कवि दीपक बवेजा Tag: मुक्तक 47 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid कवि दीपक बवेजा 31 Mar 2024 · 1 min read आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो क्यों फिर छोटी-छोटी बातों पर तुम शर्मिंदा हो खुला आसमान खुली हवाएं बैठी अंतर्मन में ज्वाला फिर भी पर ही नहीं... Hindi · कोटेशन · मुक्तक 2 71 Share कवि दीपक बवेजा 13 Nov 2023 · 1 min read दिये को रोशननाने में रात लग गई दिये को रोशननाने में रात लग गई अंधेरों को हटाने में बारात लग गई मैं टूटे हुए ख्वाब पूरे करके खुश हूँ उसी को बनाने में जिंदगी लग गई १... Hindi · कविता · ग़ज़ल · मुक्तक · शेर 1 226 Share कवि दीपक बवेजा 11 Nov 2023 · 1 min read पत्थर को भगवान बना देते हैं माटी के भी दाम बना लेते हैं पत्थर को भगवान बना देते हैं बाजारों में बिकने की खातिर नकली वह मुस्कान बना लेते हैं । न मुमकिन जिन कद तक... Hindi · कविता · ग़ज़ल · गीत · मुक्तक 1 210 Share कवि दीपक बवेजा 11 Nov 2023 · 1 min read कुछ कर चले ढलने से पहले सूरज इस उम्मीद मै निकलता होगा कुछ कर चले ढलने से पहले, ए दरिया नदी तेरी ना हो सकी समुद्र में मिलने से पहले, जो रास्ता मंजिल तक जाता ही... Hindi · कविता · कहानी · ग़ज़ल · मुक्तक 1 231 Share कवि दीपक बवेजा 7 Apr 2023 · 1 min read जिन पांवों में जन्नत थी उन पांवों को भूल गए सीमा पर जाकर हम हत्यारों को भी भूल गए बढ़ती उम्र के साथ हम यारों को भी भूल गए शहरों में जाकर अब हम गांवों को भी भूल गए जिन... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 1 478 Share कवि दीपक बवेजा 22 Feb 2023 · 1 min read सरल मिज़ाज से किसी से मिलो तो चढ़ जाने पर होते हैं अमादा.... सरल मिज़ाज से किसी से मिलो तो चढ़ जाने पर होते हैं अमादा...., वादे की रखता यहां कौन कदर किससे करें साथ निभाने का वादा., जिंदगी कैसे जीनी होती है... Hindi · Quote Writer · मुक्तक 2 2 487 Share कवि दीपक बवेजा 31 Jan 2023 · 1 min read अब कुछ उम्मीदों का टूट जाना जरूरी है अब कुछ उम्मीदों का टूट जाना जरूरी है गम हो भले फिर भी मुस्कुराना जरूरी है | दोस्ती के बंधन में बांधते हो तुम अगर एक बार तुमको भी आजमाना... Hindi · कविता · मुक्तक 3 157 Share कवि दीपक बवेजा 31 Jan 2023 · 1 min read अजीब लोगों ने सब अजीब बना रखा है अजीब लोगों ने सब अजीब बना रखा है मामला यह बड़ा संजीद बना रखा है , खुद अपनी हस्ती भूल गए हैं वे लोग और बोलते हैं जिन्दगी में क्या... Hindi · मुक्तक 79 Share कवि दीपक बवेजा 31 Jan 2023 · 1 min read जिंदगी है कि उधेड़बुन में गुजर जाएगी जिंदगी है कि उधेड़बुन में गुजर जाएगी हमारी याद तो जाने के बाद भी आएगी! तुम ढूंढोगे हमारी खुशबू जाने के बाद भी हमारी यह खुशबू कई रूह महकाएगी!! ✍Kabhi... Hindi · मुक्तक 137 Share कवि दीपक बवेजा 31 Jan 2023 · 1 min read यह कौन सा शौक यह कौन सा शौक तुमने पाल रखा है इस जनता को यूं ही उबाल रखा है , ना हार तय है , ना जीत है फिर भी, बिना मतलब सिक्का... Hindi · ग़ज़ल · मुक्तक 129 Share कवि दीपक बवेजा 31 Jan 2023 · 1 min read कुछ कसक दिल में चल रही है जिंदगी मगर कुछ कसक दिल