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उम्रभर रोशनी दिया लेकिन,आज दीपक धुआं धुआं हूं मैं।
उम्रभर रोशनी दिया लेकिन,आज दीपक धुआं धुआं हूं मैं।
दीपक झा रुद्रा
झोपड़ियों से बांस खींचकर कैसे मैं झंडा लहराऊँ??
झोपड़ियों से बांस खींचकर कैसे मैं झंडा लहराऊँ??
दीपक झा रुद्रा
चाहतों की सेज न थी, किंतु ख्वाबों  का गगन था.....
चाहतों की सेज न थी, किंतु ख्वाबों का गगन था.....
दीपक झा रुद्रा
हैं जो कुछ स्मृतियां वो आपके दिल संग का
हैं जो कुछ स्मृतियां वो आपके दिल संग का
दीपक झा रुद्रा
आप देखो जो मुझे सीने  लगाओ  तभी
आप देखो जो मुझे सीने लगाओ तभी
दीपक झा रुद्रा
छंद
छंद
दीपक झा रुद्रा
तुम कहो या न कहो
तुम कहो या न कहो
दीपक झा रुद्रा
मैं मुहब्बत के काबिल नहीं हूं।
मैं मुहब्बत के काबिल नहीं हूं।
दीपक झा रुद्रा
तेरे उल्फत की नदी पर मैंने यूंँ साहिल रखा।
तेरे उल्फत की नदी पर मैंने यूंँ साहिल रखा।
दीपक झा रुद्रा
तुम कहो या न कहो,है उम्रभर की यह प्रतीक्षा
तुम कहो या न कहो,है उम्रभर की यह प्रतीक्षा
दीपक झा रुद्रा
हमनवा हमनवा
हमनवा हमनवा
दीपक झा रुद्रा
अंतर्मन में खामोशी है
अंतर्मन में खामोशी है
दीपक झा रुद्रा
मौत नर्तन कर रही सर पर मेरे....
मौत नर्तन कर रही सर पर मेरे....
दीपक झा रुद्रा
जो कहना है,मुंह पर कह लो
जो कहना है,मुंह पर कह लो
दीपक झा रुद्रा
गीत पिरोते जाते हैं
गीत पिरोते जाते हैं
दीपक झा रुद्रा
विरह योग
विरह योग
दीपक झा रुद्रा
हो तन मालिन जब फूलों का, दोषी भौंरा हो जाता है।
हो तन मालिन जब फूलों का, दोषी भौंरा हो जाता है।
दीपक झा रुद्रा
फिर कैसे गीत सुनाऊंँ मैं?
फिर कैसे गीत सुनाऊंँ मैं?
दीपक झा रुद्रा
सच दुनियांँ को बोल नहीं
सच दुनियांँ को बोल नहीं
दीपक झा रुद्रा
अभिशाप
अभिशाप
दीपक झा रुद्रा
उर से तुमको दूंँ निर्वासन।
उर से तुमको दूंँ निर्वासन।
दीपक झा रुद्रा
छलावा बन गई दुल्हन की किसी की
छलावा बन गई दुल्हन की किसी की
दीपक झा रुद्रा
अभिषापित प्रेम
अभिषापित प्रेम
दीपक झा रुद्रा
उम्र भर इस प्रेम में मैं बस तुम्हारा स्वप्न पाऊंँ
उम्र भर इस प्रेम में मैं बस तुम्हारा स्वप्न पाऊंँ
दीपक झा रुद्रा
चलिए देखेंगे सपने समय देखकर
चलिए देखेंगे सपने समय देखकर
दीपक झा रुद्रा
क्योंँ छोड़कर गए हो!
क्योंँ छोड़कर गए हो!
दीपक झा रुद्रा
तुम दरिया हो पार लगाओ
तुम दरिया हो पार लगाओ
दीपक झा रुद्रा
एक तुम ही थे हमारे
एक तुम ही थे हमारे
दीपक झा रुद्रा
द्वंद
द्वंद
दीपक झा रुद्रा
पीड़ाओं के संदर्भ
पीड़ाओं के संदर्भ
दीपक झा रुद्रा
विरह पीड़ा
विरह पीड़ा
दीपक झा रुद्रा
कहांँ गए वो भाव अमर उद्घोषों की?
कहांँ गए वो भाव अमर उद्घोषों की?
दीपक झा रुद्रा
स्वीकार्य
स्वीकार्य
दीपक झा रुद्रा
ग़ज़ल
ग़ज़ल
दीपक झा रुद्रा
करुणा, स्याही बनकर गीत लिख दो....
करुणा, स्याही बनकर गीत लिख दो....
दीपक झा रुद्रा
पीड़ाओं के संदर्भ
पीड़ाओं के संदर्भ
दीपक झा रुद्रा
स्वागत है कोंपल क्रीड़ा में.......
स्वागत है कोंपल क्रीड़ा में.......
दीपक झा रुद्रा
एक तुम ही थे हमारे किस सपन की बात करता।
एक तुम ही थे हमारे किस सपन की बात करता।
दीपक झा रुद्रा
उर से तुमको दूंँ निर्वासन!
उर से तुमको दूंँ निर्वासन!
दीपक झा रुद्रा
पश्चाताप की अग्नि
पश्चाताप की अग्नि
दीपक झा रुद्रा
जीवन की जर्जर कश्ती है,तुम दरिया हो पार लगाओ...
जीवन की जर्जर कश्ती है,तुम दरिया हो पार लगाओ...
दीपक झा रुद्रा
लाल बहादुर शास्त्री अमर रहे.......
लाल बहादुर शास्त्री अमर रहे.......
दीपक झा रुद्रा
हिंदी साहित्य परंपरा
हिंदी साहित्य परंपरा
दीपक झा रुद्रा
मैथिली ग़ज़ल
मैथिली ग़ज़ल
दीपक झा रुद्रा
मैथिली कविता
मैथिली कविता
दीपक झा रुद्रा
स्वप्न अखण्ड भारत
स्वप्न अखण्ड भारत
दीपक झा रुद्रा
एक हो भाई एक हो चारा
एक हो भाई एक हो चारा
दीपक झा रुद्रा
धृतराष्ट्र–विदुर संवाद
धृतराष्ट्र–विदुर संवाद
दीपक झा रुद्रा
मर्ज
मर्ज
दीपक झा रुद्रा
पिता
पिता
दीपक झा रुद्रा
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