Darshna Jain 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Darshna Jain 6 Jul 2021 · 5 min read कानूनन बेटी से इतना प्यार संजना, आज भी तुमने टिफिन में सलाद नहीं रखा। हर बार भूल जाती हो। और मेरी ब्लू शर्ट भी प्रेस नहीं की तुमने अब तक । कल सुबह मुझे मीटिंग... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 2 441 Share Darshna Jain 6 Jul 2021 · 6 min read आखिर मां है... "अरी गुलबिया जरा जल्दी हाथ चला ना। बस धीरे-धीरे रेंगते हुए काम करती रहेगी। ये नहीं कि सूरज सर पर आ गया है जल्दी से आंगन बुहार लूं। रूक तेरे... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 1 500 Share Darshna Jain 6 Jul 2021 · 3 min read जादुई मंत्र " क्या हुआ आज सुबह से मुंह क्यों लटका रखा है।भई आज तो तेरे लाड़ले पोते देवेश का जन्मदिन है ,तो कोई तैयारी नहीं कर रही "चाय पीते हुए रमेश... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 1 1k Share Darshna Jain 30 Nov 2018 · 1 min read मां बिटिया की कलम से✒️ मां तुम ये सब कैसे कर लेती हो.... बचपन से देख रही हूं मैं ,सब का ध्यान रखती हो , फिर खुद का ख्याल रखना क्यों... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 30 560 Share