दीपक श्रीवास्तव Tag: कविता 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid दीपक श्रीवास्तव 20 Jul 2021 · 1 min read **** सायली छंद **** ** सायली छंद ** विषय: "देश" देश की सेवा में चाहे प्राण ही देना पड़े। तो प्राण देकर देश की रक्षा हमें करनी पड़ेगी। देश पर जो मर मिटे करते... Hindi · कविता 2 2 327 Share दीपक श्रीवास्तव 26 May 2021 · 1 min read !! रोला छंद !! रोला छंद ******* तकलीफों का दौर, आज है कल जाएगा सोच रहे हैं लोग, समय कब छल जाएगा हो दुख वाली बात, बात दुख पहुंचाएगी रख लो थोड़ा धैर्य, खुशी... Hindi · कविता 4 2 478 Share दीपक श्रीवास्तव 17 May 2021 · 1 min read !! नारी की महिमा !! आँचल में दाग धरे भारी जीवन भर त्याग करे नारी मैं हाथ जोड़कर नमन करूँ नारी की महिमा है न्यारी। कवियों की कविताई हो तुम तुलसी की चौपाई हो खुसरो... Hindi · कविता 3 4 1k Share दीपक श्रीवास्तव 16 May 2021 · 1 min read !! जीवन !! !! जीवन !! जीवन है तो जीवन में लगी रहती परेशानी, परेशानी से घबरा कर कभी गमगीन मत होना, सुख औ दुख तो हैं बस एक ही सिक्के के दो... Hindi · कविता 3 4 613 Share दीपक श्रीवास्तव 13 May 2021 · 1 min read !! आदत न जाएगी !! !! आदत न जाएगी !! **************** कितना भी सिंह वाले रंग में रंगे शृगाल, शृगाल में सिंह वाली ताक़त न आएगी। व्यंजन पे व्यंजन जो स्वान को खिलाओ तो भी,... Hindi · कविता 5 4 534 Share दीपक श्रीवास्तव 11 May 2021 · 1 min read .....रहने दो विधाता-छंद ********** कहीं डंस ले न तनहाई किसी को पास रहने दो, रहे जो साथ में हरदम उसे तो खास रहने दो। अगर बढ़ने लगे दूरी दिलों के दरमियां प्यारे,... Hindi · कविता 6 6 585 Share दीपक श्रीवास्तव 9 May 2021 · 1 min read प्रेम प्रेम *** दो दिलों की धड़कनों का एक होना प्रेम है, सच्ची चाहत का सदा एहसास ही तो प्रेम है। प्रेम ही तो आदमी को आदमी से जोड़ता है, वरना... Hindi · कविता 4 546 Share दीपक श्रीवास्तव 1 May 2021 · 1 min read मजदूर कड़ी धूप में दिन भर पसीना बहाता है, तब जाकर दो जून की रोटी कमाता है, कमजोर, लाचार, गरीब और मजबूर है। इसीलिए तो आज वो बंदा मज़दूर है। बड़े-बड़े... Hindi · कविता 6 6 602 Share