कवि दीपक बवेजा Language: Hindi 174 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read कुछ तो कर गुजरने का कुछ तो कर गुजरने का अब #अरमान दिल में है ! जमीन नहीं है मंजिल मेरी खुला #आसमान दिल में है!! #आसमानों की जद में रहना, फिर भी अपनी #हद... Poetry Writing Challenge-3 21 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read रोशन सारा शहर देखा रोशन सारा शहर देखा, पर दीए तले अंधेरा देखा ! पानी भरे समंदर देखे , फिर भी हमने प्यासा देखा!! भरे भरे धन कोष देखें, उनका छोटा मन देखा है... Poetry Writing Challenge-3 24 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read बस एक बार और……… स्वप्न स्वप्न सब भूल गया अब उम्मीदों से हारा है वह ….. कर एक प्रयास बस एक बार और……… जैसे तैसे धैर्य जुटाकर करने लगा अगला प्रयास वह फिर असफलता... Poetry Writing Challenge-3 26 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read हौसला जिद पर अड़ा है हौसला जिद पर अड़ा है लौटना तोहीन होगी नदियां निकल गई है समुंदर से बेवफाई क्यों ।।१ जिस गली जाना नहीं है वहां से रुक मोड़ लो छोड़ आए गलियां... Poetry Writing Challenge-3 1 26 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read अपनी ताकत को कलम से नवाजा जाए अपनी ताकत को कलम से नवाजा जाए अपनी ताकत को कलम से नवाजा जाए, हर बात मयस्सर होती कहां जमाने में । जरूरत आएगी तो हो जाएंगे रुखसत ; क्यों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 22 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read माँ माँ वह हमारी खातिर.., मौत से लड़ जाती है | जब जाकर हमारी, देह में प्राण लाती है | छोटी छोटी विपदा हो, दुनिया से लड़ जाती है | साहस... Poetry Writing Challenge-3 29 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 2 min read तब घर याद आता है आंखें नम हो जाती हैं याद मां की आती है , जब भूख सताती है तब घर याद आता है! दिल में दवी ख्वाहिश जब अधूरी रहती है , जेब... Poetry Writing Challenge-3 32 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read संघर्षों के राहों में हम संघर्षों के राहों में हम नदियों को भी मोडेगे, आंधियों में जलकर गुरूर हवा का तोड़ेंगे | एक बार जो ठान लिया मंजिल अपना मान लिया, आंखों में तूफ़ान लिया... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 25 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read उसको उसके घर उतारूंगा उसको उसके घर उतारूंगा मैं अकेला ही घर जाऊंगा उसको उसके घर उतारूंगा मैं अकेला ही घर जाऊंगा, अगर वो नहीं मिला मुझको तो मैं कौन सा मर जाऊंगा |... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 25 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read यह सादगी ये नमी ये मासूमियत कुछ तो है यह सादगी ये नमी ये मासूमियत कुछ तो है तेरे लहजे पर यह कोरी किताब कुछ तो है यह सादगी ये नमी ये मासूमियत कुछ तो है । जब से... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 24 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read अपना भी नहीं बनाया उसने अपना भी नहीं बनाया उसने अपना भी नहीं बनाया उसने और किसी और का होने भी नहीं दिया । बात भी नहीं की उसने मुझसे और रात भर उसने सोने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 16 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read एक उड़ती चिड़िया बोली एक उड़ती चिड़िया बोली एक उड़ती चिड़िया बोली तू क्यों नहीं उठ सकता है अंतर्मन में झांक जरा तू क्या कर सकता है एक अकेला जुगनू भी अंधकार हर सकता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 29 