Kriti Bhatia Tag: कविता 34 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kriti Bhatia 7 Feb 2019 · 1 min read कवि दिल मे छुपे राज सबको बताए नहीं जाते, जख्म जो लगे हो सीने पर वो दिखाए नहीं जाते।। रिश्ते कई बेनाम जुड़ जाते हैं, सारे रिश्ते हमसे निभाए नहीं जाते।।... Hindi · कविता 2 1 402 Share Kriti Bhatia 4 Feb 2019 · 1 min read घर घर कैसा भी हो लेकिन वो घर हैं, घर छोटा हो या बड़ा हो, घर कच्चा हो या पक्का हो, इसमें रहते इन्सान हो या पक्षी हो, घर घर होता... Hindi · कविता 1 308 Share Kriti Bhatia 4 Feb 2019 · 1 min read बीता हुआ कल बीता हुआ कल वापिस नहीं आता हैं, रूठे हुए पल वापिस नहीं आते हैं।। लम्हों की तिजोरी मे इन पलो को कैद कर लो, वक्त की बदलती हवा इन्हें साथ... Hindi · कविता 1 765 Share Kriti Bhatia 30 Jan 2019 · 1 min read बदली सोच क्यों मैं कोसू किस्मत को अपनी बदलती नहीं ये सोच, मन मे लाऊं अच्छे विचार हकीकत बन जाएगी सोच।। ये जुनून जो मेरे भीतर है उसको बाहर लाना हैं, निराशा... Hindi · कविता 2 469 Share Kriti Bhatia 30 Jan 2019 · 1 min read सोच ये सोच सोच कर मैं हारी, जीवन की बाजी मैने क्यों नहीं मारी।। सोच सोच कर दिल को कर लिया कमजोर, बहुत रोका दिमाग ने पर नहीं चला कोई जोर।।... Hindi · कविता 1 244 Share Kriti Bhatia 25 Jan 2019 · 1 min read झंडा ऊंचा रहे हमारा उठो वीरो जागो वीरो, देश का उत्थान करो।। नहीं डरो अब तुम किसी से, मंगलमय गान करो।। झंडा ऊंचा रहे हमारा,-2।। उठो वीरो जागो वीरो, तिरंगे की आन रख लो,... Hindi · कविता 1 520 Share Kriti Bhatia 24 Jan 2019 · 1 min read बोझ आज के बच्चे दब गए बोझ तले। किताबों के बस्ते हो गए बड़े।। पिछला सलेबस वो भूल चले। आगे का सलेबस दिमाग पर चढ़े।। मंजिल ढूंढते ढूंढते राहों मे खड़े।... Hindi · कविता 1 549 Share Kriti Bhatia 20 Jan 2019 · 1 min read सपना होगा पूरा इक दिन ऐसा आएगा मेरा भी सपना पूरा हो जाएगा।। मैं भी औरों की तरह जीऊंगी खुशियों के जाम मैं भी पीऊंगी।। जिंदगी ने मौका दिया हैं मुझे आज सब... Hindi · कविता 1 289 Share Kriti Bhatia 20 Jan 2019 · 1 min read रिश्ते जाने कौन बनाए रिश्ते, मिटते नहीं मिटाए रिश्ते।। यौवन आया आए रिश्ते, आए बिन बुलाए रिश्ते।। फूलों की चाहत मे हमने, कांटों संग बनाए रिश्ते।। आंसून कोमलता देदी,दर्द ने महकाए... Hindi · कविता 1 254 Share Kriti Bhatia 20 Jan 2019 · 1 min read दुनिया हमने सोचा बैठकर इस दुनिया के लिए हमने क्या कुछ न किया।। रिश्तों का ऐसा कौन सा फर्ज़ था जो अदा न किया।। एक पल मे तोड़ दिया दिल मेरा... Hindi · कविता 282 Share Kriti Bhatia 11 Jan 2019 · 1 min read शिकायत ऐसा नहीं कि दिल मे मुहब्बत नहीं रही।। लेकिन मुझमें वो पहली सी शिद्दत नहीं रही।। आती हैं तेरी याद तो अब भी कभी कभी।। दिल मे मगर वो असल... Hindi · कविता 1 422 Share