Davina Amar Thakral 26 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Davina Amar Thakral 22 May 2024 · 1 min read चाँद चाँद लेकर आता संग धवल चाँदनी निशा पूर्णिमा की होती आनंददायिनी हो जाता मन कुसुमित,प्रमुदित, सुवासित तारागण झिलमिलाते पीकर सुधारस होता सोलह कला संपूर्ण शरद का चांद श्री कृष्ण गोपियों... Poetry Writing Challenge-3 1 285 Share Davina Amar Thakral 22 May 2024 · 1 min read अपने ही में उलझती जा रही हूँ, अपने ही में उलझती जा रही हूँ, लगता है जैसे बदलती जा रही हूँ। तोड़कर वादों के घुटन भरे बंधनों को, वक़्त के साथ जैसे ढलती जा रही हूँ। नहीं... Poetry Writing Challenge-3 1 255 Share Davina Amar Thakral 22 May 2024 · 1 min read हर पल हर पल विशेष होता है, सोच यदि अनिमेष होता है। हर पल स्मरणीय होता है, कर्म जब सराहनीय होता है। हर व्यक्ति विशिष्ठ होता है, नज़रिया जब स्वस्थ होता है।... Poetry Writing Challenge-3 2 2 256 Share Davina Amar Thakral 22 May 2024 · 1 min read समय के साथ समय के साथ क़दम बढ़ाए रहे हैं, भोर से साँझ तक बिताए जा रहे हैं । हर सुबह आंखें खुलती है इक आस के साथ, इसी आस में ही वक़्त... Poetry Writing Challenge-3 1 255 Share Davina Amar Thakral 22 May 2024 · 1 min read पीछे मुड़कर पीछे मुड़कर देखा दो क़दम रुकी ज़िंदगी बहुत सरल मिली सहजता से मुस्कुरा रही थी हर हाल में ख़ुशी मना रही थी न थी कोई रुसवाई न रंजो ग़म न... Poetry Writing Challenge-3 245 Share Davina Amar Thakral 22 May 2024 · 1 min read भावनात्मक निर्भरता भावनात्मक निर्भर होना क्यों बुरा है, विश्वास करना फिर क्यों बुरा है। नहीं चाहता कोई अंधेरों को बाँटना, रोशनी की तलाश करना क्या बुरा है। हर तरफ़ है कोहरे से... Poetry Writing Challenge-3 235 Share Davina Amar Thakral 22 May 2024 · 1 min read कामना के प्रिज़्म कामना के प्रिज्म इन्द्रधनुष नहीं बना करते, नाजुक तंतुओं से सपने नहीं संजोया करते। नियति घुमाती है अपने ही केन्द्र बिन्दू में, लौटना ही होता है फिर अपनी दुनिया में।... Poetry Writing Challenge-3 262 Share Davina Amar Thakral 22 May 2024 · 1 min read दबे पाँव दबे पाँव जब झांक कर देखा वर्तमान की प्राचीर से, पुकार रहा था कोई अतीत के झरोखे से। सहजता से अपनाते चले गए बाल सुलभ चेष्टाएँ, रोम रोम को रोमांचित... Poetry Writing Challenge-3 231 Share Davina Amar Thakral 22 May 2024 · 1 min read एतबार कयूँ चाहते हो मैं अब एतबार कर लूँ, थमी सांसों से तुम्हारा इंतज़ार कर लूँ । हर साँस में बसा लिया था तुमको, इंकार में अब कैसे इकरार कर लूँ।... Poetry Writing Challenge-3 2 230 Share Davina Amar Thakral 22 May 2024 · 1 min read ख़ूबसूरत लम्हें हर खूबसूरत लम्हें को मैंने सम्भाल रखा है, ज़िन्दगी जीने के लिए तेरा ख़्याल रखा है। समझ जाते हो तुम अब अनकही बात , दिल में प्यार का घरौंदा डाल... Poetry Writing Challenge-3 246 Share Davina Amar Thakral 22 May 2024 · 1 min read कभी तो फिर मिलो कभी तो फिर मिलो जैसे पहली बार मिले थे वो मिलने की चाहत मिलने पर मिली एक राहत कल्पना में उकेरी तस्वीर तुम्हारी मन ही मन लगी सवाल जवाब की... Poetry Writing Challenge-3 243 Share Davina Amar Thakral 22 May 2024 · 1 min read मैं लिखती नहीं मैं लिखती नहीं बस लिखा जाता है, मैं शब्दों को चुनती नहीं शब्द मुझे चुन लेते हैं। स्मृतियों के घने जंगल में से जब गुज़रती हूँ, बेतरतीब फैली लताएँ मुझे... Poetry Writing Challenge-3 1 256 Share Davina Amar Thakral 22 May 2024 · 1 min read ज़िंदगी की जद्दोजहद ज़िंदगी की जद्दोजहद से यूँ न हारिए, उदास होकर निष्क्रिय कदापि न बैठिए। हार कर भी बाज़ियाँ पलट दी जाती हैं, मन को संकल्पित कर हर जंग