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read जिंदगी है कि जीने का सुरूर आया ही नहीं जिंदगी है कि जीने का सुरूर आया ही नहीं वह मुझसे मिलने कभी बाहर आया ही नहीं ! मेरे अंदर से होकर के गुजरे हैं कई मौसम रास्ते में रहा... Poetry Writing Challenge-3 1 15 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read हर एक मन्जर पे नजर रखते है.. हर एक मन्जर पे नजर रखते है.. हम हर खंजर की खबर रखते हैं..! इतने गम है मगर अपनो का ध्यान, रखा नही जाता, फिर भी रखते है!! है वाकिफ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 21 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read चमकते चेहरों की मुस्कान में…., चमकते चेहरों की मुस्कान में…., उसके चेहरे की सादगी कुछ तो है आंखों के दरमियान देखा है हमने आंखों में शर्म ए लाज कुछ तो है दिखता है खुले पुस्तक... Poetry Writing Challenge-3 1 16 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 2 min read कुछ कर चले ढलने से पहले कुछ कर चले ढलने से पहले सूरज इस उम्मीद मै निकलता होगा कुछ कर चले ढलने से पहले, ए दरिया नदी तेरी ना हो सकी समुद्र में मिलने से पहले,... Poetry Writing Challenge-3 1 18 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read रेत पर मकान बना ही नही रेत पर मकान बना ही नही वो शक्स मेरा बना ही नही । उस मुकदमा को जीतते कैसे, हमारे साथ कोई गवा ही नही ।। अलग रास्ते से गुजर के... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 26 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read फूल को,कलियों को,तोड़ना पड़ा फूल को,कलियों को,तोड़ना पड़ा मोहब्बत को रास्ते में छोड़ना पड़ा ऐसी नाव पर सवार हो गए थे हम बीच रास्ते नाब को मोड़ना पड़ा !! जिन किनारों की थी मंजिल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 14 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read चले हैं छोटे बच्चे अंधकार को दूर हटाने चले हैं छोटे बच्चे अंधेरो में जलते बुझते चले हैं छोटे बच्चे…. खुद ही खुद की राह बनाने चले हैं छोटे बच्चे …. मात-पिता का नाम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 23 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read जो रास्ते हमें चलना सीखाते हैं जो रास्ते हमें चलना सीखाते हैं….. वही रास्ते हमें रास्तों में छोड़ जाते हैं, कई मजबूरीयों के किस्से सुनाते हैं और कदमों के निशान छोड़ जाते हैं कभी जिंदगी के... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 17 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read जब किसी पेड़ की शाखा पर पल रहे हो जब किसी पेड़ की शाखा पर पल रहे हो एक पौधा तो अपना भी उगाना चाहिए कितनी भी उड़ाने भरो आसमान में लेकिन शाम होते ही धरती पर लौट आना... Poetry Writing Challenge-3 1 14 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो क्यों फिर छोटी-छोटी बातों पर तुम शर्मिंदा हो खुला आसमान खुली हवाएं बैठी अंतर्मन में ज्वाला फिर भी पर ही नहीं... Poetry Writing Challenge-3 1 37 Share कवि दीपक बवेजा 31 May 2024 · 1 min read अरमान दिल में है अरमान दिल में है कुछ तो कर गुजरने का अब #अरमान दिल में है ! जमीन नहीं है मंजिल मेरी खुला #आसमान दिल में है!! #आसमानों की जद में रहना,... Poetry Writing Challenge-3 1 13 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read हमने तूफानों में भी दीपक जलते देखा है हमने तूफानों में भी दीपक जलते देखा है उजड़ी दुनिया में हमने जीवन पलते देखा है रात चाहे कट गई हो घनघोर अंधेरे में लेकिन हमने अंधियालो के भीतर भौर... Hindi · कविता 65 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read नाजुक