Kriti Bhatia 11 Jan 2019 · 1 min read आशा निराशा इन हंसते चेहरों पर उदासी नजर आती है।। मुझे आज के मिलने मे जुदाई नजर आती हैं।। जो आज तक थे हमारे और हम भी थे उनके।। आज वहीं चीज़... Hindi · कविता 486 Share Kriti Bhatia 11 Jan 2019 · 1 min read ज़माने कैसे कैसे ये ज़माने आए, जो भी आए वो रूलाने आए।। बात दिल की न कह सके उनसे, हम थे कई बार जान लुटाने आए।। कल जो मेरे करीब बैठे... Hindi · कविता 222 Share Kriti Bhatia 7 Jan 2019 · 1 min read गल्ती हर बार सबका दिल रखने की कोशिश करती हूं।। गल्ती इतनी है कि अपना दिल रखना भूल जाती हूं।। हर बार सबका अच्छा चाहने की कोशिश करती हूं।। गल्ती इतनी... Hindi · कविता 1 317 Share Kriti Bhatia 7 Jan 2019 · 1 min read गल्ती हर बार सबका दिल रखने की कोशिश करती हूं।। गल्ती इतनी है कि अपना दिल रखना भूल जाती हूं।। हर बार सबका अच्छा चाहने की कोशिश करती हूं।। गल्ती इतनी... Hindi · कविता 345 Share Kriti Bhatia 4 Jan 2019 · 1 min read मन मन तूं क्यों इतना विचलित हैं, मन तूं क्यों राह भटकता हैं।। अंगारों पर चलते चलते तूं पुष्पों को ढूंढता हैं, दुनिया की तूं चिंता न कर ये दुनिया इक... Hindi · कविता 1 1 615 Share Kriti Bhatia 4 Jan 2019 · 1 min read जिंदगी एक पहेली जिंदगी एक पहेली है इसको कैसे सुलझाऊं मैं, इस बेरंग जिंदगी मे कैसे रंग बिखराऊं मैं।। दुनिया कहती है मुझसे जिंदगी बहुत हसीन होती हैं, थोड़ी सी मीठी थोड़ी सी... Hindi · कविता 1 267 Share Kriti Bhatia 28 Dec 2018 · 1 min read किस्मत और इंतजार पता नहीं था किस्मत मे नहीं तूं मेरी। पता नहीं क्यों तेरे लिए आंसू बिखेरती रही।। मेरे जिस्म के हर खून के कतरे मे मैं नहीं थी बस तेरी ही... Hindi · कविता 262 Share Kriti Bhatia 28 Dec 2018 · 1 min read कोई अपना अजनबी हो जाएगी वो इस तरह सोचा न था।। इसलिए उसका पता मैंने कभी पूछा न था।। यूं तो पहले भी वो मुझसे रूठ जाती थी। मगर जिस तरह रूठी... Hindi · कविता 248 Share Kriti Bhatia 28 Dec 2018 · 1 min read उलझन ये उलझन एक ऐसी पहेली हैं। कभी कभी लगती मुझे मेरी सहेली हैं।। ये हर पल साथ मेरे रहती हैं। मैं जितना इसको सुलझाती है। ये उतना उलझती जाती है।।... Hindi · कविता 241 Share Kriti Bhatia 26 Dec 2018 · 1 min read नव वर्ष नव वर्ष आ गया।नव वर्ष आ गया। सबके लिए उमंग,उत्साह लेकर आ गया।।। नकारात्मक मन को सकारात्मक करने आ गया।। सबके लिए फुलवारी की सोगात लेकर आ गया।।