जीतिए। अकर्मण्यता से... Poetry Writing Challenge-3 216 Share Davina Amar Thakral 22 May 2024 · 1 min read संकल्प आशाओं के दीप जलाने का संकल्प है, निष्प्राण जीवन में नव प्राण लाने का संकल्प है। आत्म मंथन कर मनोयोग से एकाग्रचित्त होना है, प्रभु स्मृति में खोकर मन को... Poetry Writing Challenge-3 221 Share Davina Amar Thakral 22 May 2024 · 1 min read बहुत कुछ बदल गया है आज कुछ ऐसा महसूस हो रहा है, समय के साथ बहुत कुछ बदल गया है। न है अपेक्षा न ही उपेक्षा का रहा भाव, केवल ख़ुद में ख़ुद संग जीने... Poetry Writing Challenge-3 213 Share Davina Amar Thakral 22 May 2024 · 1 min read अनुगामी प्रेम होते ही अनुगामी हो जाना संभव नहीं, हर बात में सहमत ही हो जाना संभव नहीं। जीवन के तार सप्तक में जब सुर ही न लगे, रुँधे कंठ से... Poetry Writing Challenge-3 216 Share Davina Amar Thakral 22 May 2024 · 1 min read बड़ी तक़लीफ़ होती है बड़ी तकलीफ़ होती है भ्रम के चक्रव्यूह में फँस जाता है जब व्यक्तित्व का फल सफ़ा तब बड़ी तक़लीफ़ होती है लोगों की आकांक्षाओं के समन्दर में जब गहरी पैठ... Poetry Writing Challenge-3 1 248 Share Davina Amar Thakral 22 May 2024 · 1 min read जुदाई तेरी जुदाई से भी हमें हुआ प्यार है, तेरी हर याद करती हमें बेक़रार है। हसीन थे वो दिन जो गुज़रे तुम्हारे साथ, याद है हमें मुलाक़ात की हर बात... Poetry Writing Challenge-3 221 Share Davina Amar Thakral 22 May 2024 · 1 min read दस्तूर दस्तूर निभाना नहीं था तो पास क्यों आते गए, साथ चलना ही था तो क्यों रुलाते गए। ज़िंदगी भर साथ यूँ ही चलता रहेगा, तो दूरियां यूँ बेवजह क्यों बढ़ाते... Poetry Writing Challenge-3 253 Share Davina Amar Thakral 22 May 2024 · 1 min read कथनी और करनी 6 कथनी और करनी में अंतर न करके, छोटे-छोटे संकल्पों से शुरुआत करनी चाहिए। न हो बड़ी-बड़ी बातें आदर्शों की, व्यावहारिक सी सहज अभिव्यक्ति होनी चाहिए। घुटने लगी हैं साँसे... Poetry Writing Challenge-3 225 Share Davina Amar Thakral 22 May 2024 · 1 min read 6 6 ज़िंदगी की जद्दोजहद से यूँ न हारिए, उदास होकर निष्क्रिय कदापि न बैठिए। हार कर भी बाज़ियाँ पलट दी जाती हैं, मन को संकल्पित कर हर जंग जीतिए। अकर्मण्यता... Poetry Writing Challenge-3 258 Share Davina Amar Thakral 22 May 2024 · 1 min read मौन के प्रतिमान 5 मौन के प्रतिमान … मौन की एक परिभाषा है, इसकी एक अलग ही सार्थक भाषा है। शब्दों का दायरा सीमित होता है, अव्यक्त मौन सदा ही व्यापक होता है।... Poetry Writing Challenge-3 1 301 Share Davina Amar Thakral 22 May 2024 · 1 min read मुस्कुरा दीजिए 4 मीठी यादों को स्मरण कर मुस्कुरा दीजिए, मन पसंद गीत कोई पुराना गुनगुना दीजिए। पड़ गई दिल पर जो कड़वाहटों की झुर्रियां, संवाद का लेप लगाकर ज़रा मिटा दीजिए।... Poetry Writing Challenge-3 262 Share Davina Amar Thakral 22 May 2024 · 1 min read शाम ढलते ही 3 शाम ढलते ढलते सूर्यास्त ले ही आयी, हुआ था सवेरा पक्षियों की चहकन चली थी पुरवाई। चहुँ दिशा उमंग उत्साह का हुआ था प्रादुर्भाव, नयनरम्य इंगित करता प्रतिदिन जीवन... Poetry Writing Challenge-3 277 Share Davina Amar Thakral 22 May 2024 · 1 min read कोई क्या करे 2कोई क्या करे लिखने बैठी हूँ आज एक मुद्दत के बाद, लगता है ख़त्म हुए जज़्बात, तो कोई क्या करे। चाहा था कुछ वक्त बिताना अपनों के साथ, खुद से... Poetry Writing Challenge-3 1 1 290 Share Davina Amar Thakral 22 May 2024 · 1 min read गणेश अराधना 1 गणेश आराधना हे शिवनंदन गौरी माँ के तुम हो लाल, शुभ कार्य आरंभ करने आयी तेरे द्वार। माथे पे सोहता चंद्रमा हो चार भुजाधारी, पीताम्बर परिधान पहने मूसे की... Poetry Writing Challenge-3 223 Share