देह में ज्वाला पनपे नाजुक देह में ज्वाला पनपे कौन सहेगा तपिश यहाँ बरसों से अब बारिश को तरस रही है झितिज जहां लक्ष्मी जैसी बाई कहां अब वीर शिवा सा योद्धा नहीं कृष्ण... Hindi · Quote Writer 79 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read एक पौधा तो अपना भी उगाना चाहिए जब किसी पेड़ की शाखा पर पल रहे हो एक पौधा तो अपना भी उगाना चाहिए कितनी भी उड़ाने भरो आसमान में लेकिन शाम होते ही धरती पर लौट आना... Hindi · कविता · कुण्डलिया · कोटेशन 1 67 Share कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो क्यों फिर छोटी-छोटी बातों पर तुम शर्मिंदा हो खुला आसमान खुली हवाएं बैठी अंतर्मन में ज्वाला फिर भी पर ही नहीं... Hindi · कोटेशन · मुक्तक 2 71 Share कवि दीपक बवेजा 16 Feb 2024 · 1 min read अंतरिक्ष के चले सितारे अंतरिक्ष के चले सितारे नई उड़ाने भरने को नई आस है नई उमंग सपने पूरे करने को हौसले बुलंद लिए आंखों में उमंग लिए सपनो के ये रंग लिए संघर्षों... Hindi · Poem · कविता 45 Share कवि दीपक बवेजा 16 Feb 2024 · 1 min read हर एक रास्ते की तकल्लुफ कौन देता है हर एक रास्ते की तकल्लुफ कौन देता है........ के पक्षी को उड़ाने की इजाजत कौन देता है..., हर घर की बुनियाद में छिपा है नीम का पत्थर.., अपने परिचय के... Hindi · कविता 1 81 Share कवि दीपक बवेजा 16 Feb 2024 · 1 min read जो रास्ते हमें चलना सीखाते हैं..... जो रास्ते हमें चलना सीखाते हैं..... वही रास्ते हमें रास्तों में छोड़ जाते हैं, कई मजबूरीयों के किस्से सुनाते हैं और कदमों के निशान छोड़ जाते हैं कभी जिंदगी के... Hindi · 7kavita · Best Poem · कविता 1 89 Share कवि दीपक बवेजा 7 Jan 2024 · 1 min read चलो आज खुद को आजमाते हैं चलो आज खुद को आजमाते हैं .. धाराओं के विपरीत निकल जाते हैं इस रास्ते के उसे पर जाकर मंजिल को अपना बनाते हैं जिंदगी के कोरे कागज की नाजुक... Hindi · कविता 1 96 Share कवि दीपक बवेजा 18 Dec 2023 · 1 min read चले हैं छोटे बच्चे अंधकार को दूर हटाने चले हैं छोटे बच्चे अंधेरो में जलते बुझते चले हैं छोटे बच्चे.... खुद ही खुद की राह बनाने चले हैं छोटे बच्चे .... मात-पिता का नाम... Hindi · 25 कविताएं 1 118 Share कवि दीपक बवेजा 13 Nov 2023 · 1 min read फूल को,कलियों को,तोड़ना पड़ा फूल को,कलियों को,तोड़ना पड़ा मोहब्बत को रास्ते में छोड़ना पड़ा ऐसी नाव पर सवार हो गए थे हम बीच रास्ते नाब को मोड़ना पड़ा !! जिन किनारों की थी मंजिल... Hindi · कविता · ग़ज़ल · दोहा · शेर 2 191 Share कवि दीपक बवेजा 13 Nov 2023 · 1 min read दिये को रोशननाने में रात लग गई दिये को रोशननाने में रात लग गई अंधेरों को हटाने में बारात लग गई मैं टूटे हुए ख्वाब पूरे करके खुश हूँ उसी को बनाने में जिंदगी लग गई १... Hindi · कविता · ग़ज़ल · मुक्तक · शेर 1 226 Share कवि दीपक बवेजा 12 Nov 2023 · 1 min read लिख रहा हूं कहानी गलत बात है लिख रहा हूं कहानी गलत बात है जिंदगी की जवानी अलग बात है । आंखों का ये पानी अलग बात है मेरी अधूरी कहानी अलग बात है ।। उसका मुस्कुराना... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 1 225 Share कवि दीपक बवेजा 11 Nov 2023 · 1 min read रेत पर मकान बना ही नही रेत पर मकान बना ही नही वो शक्स मेरा बना ही नही । उस मुकदमा को जीतते कैसे, हमारे साथ कोई गवा ही नही ।। अलग रास्ते से गुजर के... Hindi · कविता · ग़ज़ल · गीतिका · दोहा 1 209 Share कवि दीपक बवेजा 11 Nov 2023 · 1 min read हाथों से कुछ कुछ रिसक रहा है. बाहर पानी बरस रहा है खिड़की पर कोई तरस रहा है तन्हा तन्हा रातों में हाथों से कुछ कुछ रिसक रहा है..। बातों पर जो अपनी कायम था वह कल... Hindi · कविता · कोटेशन · ग़ज़ल 1 185 Share