ब्रजनंदन कुमार 'विमल' Tag: कविता 14 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ब्रजनंदन कुमार 'विमल' 7 Mar 2025 · 2 min read तुम्हें खोना "तुम्हें खोने की सबसे कठिन बात यह है कि यह सिर्फ एक बार नहीं हुआ था। मैं तुम्हें हर एक दिन खोता हूँ, जब हम बात नहीं करते। जब मैं... Hindi · कविता 1 120 Share ब्रजनंदन कुमार 'विमल' 12 Aug 2024 · 1 min read छूटना जहां मिले बहुत सारा मिलना छूट गया वहां जितना मिले साथ में आया और बहुत सारा छूटा हुआ हवा में तिरता रहा घुला हुआ पत्तों पर बारिश की एक बूंद... Hindi · कविता 184 Share ब्रजनंदन कुमार 'विमल' 29 Dec 2023 · 1 min read मायने रखता है मायने रखता है ज़िन्दगी से ज्यादा, उसे जीने की चाह मायने रखती है जब अंत हो आसान, तब भी, शुरुआत की आस रखना, मायने रखता है। सब कुछ हार जाने... Hindi · कविता 2 671 Share ब्रजनंदन कुमार 'विमल' 13 Sep 2023 · 1 min read मेहनत मेहनत से बना हूँ मेहनत का दर्द जानता हूँ। आसमां से ज्यादा ज़मीं की कद्र जानता हूँ। लचीला पेड़ था जो झेल गया आँधियाँ। मैं मगरूर दरख्तों का हश्र जानता... Hindi · कविता 3 216 Share ब्रजनंदन कुमार 'विमल' 2 Aug 2023 · 1 min read .... तो आप कतार में है मुस्कुराइए आप क़तार में हैं! अगर आपको लगता है कि एक ज़ोंबी की बंदूक़ चार लोगों के खून पर रुक जाएगी तो आप क़तार में हैं! अगर आपको लगता है... Hindi · कविता 2 275 Share ब्रजनंदन कुमार 'विमल' 16 Jul 2023 · 2 min read हारे हुए लोग हारे हुए लोग कहाँ जायेंगे ? ? हारे हुए लोगों के लिए कौन दुनिया बसाएगा ? उन पराजित योद्धाओं के लिए , तमाम शिकस्त खाए लोगों के लिए। प्रेम में... Hindi · कविता 1 317 Share ब्रजनंदन कुमार 'विमल' 4 Jun 2023 · 1 min read इश्क और वहम मैं इस कदर तुम्हें चाहूंगा कि अनजाने में ही सही तुम भी अनजान नही रह सकोगी । न चाहकर भी चाहोगी तो मुझे ही । तुमने दर्द दिया है तकलीफें... Poetry Writing Challenge · इश्क़ · कविता 2 480 Share ब्रजनंदन कुमार 'विमल' 19 Apr 2023 · 1 min read लगभग मनुष्यों की पशुता अधिकतर कवि लगभग कवि थे अधिकतर कविता लगभग कविता अधिकतर मनुष्य लगभग मनुष्य भी नहीं हो सके पशुओं के साथ ऐसा नहीं रहा वे अपनी पशुता में भरपूर थे इसीलिए... Hindi · कविता 2 362 Share ब्रजनंदन कुमार 'विमल' 20 Mar 2023 · 1 min read विश्व गौरैया दिवस विश्व गोरैया दिवस 🐤 पहले एक गौरैया होती थी एक आदमी होता था लेकिन आदमी इतना ऊँचा उड़ा कि गौरैया खो गई! पहले एक पहाड़ होता था एक आदमी होता... Hindi · कविता · विश्व गौरैया दिवस 551 Share ब्रजनंदन कुमार 'विमल' 14 Oct 2022 · 1 min read अंतर्मन जाना किधर था न जाने किधर कहां बढ़ रहा हूं , दूसरों की किस्मत लिखनी थी खुद की लकीरें पढ़ रहा हूं । गुस्सा सबसे हूं पर , खुद से... Hindi · कविता 3 1 502 Share ब्रजनंदन कुमार 'विमल' 5 Apr 2022 · 1 min read एहसास कितना अजीब है ना! लोग रोज़ आगे बढ़ रहे हैं! तरक़्क़ी कर रहे हैं! नौकरी-पेशे में! ज़ेवर-जायदाद में! नाते-रिश्तेदार में! बाज़ार-कारोबार में! शर्त बस इतनी है, क़ुर्बानी अपनों की देनी... Hindi · कविता 1 359 Share ब्रजनंदन कुमार 'विमल' 8 Mar 2022 · 1 min read तुम्हारी यादें तुम्हारे मैसेज शायद डिलीट कर दिए जाएं, मगर जो उनमें तुमने लिखा था वो हमेशा याद रहेगा। तुम्हें अनफ़्रेंड और शायद ब्लॉक भी कर दिया जाए, मगर तुम्हारी कौनसी तस्वीर... Hindi · कविता 1 634 Share ब्रजनंदन कुमार 'विमल' 6 Feb 2022 · 1 min read मां सुनो ना! जिस्म का रेज़ा-रेज़ा तुमसे ही है। और सिर्फ जिस्म ही क्यों, रूह में भी तो तुम ही हो। फिर तुम कहाँ कहीं और हो, यहीं तो हो, मुझमें... Hindi · कविता 1 614 Share ब्रजनंदन कुमार 'विमल' 2 Feb 2022 · 1 min read इश्क और वहम मैं इस कदर तुम्हें चाहूंगा कि अनजाने में ही सही तुम भी अनजान नही रह सकोगी । न चाहकर भी चाहोगी तो मुझे ही । तुमने दर्द दिया है तकलीफें... Hindi · कविता 1 1 582 Share