में है | मंजिल मिली नहीं है, अभी दूरी मंजिल में है ऐसा क्या हो गया जो उदासी महफिल में है |... Hindi · कविता · कुण्डलिया · मुक्तक 135 Share कवि दीपक बवेजा 31 Jan 2023 · 1 min read मैंने जब मैंने मां लिखा मुझसे पूछा कि तुमने मां पर भी कुछ लिखा सब कुछ लिख दिया मैंने जब मैंने मां लिखा ✍कवि दीपक सरल Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक 1 91 Share कवि दीपक बवेजा 31 Jan 2023 · 1 min read माँ वह हमारी खातिर.., मौत से लड़ जाती है | जब जाकर हमारी, देह में प्राण लाती है | छोटी छोटी विपदा हो, दुनिया से लड़ जाती है | साहस निडरता... Hindi · कविता · ग़ज़ल · मुक्तक 1 165 Share कवि दीपक बवेजा 31 Jan 2023 · 1 min read रुमाल को तिजोरी में रखा हुआ है जिस रुमाल से उसने नम आंखें पहुंची , उस रुमाल को तिजोरी में रखा हुआ है | जिस राहों पर उसका आना हुआ कभी वहीं पर एक दिया जलाए रखा... Hindi · मुक्तक 124 Share कवि दीपक बवेजा 31 Jan 2023 · 1 min read जब से गया है वह कोहिनूर सा जब से गया है वह कोहिनूर सा, उड़ गया है चेहरे का नूर सा ..| पहले दिखता था टमाटर जैसा , अब यह दिखता हूं खजूर सा | ✍कवि दीपक... Hindi · ग़ज़ल · मुक्तक 179 Share कवि दीपक बवेजा 31 Jan 2023 · 1 min read जमाना हस रहा है मेरी हार पर जमाना हस रहा है मेरी हार पर.., जिंदगी कहां चलती है उदार पर | जीना पड़ता है जिंदगी के सार पर, भरोसा दिल से करो अपने यार पर | तोडकर... Hindi · कविता · गीतिका · मुक्तक 84 Share कवि दीपक बवेजा 31 Jan 2023 · 1 min read कई मौसमों के बाद मैं , कई मौसमों के बाद मैं , अपने लिबास में आया | लड़खड़ाते सुर मैं था , अब साज में आया | बड़ी मुश्किल से ही, जीने का हुनर आया ,... Hindi · कविता · ग़ज़ल · मुक्तक 133 Share कवि दीपक बवेजा 30 Jan 2023 · 1 min read सपनों को हकीकत में बदलने वाले सपनों को हकीकत में बदलने वाले , चंद सिक्के हैं बाजार में चलने वाले | कहां होते हैं सब किनारा करने वाले, बहुत मिलते हैं सिक्के उछलने वाले | प्यार... Hindi · कविता · ग़ज़ल · मुक्तक 201 Share कवि दीपक बवेजा 30 Jan 2023 · 1 min read नहीं आया था वो रास उसको , कई दिनों बाद आई याद उसको , करके गया था कोई उदास उसको | मुझसे लगा था कोई खास उसको क्यों नहीं आया वह रास उसको || कवि दीपक सरल Hindi · मुक्तक 1 108 Share कवि दीपक बवेजा 30 Jan 2023 · 1 min read दर्दे दिल में कई रिश्ते पाल रखे हैं दर्दे दिल में कई रिश्ते पाल रखे हैं कई दिलो से हम , निकाल रखे हैं | जो हमारे कभी हुए ही नहीं सरल , क्यों उनके - नंबर संभाल... Hindi · मुक्तक 168 Share कवि दीपक बवेजा 30 Jan 2023 · 1 min read कौन है जिसको बिछड़ जाने पर गिला नहीं है कौन है जिसको बिछड़ जाने पर गिला नहीं है , वह मिला तो है , हमसे लेकिन मिला नहीं है | अभी बाकी है कई पुराने जख्म हमारे सीने में,... Hindi · कोटेशन · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक · शेर 101 Share कवि दीपक बवेजा 24 Jan 2023 · 1 min read उड़ने दो परिंदों को पर खोल लिया है कई हस्तियों से हमने बैर मोल लिया है, उड़ने दो परिंदों को पर खोल लिया है | फतेह करके ही लौटेंगे अब शिखर