सबका आने वाला... Hindi · कविता 241 Share Kriti Bhatia 25 Dec 2018 · 1 min read फूल फूल खुशबू दे जाते है।। कभी खुशी मे काम आते है।। कभी गमी मे काम आते है।। कोई पूंछो यारो इन फूलों की मर्जी। कोई पूंछो यारो इनकी कोई अर्जी।।... Hindi · कविता 295 Share Kriti Bhatia 25 Dec 2018 · 1 min read उम्मीद उम्मीद को कभी टूटने न देना।। उम्मीद का दामन कभी छूटने न देना।। उम्मीद से हम किनारे पर जाएंगे।। उम्मीद से हम अपनी मंजिल को पाएंगे।। उम्मीद से भटको को... Hindi · कविता 486 Share Kriti Bhatia 15 Dec 2018 · 1 min read कमी पाकर भी सब कुछ। जिंदगी मे कमी सी क्यों हैं।। जो न सोचा था उसे भी पाकर ।। बेबसी सी क्यों हैं। जिंदगी ने सब कुछ दिया हमें ।। फिर... Hindi · कविता 275 Share Kriti Bhatia 14 Dec 2018 · 1 min read सपने हमने सोचा भी न था।। कुछ ऐसी यह हवा चली।। मैं तो चलती ही रही बेखौफ सपनो की गली।। शाम होते ही हमें अपना सपना याद आता है।। आंख खुलते... Hindi · कविता 242 Share Kriti Bhatia 14 Dec 2018 · 1 min read मां बाप मां बाप हद से गुजर जाते हैं।। बच्चों के लिए वो ज़माने से लड़ जाते हैं।। अपने अरमानों को दबाकर दिल मे। बच्चों की ख्वाहिशों को पूरा कर जाते हैं।।... Hindi · कविता 236 Share Kriti Bhatia 12 Dec 2018 · 1 min read कायनात के मालिक ओ कायनात के मालिक कहांं सोया है तूं। सब कुछ जानता है फिर भी आंखें बंद खोया है तूं।। रास्ता दिया है तो चलना भी सिखा दे तूं।। मन मे... Hindi · कविता 387 Share Kriti Bhatia 12 Dec 2018 · 1 min read पिता का प्यार ढूंढ रही हूं पापा अपने। जाने कहां गुम हो गए।।। मेरी आवाज़ सुनने की खातिर जो दौड़े चले आते थे।।। तरस गई हूं सुनने को अब उनकी आवाज़।।। अब न... Hindi · कविता 436 Share Kriti Bhatia 9 Dec 2018 · 1 min read मज़बूरी जब भी कदम आगे बढाने चाहे ।। कुछ ऐसी मज़बूरी आती रही।। बस आगे बढने के लिए तरसते रहे।। दुनिया और भी हमें सताती रही।। कभी खून के रिश्ते रहे... Hindi · कविता 244 Share Kriti Bhatia 8 Dec 2018 · 1 min read वह आप है दिल मे बसे थे जो वह आप है। ख्याब बन कर दिखे थे जो वह आप है।। तन्हाइयों मे रो चुके हैं जारजार हम। अश्क बन कर जो बहे वह... Hindi · कविता 445 Share Kriti Bhatia 7 Dec 2018 · 1 min read घबराहट क्यों अक्सर मुश्किलों से घबरा जाती हूं, क्यों आगे बढने से रूक जाती हूं।। क्यों भीड़ को देखकर मैं डर जाती हूं, क्यों अपने आप को मैं रोक पाती हूं।।... Hindi · कविता 295 Share Kriti Bhatia 6 Dec 2018 · 1 min read अपने आप से बात क्यों छिप छिप कर अश्क बहाती हूं, क्यों अनमोल मोती लुटाती हूं, क्यों गीली उमर बनाती हूं, क्यों डूबे बिना नहाती हूं, कुछ सपनो के टूट जाने से, क्यों जिंदगी... Hindi · कविता 270 Share Kriti Bhatia 23 Nov 2018 · 1 min read मां जब भी उदासी मे होती हूँ मैं तो मांँ प्यार भरी बाहें खिलार देती हैं । जब भी कभी रोती हूं मैं तो मांँ अपने आँचल से आंंसू पोंछ देती... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 44 105 3k Share Kriti Bhatia 22 Nov 2018 · 1 min read मॉं मॉं जब भी उदासी में होती हॅूं मैं तो मॉं प्यार भरी बाहें खिलार देती हैं। जब भी कभी रोती हॅूं मैं तो मॉं अपने आंचल से आंसू पोंछ देती... Hindi · कविता 17 8 512 Share