ब्रजनंदन कुमार 'विमल' Language: Hindi 69 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 ब्रजनंदन कुमार 'विमल' 22 Nov 2022 · 1 min read पक्ष - विपक्ष लोकतंत्र की विडंबना रही है विपक्ष संवेदनशील और पक्ष निष्ठुर होती है ! - विमल Hindi · राजनीति 1 101 Share ब्रजनंदन कुमार 'विमल' 19 Nov 2022 · 1 min read अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस पुरुष रोता नहीं सिसकियां लेता है क्योंकि रोते हुए पुरुष कमजोर समझे जाते है अपनी सिसकियां छुपाते हुए कहते है कि मर्द को दर्द नहीं होता ! #internationalmensday Hindi 2 193 Share ब्रजनंदन कुमार 'विमल' 30 Oct 2022 · 1 min read छठ महापर्व प्रकृति जीवनदायनी है और सूर्य ऊर्जा का स्रोत । हमारा कर्तव्य बनता है कि जिससे हमारा जीवन है हमारी आस्था भी उसमे हो एवं हम उसकी उपासना करें । आप... Hindi · छठ गीत 2 1 269 Share ब्रजनंदन कुमार 'विमल' 21 Oct 2022 · 1 min read पैर नहीं चलते थे भाई के, पर बल्ला बाकमाल चलता था । मैं हमेशा से जानता था कि ये पैर नहीं चलते थे भाई के, पर बल्ला बाकमाल चलता था । मैं हमेशा से जानता था कि ये जल्दी आउट हो जाएगा । लेकिन जो 30-40 रन बनाएगा वो... Hindi · लेख 2 282 Share ब्रजनंदन कुमार 'विमल' 14 Oct 2022 · 1 min read अंतर्मन जाना किधर था न जाने किधर कहां बढ़ रहा हूं , दूसरों की किस्मत लिखनी थी खुद की लकीरें पढ़ रहा हूं । गुस्सा सबसे हूं पर , खुद से... Hindi · कविता 3 1 355 Share ब्रजनंदन कुमार 'विमल' 11 Oct 2022 · 1 min read विचारधारा समाज और सरकारें जिन्हें सम्मान देती हैं, उन्हें आजीवन यह समझ में नहीं आता कि उन्हें सिवाय गुलामी के और कुछ नहीं देतीं। और जो कुछ भी दिया हुआ जैसे... Hindi · लेख 3 1 243 Share ब्रजनंदन कुमार 'विमल' 8 Oct 2022 · 2 min read राजनीति और परिवारवाद वैसे तो परिवारवाद प्रत्येक व्यक्ति के डीएनए में समाया हुआ है लेकिन हमें इसका उपयोग अधिकतर राजनीति में ही देखने को मिलता है । प्रत्येक विपक्षी पार्टियां एक दूसरे पर... Hindi 1 216 Share ब्रजनंदन कुमार 'विमल' 7 Oct 2022 · 1 min read दिल की मैंने कब कहा कि तू मेरी सुने बात दिल की थी,, रह न सकी अब छोड़ो न, जिद की तेरी थी या मेरी थी और सुना है, कि करवटें चाँद... Hindi 1 136 Share ब्रजनंदन कुमार 'विमल' 20 Aug 2022 · 1 min read उम्मीदें सब उम्मीदें टूट गई तो आशाऐं भी रूठ गई तो दुख ने आकर घेर लिया था सबने ही मुँह फेर लिया मैंने ऐसे दुर्दम क्षण में विपदाओं के भीषण रण... Hindi 1 473 Share ब्रजनंदन कुमार 'विमल' 12 Aug 2022 · 1 min read नापसंद उसे मेरा चाहना तो पसंद है पर अब मैं उसे पसंद नहीं उसे मेरा साथ पसंद है पर उसके वक़्त पर मेरा हक़ उसे पसंद नहीं! उसे ख़ुश रहना पसंद... Hindi 159 Share ब्रजनंदन कुमार 'विमल' 26 Jul 2022 · 2 min read असफलता और मैं मेरा असली दुश्मन वो शख्स नही जिसने मेरी किसी एक कोशिश को नाकाम किया है, बल्कि मेरा असल दुश्मन मैं खुद हूँ जो मुझे दोबारा कोशिश करने से रोक रहा... Hindi 1 346 Share ब्रजनंदन कुमार 'विमल' 7 Jul 2022 · 1 min read मैं , मेरी तन्हाई और मानसून प्रिय मानसून, ज्यादा रोमांटिक होने की जरूरत नहीं है। हमारे पास ऐसी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है जो शिफोन की साड़ी पहनकर बारिश में डान्स करती हो। हमारे पास बीबी भी... Hindi 1 199 Share ब्रजनंदन कुमार 'विमल' 19 Jun 2022 · 1 min read फादर्स डे 【 पितृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ ❤️ 】 चाय पीते हुए मैं अपने पिता के बारे में सोच रहा हूँ। आपने कभी चाय पीते हुए पिता के बारे में सोचा... Hindi 2 442 Share ब्रजनंदन कुमार 'विमल' 11 May 2022 · 4 min read दिनेश कार्तिक दिनेश कार्तिक अपने निजी जीवन में भी शानदार फॉर्म में चल रहे है , उनके जीवन से जुड़े उतार चढ़ाव के कुछ अंश मेरे शब्दों में समय सबका आता है।... Hindi · लेख 2 1 595 Share ब्रजनंदन कुमार 'विमल' 5 Apr 2022 · 1 min read एहसास कितना अजीब है ना! लोग रोज़ आगे बढ़ रहे हैं! तरक़्क़ी कर रहे हैं! नौकरी-पेशे में! ज़ेवर-जायदाद में! नाते-रिश्तेदार में! बाज़ार-कारोबार में! शर्त बस इतनी है, क़ुर्बानी अपनों की देनी... Hindi · कविता 1 262 Share ब्रजनंदन कुमार 'विमल' 8 Mar 2022 · 1 min read तुम्हारी यादें तुम्हारे मैसेज शायद डिलीट कर दिए जाएं, मगर जो उनमें तुमने लिखा था वो हमेशा याद रहेगा। तुम्हें अनफ़्रेंड और शायद ब्लॉक भी कर दिया जाए, मगर तुम्हारी कौनसी तस्वीर... Hindi · कविता 1 490 Share ब्रजनंदन कुमार 'विमल' 13 Feb 2022 · 2 min read विश्व रेडियो दिवस वर्ल्ड रेडियो डे 13 फरवरी । कुछ पुरानी यादें प्रस्तुत कर रहा हूं वो दिन जब हम विविध भारती , बीबीसी एवं एफएम कार्यक्रम हैलो मिथिला के दीवाने थे ।... Hindi · लेख 1 1k Share ब्रजनंदन कुमार 'विमल' 6 Feb 2022 · 1 min read मां सुनो ना! जिस्म का रेज़ा-रेज़ा तुमसे ही है। और सिर्फ जिस्म ही क्यों, रूह में भी तो तुम ही हो। फिर तुम कहाँ कहीं और हो, यहीं तो हो, मुझमें... Hindi · कविता 1 512 Share ब्रजनंदन कुमार 'विमल' 2 Feb 2022 · 1 min read इश्क और वहम मैं इस कदर तुम्हें चाहूंगा कि अनजाने में ही सही तुम भी अनजान नही रह सकोगी । न चाहकर भी चाहोगी तो मुझे ही । तुमने दर्द दिया है तकलीफें... Hindi · कविता 1 1 469 Share Previous Page 2