तुलसी पिल्लई 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid तुलसी पिल्लई 25 Oct 2019 · 1 min read दया दृष्टि "दया-दृष्टि" तुम जो कहोगे मैं वो करूँगी तुम जैसा चाहोगे मैं वो बनूँगी छोड़ दूँगी तुम्हारे लिए सब कुछ हर बुरा स्वभाव अभिमान, घृणा, ईर्ष्या और त्याग दूँगी कुटिल मन... Hindi · कविता 2 347 Share तुलसी पिल्लई 27 Sep 2019 · 5 min read एक झूठ एक झूठ ------------------- आज उसके चेहरे पर मुस्कान देखकर मुझे बहुत राहत मिली। उसकी प्यारी मुस्कान से मुझे लगा कि अब बसंत आ गया है, और पतझड़ जाने वाला है।... Hindi · कहानी 1 741 Share तुलसी पिल्लई 19 Mar 2019 · 1 min read कोई छाया "कोई छाया" ------------------ तुम्हारी कदमों की आहट आती है अक्सर जब अंधेरा फैला हो आस-पास मैं पूछती-वहाँ कौन? तुम कुछ न बोलकर रहते हो -मौन मेरे उर की अकुलाहट लेती... Hindi · कविता 1 589 Share तुलसी पिल्लई 13 Mar 2019 · 1 min read एक दूसरे का मन "एक-दूसरे का मन" ------------------------ एक बूँद मेरी आँखों से छलक कर मेरे गालों पर लढ़क कर आया है इसका मतलब तुमसे मेरा प्रेम मत समझना यह केवल मात्र तुम्हारा भम्र... Hindi · कविता 1 453 Share तुलसी पिल्लई 12 Mar 2019 · 1 min read रात के अंधेरों में "रात के अन्धेरों में" ----------------------- मेरा प्रेम उस जल की तरह है जिस पर लाठी की मार पड़ते ही कुछ समय के लिए जल,जल सें अलग हो जाता है और... Hindi · कविता 3 1 431 Share तुलसी पिल्लई 11 Mar 2019 · 5 min read आषाढ़ का मौसम "आषाढ़ का मौसम" -------------------------- मुझे दिल्ली जाना था।चूँकि मैं एक चित्रकार हूं। वहां कई विशिष्ट चित्रकारों व युवा चित्रकारों के रंगों से सराबोर कला का प्रदर्शन देखने जा रहा हूं।मेरा... Hindi · कहानी 356 Share तुलसी पिल्लई 11 Mar 2019 · 1 min read शीर्षक:-पहाड़ी के उस छोर "पहाड़ी के उस छोर" --------------------------- अपने आँसू रूपी कितने पंकज अर्पण करती हूँ? तुम्हारे चरणों में गिनने योग्य कहाँ? हर रोज अपने प्रेम के दीपक कितने जलाती हूँ तुम्हारे चरणों... Hindi · कविता 456 Share तुलसी पिल्लई 10 Mar 2019 · 1 min read कविता शीर्षक:- "चाँद से प्रेम" ----------------- मैं तुम से नहीं चाँद से प्रेम करती हूँ तुम आसमान में हो यह सोचकर नहीं मै आसमान में चाँद को देखती हूँ कई घण्टों हाँ,... Hindi · कविता 1 1 300 Share तुलसी पिल्लई 28 Feb 2019 · 1 min read "पहाड़ी के उस छोर" "पहाड़ी के उस छोर" --------------------------- अपने आँसू रूपी कितने पंकज अर्पण करती हूँ? तुम्हारे चरणों में गिनने योग्य कहाँ? हर रोज अपने प्रेम के दीपक कितने जलाती हूँ तुम्हारे चरणों... Hindi · कविता 3 3 454 Share तुलसी पिल्लई 14 Nov 2018 · 1 min read कविता शीषक:- नाम:-तुलसी पिल्लई(जोधपुर,राजस्थान) "माँ का आँचल" ---------------------- जब छोटी-छोटी शिशु रही माँ के आँचल में छुपी गोद में रही दन्त रहित मुस्कान से माँ की आँखें भींग गई जब पाँव में... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 26 84 1k Share