को किसी और को नहीं खुद को... Hindi · कोटेशन · मुक्तक 1 149 Share कवि दीपक बवेजा 24 Jan 2023 · 1 min read हर परिंदे की उड़ान का मोल देता है हर परिंदे की उड़ान का मोल देता है , पूरा आसमान वह वो खोल देता है | कभी पढ़ो तो सही अपने सपनों के पीछे, सभी सपनों को हकीकत से... Hindi · कविता · कहानी · मुक्तक · शेर 132 Share कवि दीपक बवेजा 24 Jan 2023 · 1 min read सहजता से नहीं चढ़ती बुलंदी की सीडी इतनी सहजता से नहीं चढ़ती बुलंदी की सीढ़ि , इसको गढ़ने के लिए लग जाए चाहे कई पीढ़ी | बातें बनाना तो बहुत आसान काम है यारों , चौराहे पर... Hindi · कोटेशन · गीतिका · दोहा · मुक्तक 71 Share कवि दीपक बवेजा 24 Jan 2023 · 1 min read ऐसी किसी को बदनसीबी ना मिले ऐसी किसी को बदनसीबी ना मिले कोई मिले पर इतना करीबी ना मिले ! बार-बार दिल हार जाने की ये दुनिया ऐसी किसी को यह गरीबी ना मिले !! ✍Kabhi... Hindi · मुक्तक 54 Share कवि दीपक बवेजा 21 Jan 2023 · 1 min read बड़ी खुशनुमा जिंदगी लिखा के लाया बड़ी खुशनुमा जिंदगी लिखा के लाया है नसीब उसका............ पर्दा भी उसका , लिवाज भी उसका मिलना भी उसका , बिछड़ना भी उसका || कवि दीपक सरल Hindi · मुक्तक 1 152 Share कवि दीपक बवेजा 21 Jan 2023 · 1 min read इतनी खुशकिस्मती ... इतनी खुशकिस्मती ... किसी को नसीब ना मिले | कोई मिले और फिर ... इतना करीब ना मिले... || कवि दीपक सरल Hindi · मुक्तक 1 82 Share कवि दीपक बवेजा 21 Jan 2023 · 1 min read बता अपने हक में भी.... बता अपने हक में भी.... और भला क्या लिखूं ... | जिस पर लिखा हुआ है पहले से उस पर क्या लिखूं | कवि दीपक सरल Hindi · मुक्तक 128 Share कवि दीपक बवेजा 15 Dec 2022 · 1 min read अपनों की खातिर कितनों से बैर मोल लिया है अपनों की खातिर कितनों से बैर मोल लिया है अब उड़ने दो परिंदे को , पिंजरा खोल दिया है ! फतेह कर - कर ही लौटेंगे मंजिलों को हम ,... Hindi · मुक्तक 1 169 Share कवि दीपक बवेजा 15 Dec 2022 · 1 min read गम हो भले चेहरे पर हंसी रहने दो गम हो भले चेहरे पर हंसी रहने दो मोहब्बत को तुम पर्दा नशी रहने दो !! ✍कवि दीपक सरल Hindi · मुक्तक 1 87 Share कवि दीपक बवेजा 15 Dec 2022 · 1 min read घर से निकले मगर दहलीज पार ना हुई घर से निकले मगर दहलीज पार ना हुई कई बार गिरे हम,लेकिन कभी हार न हुई| जंग -ए- मैदान में खड़े हैं, हम इस कदर अभी बाकी है , जिन्दगी... Hindi · मुक्तक 1 140 Share कवि दीपक बवेजा 9 Oct 2022 · 1 min read उसको भेजा हुआ खत उसको भेजा हुआ खत अब उसके पते पर नहीं जाता ! उसका कोई भी संदेशा अब मेरे तक क्यों नहीं आता !! ✍कवि दीपक सरल Hindi · मुक्तक 1 176 Share कवि दीपक बवेजा 9 Oct 2022 · 1 min read कभी गरीबी की गलियों से गुजरो कभी तुम गरीब - ई की गलियों से गुजरों फीके पड़ जाते हैं दोस्त वोस्त रिश्ते विश्ते सब ! किसी मजदूर से न पूछो दिहाड़ी कहां जाती है बाकी रह... Hindi · मुक्तक 2 318 Share कवि दीपक बवेजा 9 Oct 2022 · 1 min read जिसके दिल से निकाले गए जिसके दिल से निकाले गए थे हम कभी उन्हीं की आंखों में हम बसने लगे हैं ! जिसपे मिलने की ना होती फुर्सत कभी वह हमसे मिलने को तरसने