413
posts
दीपक सरल के मुक्तक
कवि दीपक बवेजा
किया जाता नहीं रुसवा किसी को
कवि दीपक बवेजा
ये आसमा में जितने तारे हैं
कवि दीपक बवेजा
ये हल्का-हल्का दर्द है
कवि दीपक बवेजा
आए गए कई आए......
कवि दीपक बवेजा
कुछ तो कर गुजरने का
कवि दीपक बवेजा
रोशन सारा शहर देखा
कवि दीपक बवेजा
बस एक बार और………
कवि दीपक बवेजा
अखबार में क्या आएगा
कवि दीपक बवेजा
हौसला जिद पर अड़ा है
कवि दीपक बवेजा
अपनी ताकत को कलम से नवाजा जाए
कवि दीपक बवेजा
माँ -2
कवि दीपक बवेजा
माँ
कवि दीपक बवेजा
तब घर याद आता है
कवि दीपक बवेजा
संघर्षों के राहों में हम
कवि दीपक बवेजा
उसको उसके घर उतारूंगा
कवि दीपक बवेजा
यह सादगी ये नमी ये मासूमियत कुछ तो है
कवि दीपक बवेजा
अपना भी नहीं बनाया उसने
कवि दीपक बवेजा
एक उड़ती चिड़िया बोली
कवि दीपक बवेजा
जिंदगी है कि जीने का सुरूर आया ही नहीं
कवि दीपक बवेजा
हर एक मन्जर पे नजर रखते है..
कवि दीपक बवेजा
चमकते चेहरों की मुस्कान में….,
कवि दीपक बवेजा
कुछ कर चले ढलने से पहले
कवि दीपक बवेजा
रेत पर मकान बना ही नही
कवि दीपक बवेजा
फूल को,कलियों को,तोड़ना पड़ा
कवि दीपक बवेजा
चले हैं छोटे बच्चे
कवि दीपक बवेजा
जो रास्ते हमें चलना सीखाते हैं
कवि दीपक बवेजा
अंतरिक्ष के चले सितारे
कवि दीपक बवेजा
जब किसी पेड़ की शाखा पर पल रहे हो
कवि दीपक बवेजा
आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो
कवि दीपक बवेजा
तिनका तिनका लाती चिड़िया
कवि दीपक बवेजा
अरमान दिल में है
कवि दीपक बवेजा
The thing which is there is not wanted
कवि दीपक बवेजा
कौन कहता है कि लहजा कुछ नहीं होता...
कवि दीपक बवेजा
बदन खुशबुओं से महकाना छोड़ दे
कवि दीपक बवेजा
जीवन को पैगाम समझना पड़ता है
कवि दीपक बवेजा
दूर हो गया था मैं मतलब की हर एक सै से
कवि दीपक बवेजा
हर मौसम का अपना अलग तजुर्बा है
कवि दीपक बवेजा
रात का आलम किसने देखा
कवि दीपक बवेजा
दो रंगों में दिखती दुनिया
कवि दीपक बवेजा
धूप निकले तो मुसाफिर को छांव की जरूरत होती है
कवि दीपक बवेजा
मैं उसको जब पीने लगता मेरे गम वो पी जाती है
कवि दीपक बवेजा
किसी के अंतर्मन की वो आग बुझाने निकला है
कवि दीपक बवेजा
पतझड़ के मौसम हो तो पेड़ों को संभलना पड़ता है
कवि दीपक बवेजा
भारत मां की लाज रखो तुम देश के सर का ताज बनो
कवि दीपक बवेजा
मधुशाला में लोग मदहोश नजर क्यों आते हैं
कवि दीपक बवेजा
हमने तूफानों में भी दीपक जलते देखा है
कवि दीपक बवेजा
किसी अनमोल वस्तु का कोई तो मोल समझेगा
कवि दीपक बवेजा
हारने से पहले कोई हरा नहीं सकता
कवि दीपक बवेजा
शिद्धतों से ही मिलता है रोशनी का सबब्
कवि दीपक बवेजा