Language: Hindi
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दीपक सरल के मुक्तक
कवि दीपक बवेजा
ये हल्का-हल्का दर्द है
कवि दीपक बवेजा
कुछ तो कर गुजरने का
कवि दीपक बवेजा
रोशन सारा शहर देखा
कवि दीपक बवेजा
बस एक बार और………
कवि दीपक बवेजा
हौसला जिद पर अड़ा है
कवि दीपक बवेजा
अपनी ताकत को कलम से नवाजा जाए
कवि दीपक बवेजा
माँ
कवि दीपक बवेजा
तब घर याद आता है
कवि दीपक बवेजा
संघर्षों के राहों में हम
कवि दीपक बवेजा
उसको उसके घर उतारूंगा
कवि दीपक बवेजा
यह सादगी ये नमी ये मासूमियत कुछ तो है
कवि दीपक बवेजा
अपना भी नहीं बनाया उसने
कवि दीपक बवेजा
एक उड़ती चिड़िया बोली
कवि दीपक बवेजा
जिंदगी है कि जीने का सुरूर आया ही नहीं
कवि दीपक बवेजा
हर एक मन्जर पे नजर रखते है..
कवि दीपक बवेजा
चमकते चेहरों की मुस्कान में….,
कवि दीपक बवेजा
कुछ कर चले ढलने से पहले
कवि दीपक बवेजा
रेत पर मकान बना ही नही
कवि दीपक बवेजा
फूल को,कलियों को,तोड़ना पड़ा
कवि दीपक बवेजा
चले हैं छोटे बच्चे
कवि दीपक बवेजा
जो रास्ते हमें चलना सीखाते हैं
कवि दीपक बवेजा
जब किसी पेड़ की शाखा पर पल रहे हो
कवि दीपक बवेजा
आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो
कवि दीपक बवेजा
अरमान दिल में है
कवि दीपक बवेजा
हमने तूफानों में भी दीपक जलते देखा है
कवि दीपक बवेजा
नाजुक देह में ज्वाला पनपे
कवि दीपक बवेजा
एक पौधा तो अपना भी उगाना चाहिए
कवि दीपक बवेजा
आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो
कवि दीपक बवेजा
अंतरिक्ष के चले सितारे
कवि दीपक बवेजा
हर एक रास्ते की तकल्लुफ कौन देता है
कवि दीपक बवेजा
जो रास्ते हमें चलना सीखाते हैं.....
कवि दीपक बवेजा
चलो आज खुद को आजमाते हैं
कवि दीपक बवेजा
चले हैं छोटे बच्चे
कवि दीपक बवेजा
फूल को,कलियों को,तोड़ना पड़ा
कवि दीपक बवेजा
दिये को रोशननाने में रात लग गई
कवि दीपक बवेजा
लिख रहा हूं कहानी गलत बात है
कवि दीपक बवेजा
रेत पर मकान बना ही नही
कवि दीपक बवेजा
हाथों से कुछ कुछ रिसक रहा है.
कवि दीपक बवेजा
पत्थर को भगवान बना देते हैं
कवि दीपक बवेजा
कुछ कर चले ढलने से पहले
कवि दीपक बवेजा
चमकते चेहरों की मुस्कान में....,
कवि दीपक बवेजा
हर एक मन्जर पे नजर रखते है..
कवि दीपक बवेजा
जिंदगी है कि जीने का सुरूर आया ही नहीं
कवि दीपक बवेजा
एक उड़ती चिड़िया बोली
कवि दीपक बवेजा
लोग आते हैं दिल के अंदर मसीहा बनकर
कवि दीपक बवेजा
जिन पांवों में जन्नत थी उन पांवों को भूल गए
कवि दीपक बवेजा
लौट के आना होगा तो सबसे पहले तुझसे मिलेंगे और जी भर के मिलें
कवि दीपक बवेजा
मेरे दिल में मोहब्बत आज भी है
कवि दीपक बवेजा
जिंदगी तुम्हें पुकार रही है
कवि दीपक बवेजा