लगे... Hindi · मुक्तक 3 1 398 Share कवि दीपक बवेजा 9 Oct 2022 · 1 min read मोहब्बत हो जाए मैं इश्क लिखूं और यह सार्थक हो जाए, मैं उस में खो जाऊं ,वह मुझ में खो जाए! खुदा की रहमत इस कदर बरसे मुझ पर, मुझे ऐसे - फरिश्ते... Hindi · मुक्तक 1 233 Share कवि दीपक बवेजा 9 Oct 2022 · 1 min read अभी अभी की बात है ये अभी-अभी की बात है, न जाने कभी की बात है ! वह ऐसे मिली थी मुझसे , लग रहा है मेरे साथ है !! कवि दीपक सरल Hindi · मुक्तक 1 207 Share कवि दीपक बवेजा 9 Oct 2022 · 1 min read करीब आने नहीं देता करीब आने नहीं देता मुझे दूर जाने से भी डरता है ! यह कैसा महबूब है यार कैसी मोहब्बत करता है !! ✍कवि दीपक सरल Hindi · मुक्तक 1 195 Share कवि दीपक बवेजा 9 Oct 2022 · 1 min read कई सूर्य अस्त हो जाते हैं कई सूर्य अस्त हो जाते हैं , जब भोर निशा बन जाती है ! निशा से लड़ करके ही तो भोर सुबह - दिखलाती है !! संघर्ष - भरी यह... Hindi · मुक्तक 2 2 210 Share कवि दीपक बवेजा 9 Oct 2022 · 1 min read दिल की चाहत करीब जाने की दिल की चाहत है जिसके वह शख्स फिर इतना मुझसे दूर क्यों है ! किसी और के दिल में घर करके बैठा है , उसी से मिलने... Hindi · मुक्तक 2 229 Share कवि दीपक बवेजा 16 Aug 2021 · 1 min read हकीकत से रूबरू ख्वाबों को हकीकत से रूबरू करने वाले चंद इक्के होते हैं बाजी को पलटने वाले । ✍कवि दीपक सरल Hindi · मुक्तक 1 466 Share कवि दीपक बवेजा 16 Aug 2021 · 1 min read हकीकत से रूबरू होता क्यों नहीं ख्वाबों में आने वाले ख्वाब हकीकत से रूबरू होता क्यों नहीं, स्वप्न में ही कट जाती है रात सरल रात भर सोता क्यों नहीं । कर्म के पायदान पर इस... Hindi · मुक्तक 1 465 Share कवि दीपक बवेजा 16 Aug 2021 · 1 min read इतना आसां कहां इतना आसां कहां सरल उभर के आना कई तपिश लगती है दूध को घी बनने में ❤️❤️ ✍कवि दीपक सरल Hindi · मुक्तक 2 494 Share कवि दीपक बवेजा 8 Jun 2021 · 1 min read सच वह देखे तो पसीना आ जाए झूठ के पांव पर खड़े रहना ठीक लगे उसको सच मगर वह देखे , तो पसीना आ जाए । मेरे दाता हर किसी को ऐसी रोशनी बक्सों, कि, उसको मरने... Hindi · मुक्तक 1 343 Share कवि दीपक बवेजा 28 Apr 2021 · 1 min read दर्द ए हया को दर्द से संभाला जाएगा दर्द ए हया को दर्द से संभाला जाएगा , कांटा गया है कांटे से निकाला जाएगा ! वह शख्स जो सच के पायदान पर चलने लगा, लगता है राजनीति से... Hindi · मुक्तक 3 622 Share कवि दीपक बवेजा 11 Apr 2021 · 1 min read दिया जलता छोड़ दिया किसी की आवभगत में, दिल मचलता छोड़ दिया ! आंधियां चलती रही और दिया जलता छोड़ दिया !! ✍कवि दीपक सरल Hindi · मुक्तक 1 541 Share कवि दीपक बवेजा 11 Apr 2021 · 1 min read तू जाने लगा है तू जाने लगा है तो पलट कर मत देख , तुझसे इस तरह मैं मुखातिब यूं हो ना पाऊंगा ! तू भी अपना है तेरे सामने तुझसे गले लग कर... Hindi · मुक्तक 2 2 361 Share कवि दीपक बवेजा 4 Apr 2021 · 1 min read खूबसूरत जिंदगी है रास्ता खूबसूरत मंजिल का पता नहीं, आदमी है व्यस्त मगर जिंदगी का पता नहीं । मंजिल है खूबसूरत तो रास्ते की परवाह न हो , इस तरह क्यों आदमी... Hindi · मुक्तक 2 303 Share