कवि दीपक बवेजा 11 Nov 2023 · 1 min read पत्थर को भगवान बना देते हैं माटी के भी दाम बना लेते हैं पत्थर को भगवान बना देते हैं बाजारों में बिकने की खातिर नकली वह मुस्कान बना लेते हैं । न मुमकिन जिन कद तक... Hindi · कविता · ग़ज़ल · गीत · मुक्तक 1 210 Share कवि दीपक बवेजा 11 Nov 2023 · 1 min read कुछ कर चले ढलने से पहले सूरज इस उम्मीद मै निकलता होगा कुछ कर चले ढलने से पहले, ए दरिया नदी तेरी ना हो सकी समुद्र में मिलने से पहले, जो रास्ता मंजिल तक जाता ही... Hindi · कविता · कहानी · ग़ज़ल · मुक्तक 1 231 Share कवि दीपक बवेजा 23 Oct 2023 · 1 min read चमकते चेहरों की मुस्कान में...., चमकते चेहरों की मुस्कान में...., उसके चेहरे की सादगी कुछ तो है आंखों के दरमियान देखा है हमने आंखों में शर्म ए लाज कुछ तो है दिखता है खुले पुस्तक... Hindi · कविता 1 118 Share कवि दीपक बवेजा 22 Oct 2023 · 1 min read हर एक मन्जर पे नजर रखते है.. हर एक मन्जर पे नजर रखते है.. हम हर खंजर की खबर रखते हैं..! इतने गम है मगर अपनो का ध्यान, रखा नही जाता, फिर भी रखते है!! है वाकिफ... Hindi · ग़ज़ल 2 147 Share कवि दीपक बवेजा 22 Oct 2023 · 1 min read जिंदगी है कि जीने का सुरूर आया ही नहीं जिंदगी है कि जीने का सुरूर आया ही नहीं वह मुझसे मिलने कभी बाहर आया ही नहीं ! मेरे अंदर से होकर के गुजरे हैं कई मौसम रास्ते में रहा... Hindi · कविता · कहानी · ग़ज़ल · दोहा 1 123 Share कवि दीपक बवेजा 12 Apr 2023 · 1 min read एक उड़ती चिड़िया बोली एक उड़ती चिड़िया बोली तू क्यों नहीं उठ सकता है अंतर्मन में झांक जरा तू क्या कर सकता है एक अकेला जुगनू भी अंधकार हर सकता है एक पाव पर... Hindi · कविता 1 131 Share कवि दीपक बवेजा 11 Apr 2023 · 1 min read लोग आते हैं दिल के अंदर मसीहा बनकर लोग आते हैं दिल के अंदर मसीहा बनकर कुछ दिन बाद दिल से निकल क्यों जाते हैं एक शाख पर पक्षी का दिल क्यों नहीं लगता दिन बदलते ही घौंसले... Hindi · Quote Writer 1 381 Share कवि दीपक बवेजा 7 Apr 2023 · 1 min read जिन पांवों में जन्नत थी उन पांवों को भूल गए सीमा पर जाकर हम हत्यारों को भी भूल गए बढ़ती उम्र के साथ हम यारों को भी भूल गए शहरों में जाकर अब हम गांवों को भी भूल गए जिन... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 1 478 Share कवि दीपक बवेजा 7 Apr 2023 · 1 min read लौट के आना होगा तो सबसे पहले तुझसे मिलेंगे और जी भर के मिलें लौट के आना होगा तो सबसे पहले तुझसे मिलेंगे और जी भर के मिलेंगे......। तुम अगर रास्ते में ही रास्ते बदल गए.., फिर ना जाने हम कब और कहां मिलेंगे।... Hindi · कविता 1 190 Share कवि दीपक बवेजा 7 Apr 2023 · 1 min read मेरे दिल में मोहब्बत आज भी है मेरे दिल में मोहब्बत आज भी है इसीलिए ही मैं उदास रहता हूं...। तुम मेरी बात झूठ समझते हो..., मैं जो भी कहता हूं सच कहता हूं जो भी है... Hindi · कविता 1 255 Share कवि दीपक बवेजा 17 Mar 2023 · 1 min read जिंदगी तुम्हें पुकार रही है जिंदगी तुम्हें कब से पुकार रही है तुम ही बताओ इसे कहां जाओगे जिस दिन किरदार में आ जाओगे उस दिन पूरी दुनिया में छा जाओगे तजुर्बा हारे हुए से... Hindi · कविता 2 81 Share कवि दीपक बवेजा 17 Mar 2023 · 1 min read अपना भी नहीं बनाया उसने अपना भी नहीं बनाया उसने और किसी और का होने भी नहीं दिया । बात भी नहीं की उसने मुझसे और रात भर उसने सोने भी नहीं दिया ।। वह... Hindi · कविता 1 75 Share कवि दीपक बवेजा 7 Mar 2023 · 1 min read यह सादगी ये नमी ये मासूमियत कुछ तो है तेरे लहजे पर यह कोरी किताब कुछ तो है यह सादगी ये नमी ये मासूमियत कुछ तो है । जब से तुझे देखा बाकी दुनिया एक तरफ ; तुझे आंख... Hindi · कविता 1 103 Share Page 1 Next