Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jul 2022 · 2 min read

असफलता और मैं

मेरा असली दुश्मन वो शख्स नही जिसने मेरी किसी एक कोशिश को नाकाम किया है, बल्कि मेरा असल दुश्मन मैं खुद हूँ जो मुझे दोबारा कोशिश करने से रोक रहा है..

आखिर वो दूसरा शख्स मेरे बारे में जानता ही कितना था? कितना भी क्यूँ न जानता हो पर वो मुझे मुझ से तो कम ही जानता है, बावजूद इसके मैं उससे इतनी सारी उम्मीदें रखता हूँ कि वो चाहकर भी मेरी उन उम्मीदों को पूरा नही कर सकता था, मेरा साथ न दे पाने के लिए उसके पास हज़ारो जायज़ वजह हैं। उसकी कोई मजबूरी, उसका कोई डर, उसका अहम या उसका कोई वहम।

सबसे बड़ी बात कि मेरी इन कोशिशों को, इन कोशिशों की वजहों को कोई दूसरा चाहकर भी मेरे नज़रिये से नही देख सकता था, उसका गुज़रा समय, उसके हालात, उन हालातों में उसकी प्रतिक्रिया आखिर सब कुछ तो मुझसे अलग है।

शायद इसीलिए ईश्वर ने हर किसी को एक अलग सोच, एक अलग नजरिया दिया है। यूँ तो उसके पास हज़ारों वजह होंगी परन्तु मेरा साथ न दे पाने के लिए उसकी केवल यह एक वजह भी काफी है..

चलो उसे रहने देते हैं, पर मैं खुद तो खुद से बखूबी वाकिफ हूं ना? तो क्यों नही मैं एक और कोशिश करता, बल्कि एक ही कोशिश क्यों हज़ार कोशिशें और क्यों नही? जबकि मैं जानता हूँ कि मेरी हर कोशिश सही दिशा में है, आखिर कौन है जो मुझे मेरा ही सहारा बनने से रोक रहा है? क्या सच में कोई दूसरा इंसान मुझे ऐसा करने से रोक सकता है?

क्या मेरे लिए केवल इतना काफी नही की मैं खुद अपने ही साथ हूं? क्या मेरे खुद के साथ होने की मेरी ही नज़रों में कोई अहमियत नही है? या फिर कहीँ ऐसा तो नही की मैं उसे कुसूरवार ठहरा कर खुद अपनी कोशिशों से भाग जाना चाहता हूं?

अगर सच में ऐसा है तो फिर उस पर इल्ज़ाम क्यूं? क्यों नही मैं यह मान लेता की अब मुझमे कोई नई कोशिश करने की हिम्मत ही नही बची है बल्कि अब मैं किसी नए बहाने की तालाश में हूं…

Language: Hindi
1 Like · 316 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"सुर्खी में आने और
*Author प्रणय प्रभात*
दवा दारू में उनने, जमकर भ्रष्टाचार किया
दवा दारू में उनने, जमकर भ्रष्टाचार किया
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
भेड़ों के बाड़े में भेड़िये
भेड़ों के बाड़े में भेड़िये
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
मैं रचनाकार नहीं हूं
मैं रचनाकार नहीं हूं
Manjhii Masti
3191.*पूर्णिका*
3191.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शक्ति की देवी दुर्गे माँ
शक्ति की देवी दुर्गे माँ
Satish Srijan
वह मुस्कुराते हुए पल मुस्कुराते
वह मुस्कुराते हुए पल मुस्कुराते
goutam shaw
Finding someone to love us in such a way is rare,
Finding someone to love us in such a way is rare,
पूर्वार्थ
जैसे को तैसा
जैसे को तैसा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
प्रेम.....
प्रेम.....
हिमांशु Kulshrestha
चलो माना तुम्हें कष्ट है, वो मस्त है ।
चलो माना तुम्हें कष्ट है, वो मस्त है ।
Dr. Man Mohan Krishna
रमेशराज के विरोधरस के गीत
रमेशराज के विरोधरस के गीत
कवि रमेशराज
खो गया सपने में कोई,
खो गया सपने में कोई,
Mohan Pandey
💐प्रेम कौतुक-431💐
💐प्रेम कौतुक-431💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
प्रेम पथिक
प्रेम पथिक
Aman Kumar Holy
दोहा त्रयी. . .
दोहा त्रयी. . .
sushil sarna
'पिता'
'पिता'
पंकज कुमार कर्ण
प्रार्थना
प्रार्थना
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
तुम मेरी किताबो की तरह हो,
तुम मेरी किताबो की तरह हो,
Vishal babu (vishu)
अनुभूति
अनुभूति
Pratibha Pandey
*जिंदगी में बड़ा शत्रु अभिमान है (मुक्तक)*
*जिंदगी में बड़ा शत्रु अभिमान है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
फितरत में वफा हो तो
फितरत में वफा हो तो
shabina. Naaz
इंतजार बाकी है
इंतजार बाकी है
शिवम राव मणि
अजब-गजब नट भील से, इस जीवन के रूप
अजब-गजब नट भील से, इस जीवन के रूप
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
!! कोई आप सा !!
!! कोई आप सा !!
Chunnu Lal Gupta
"याद रखें"
Dr. Kishan tandon kranti
शरद पूर्णिमा की देती हूंँ बधाई, हर घर में खुशियांँ चांँदनी स
शरद पूर्णिमा की देती हूंँ बधाई, हर घर में खुशियांँ चांँदनी स
Neerja Sharma
Loading...