Sep 2018 · 1 min read *इंसान जाने कहां खो गये* *एक अच्छी कविता जो मनन योग्य है।* _"जाने क्यूं_ _अब शर्म से,_ _चेहरे गुलाब नही होते।_ _जाने क्यूं_ _अब मस्त मौला मिजाज नही होते।_ _पहले बता दिया करते थे, दिल... Hindi · लेख 551 Share