BINDESHWAR ROY Tag: कविता 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid BINDESHWAR ROY 9 Oct 2021 · 2 min read ✍️ लुप्त होईत मिथिला शामा, कौनी,मरुआ, मौनी ढकना,सरबा भेलै विलुप्त। अल्हुआ अभागल घर सऽभागल चिक्कस,चाउर सब भेलै लुप्त।। बाबाक पैंना,दायक बैना कोठी-भरली गेलै फुईट । सिक्का,सिक्की,चंगेरा-चंगेरी उख्खड़ि,समाठ सब गेलै टुईट।। घैला,तौला,दहीक मटकुरी शनै: शनै:... Maithili · कविता 1 1 452 Share BINDESHWAR ROY 9 Oct 2021 · 2 min read ✍️ भ्रूणहत्या प्रसून कुसुम कली कंठ तोड़कर खुश होता नहीं माली है। उपवन के कुमुद को तोड़ना मानवता को गाली है।। मन विषय-वासना से भरकर। न जाने क्या-क्या खेल किये अपनों से... Hindi · कविता 210 Share BINDESHWAR ROY 9 Oct 2021 · 1 min read कलियुगक प्रवाह धीया-पुता उजियाल बुझाईया कलियुग भेलै जुआन आब। घोड़ा कटिंग के केश कटा कऽ छौड़ा सहै ने ककरो ताव।। तेरह-वरषक उमर बुझाई छै मोछक छै ने नाम-निशान। दु-दिन पर अस्तुरा चलबय... Maithili · कविता 1 224 Share BINDESHWAR ROY 8 Oct 2021 · 1 min read राजनितिक रंग-रभस राजनिति के रंग-रभस में नेताजी फेर भेला बताह। अपने हाथे पीठ ठोकै छथि अपने मुंह में वाह रे वाह।। केस में ललका डाई करौने मोंछ लगौने करिया रंग। भ्रष्टाचार के... Maithili · कविता 2 2 271 Share BINDESHWAR ROY 8 Oct 2021 · 2 min read ? सौंदर्य सुरभि ? तुम आभा हो मेरे जीवन की । सुखपुंज सलिल की सरिता हो ।। नौरस, नवरंग समेटे हुए। तुम प्रेम -पीड़ की हरता हो।। कस्तूरी सुरभि की मादकता । मृगनयनी मदन-बदन... Hindi · कविता 1 2 343 Share