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412 posts
किया जाता नहीं रुसवा किसी को
किया जाता नहीं रुसवा किसी को
कवि दीपक बवेजा
ये आसमा में जितने तारे हैं
ये आसमा में जितने तारे हैं
कवि दीपक बवेजा
ये हल्का-हल्का दर्द है
ये हल्का-हल्का दर्द है
कवि दीपक बवेजा
आए गए कई आए......
आए गए कई आए......
कवि दीपक बवेजा
कुछ तो कर गुजरने का
कुछ तो कर गुजरने का
कवि दीपक बवेजा
रोशन सारा शहर देखा
रोशन सारा शहर देखा
कवि दीपक बवेजा
बस एक बार और………
बस एक बार और………
कवि दीपक बवेजा
अखबार में क्या आएगा
अखबार में क्या आएगा
कवि दीपक बवेजा
हौसला जिद पर अड़ा है
हौसला जिद पर अड़ा है
कवि दीपक बवेजा
अपनी ताकत को कलम से नवाजा जाए
अपनी ताकत को कलम से नवाजा जाए
कवि दीपक बवेजा
माँ -2
माँ -2
कवि दीपक बवेजा
माँ
माँ
कवि दीपक बवेजा
तब घर याद आता है
तब घर याद आता है
कवि दीपक बवेजा
संघर्षों के राहों में हम
संघर्षों के राहों में हम
कवि दीपक बवेजा
उसको उसके घर उतारूंगा
उसको उसके घर उतारूंगा
कवि दीपक बवेजा
यह सादगी ये नमी ये मासूमियत कुछ तो है
यह सादगी ये नमी ये मासूमियत कुछ तो है
कवि दीपक बवेजा
अपना भी नहीं बनाया उसने
अपना भी नहीं बनाया उसने
कवि दीपक बवेजा
एक उड़ती चिड़िया बोली
एक उड़ती चिड़िया बोली
कवि दीपक बवेजा
जिंदगी है कि जीने का सुरूर आया ही नहीं
जिंदगी है कि जीने का सुरूर आया ही नहीं
कवि दीपक बवेजा
हर एक मन्जर पे नजर रखते है..
हर एक मन्जर पे नजर रखते है..
कवि दीपक बवेजा
चमकते चेहरों की मुस्कान में….,
चमकते चेहरों की मुस्कान में….,
कवि दीपक बवेजा
कुछ कर चले ढलने से पहले
कुछ कर चले ढलने से पहले
कवि दीपक बवेजा
रेत पर मकान बना ही नही
रेत पर मकान बना ही नही
कवि दीपक बवेजा
फूल को,कलियों को,तोड़ना पड़ा
फूल को,कलियों को,तोड़ना पड़ा
कवि दीपक बवेजा
चले हैं छोटे बच्चे
चले हैं छोटे बच्चे
कवि दीपक बवेजा
जो रास्ते हमें चलना सीखाते हैं
जो रास्ते हमें चलना सीखाते हैं
कवि दीपक बवेजा
अंतरिक्ष के चले सितारे
अंतरिक्ष के चले सितारे
कवि दीपक बवेजा
जब किसी पेड़ की शाखा पर पल रहे हो
जब किसी पेड़ की शाखा पर पल रहे हो
कवि दीपक बवेजा
आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो
आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो
कवि दीपक बवेजा
तिनका तिनका लाती चिड़िया
तिनका तिनका लाती चिड़िया
कवि दीपक बवेजा
अरमान दिल में है
अरमान दिल में है
कवि दीपक बवेजा
The thing which is there is not wanted
The thing which is there is not wanted
कवि दीपक बवेजा
कौन कहता है कि लहजा कुछ नहीं होता...
कौन कहता है कि लहजा कुछ नहीं होता...
कवि दीपक बवेजा
बदन खुशबुओं से महकाना छोड़ दे
बदन खुशबुओं से महकाना छोड़ दे
कवि दीपक बवेजा
जीवन को पैगाम समझना पड़ता है
जीवन को पैगाम समझना पड़ता है
कवि दीपक बवेजा
दूर हो गया था मैं मतलब की हर एक सै से
दूर हो गया था मैं मतलब की हर एक सै से
कवि दीपक बवेजा
हर मौसम का अपना अलग तजुर्बा है
हर मौसम का अपना अलग तजुर्बा है
कवि दीपक बवेजा
रात का आलम किसने देखा
रात का आलम किसने देखा
कवि दीपक बवेजा
दो रंगों में दिखती दुनिया
दो रंगों में दिखती दुनिया
कवि दीपक बवेजा
धूप निकले तो मुसाफिर को छांव की जरूरत होती है
धूप निकले तो मुसाफिर को छांव की जरूरत होती है
कवि दीपक बवेजा
मैं उसको जब पीने लगता मेरे गम वो पी जाती है
मैं उसको जब पीने लगता मेरे गम वो पी जाती है
कवि दीपक बवेजा
किसी के अंतर्मन की वो आग बुझाने निकला है
किसी के अंतर्मन की वो आग बुझाने निकला है
कवि दीपक बवेजा
पतझड़ के मौसम हो तो पेड़ों को संभलना पड़ता है
पतझड़ के मौसम हो तो पेड़ों को संभलना पड़ता है
कवि दीपक बवेजा
भारत मां की लाज रखो तुम देश के सर का ताज बनो
भारत मां की लाज रखो तुम देश के सर का ताज बनो
कवि दीपक बवेजा
मधुशाला में लोग मदहोश नजर क्यों आते हैं
मधुशाला में लोग मदहोश नजर क्यों आते हैं
कवि दीपक बवेजा
हमने तूफानों में भी दीपक जलते देखा है
हमने तूफानों में भी दीपक जलते देखा है
कवि दीपक बवेजा
किसी अनमोल वस्तु का कोई तो मोल समझेगा
किसी अनमोल वस्तु का कोई तो मोल समझेगा
कवि दीपक बवेजा
हारने से पहले कोई हरा नहीं सकता
हारने से पहले कोई हरा नहीं सकता
कवि दीपक बवेजा
शिद्धतों से ही मिलता है रोशनी का सबब्
शिद्धतों से ही मिलता है रोशनी का सबब्
कवि दीपक बवेजा
मुझे अकेले ही चलने दो ,यह है मेरा सफर
मुझे अकेले ही चलने दो ,यह है मेरा सफर
कवि दीपक बवेजा
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