BINDESHWAR ROY Language: Hindi 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid BINDESHWAR ROY 9 Oct 2021 · 2 min read ✍️ भ्रूणहत्या प्रसून कुसुम कली कंठ तोड़कर खुश होता नहीं माली है। उपवन के कुमुद को तोड़ना मानवता को गाली है।। मन विषय-वासना से भरकर। न जाने क्या-क्या खेल किये अपनों से... Hindi · कविता 210 Share BINDESHWAR ROY 8 Oct 2021 · 2 min read ? सौंदर्य सुरभि ? तुम आभा हो मेरे जीवन की । सुखपुंज सलिल की सरिता हो ।। नौरस, नवरंग समेटे हुए। तुम प्रेम -पीड़ की हरता हो।। कस्तूरी सुरभि की मादकता । मृगनयनी मदन-बदन... Hindi · कविता 1 2 343 Share