Bharat Bhushan Pathak Tag: बाल कविता 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Bharat Bhushan Pathak 3 Oct 2019 · 1 min read सीख सीखता है मनुज जीवनपर्यन्त। देह नष्ट हो जाती मगर सीखना न अन्त है नहीं ऐसा अगर तो कहो फिर क्यों हो जन्म भला ? आत्मा मरती नहीं पर देह नष्ट... Hindi · कविता · बाल कविता 1 302 Share Bharat Bhushan Pathak 9 Jan 2019 · 1 min read नताजी की बीमारी नेताजी हो गए बीमार। आए डाक्टर एक हजार ।। नेताजी थे बहुत ही परेशान । चुनाव का था जो इम्तहान ।। नेताजी क्यों थे पड़े हुए बीमार। हो नहीं पा... Hindi · कविता · बाल कविता 323 Share Bharat Bhushan Pathak 14 Nov 2018 · 1 min read बाल -दिवस चारों ओर है मस्ती छाई। आई देखो बाल दिवस आई।। बच्चों के मन को है भाता। हरओर उमंग है छाता।। सूर्यदेव भी हर्षित से नभमण्डल में दिख हैं रहे। बगिया... Hindi · कविता · बाल कविता 1 424 Share Bharat Bhushan Pathak 14 Nov 2018 · 1 min read नहीं होता है तबतलक सवेरा नहीं होता है तबतलक सवेरा । धरे मोबाईल जबतलक न इन्सान ।। रात से दिन तक जब तक न थकले। मोबाईल पकड़ा रहता है इन्सान ।। छुप-छूपाकर वॉट्सऐप खोले। मैशेज... Hindi · कविता · बाल कविता 329 Share Bharat Bhushan Pathak 12 Nov 2018 · 1 min read एक था जंगल ... . एक था जंगल । था चल रहा जहाँ दंगल।। हाथी सारे जज बने थे। बंदर बना हुआ था पहलवान ।। होने को थी ही दंगल की अब शुरुआत ।... Hindi · कविता · बाल कविता 336 Share Bharat Bhushan Pathak 9 Nov 2018 · 1 min read दरिद्र नारायण भोज दरिद्र नारायण भोज की हो चुकी थी तैयारी । कोई लिया था लोटा ,कोई लिया था थाली ।। तलने लगी थी पूड़ियाँ, बनने लगी थी जलेबियाँ। लगने लगा था लोगों... Hindi · कविता · बाल कविता 1 3 594 Share Bharat Bhushan Pathak 9 Nov 2018 · 1 min read मच्छर संग वार्तालाप एक दिन मच्छर आके मुझसे बोला। मान्यवर बताओ मेरा गुनाह क्या है।। मैंने तपाक से कहा रे मच्छर ... तु जो चट से आकर .... पट से बैठकर । झट... Hindi · कविता · बाल कविता 2 2 342 Share Bharat Bhushan Pathak 9 Nov 2018 · 1 min read यमपुरी -एक व्यंग्य था मानव का हुआ प्रयाण। अद्भुत है ये यात्रावृतान्त।। तैरते बादल से पार होकर। अति दुसह कष्ट सहकर।। मार्ग का करते अवलोकन। करते मन में चिन्तन। मन्थन मनन और स्मरण।... Hindi · कविता · बाल कविता 249 Share Bharat Bhushan Pathak 8 Nov 2018 · 1 min read रसगुल्ले की पीटाई रसगुल्ले की हुई पीटाई। रबड़ी जी ने शिकायत लगाई।। पकौड़ी जी को खूब हँसी आई। देख के रसगुल्ले की पीटाई।। चमचम का सजा दरबार । लोगों तक हुआ प्रचार।। रबड़ी... Hindi · कविता · बाल कविता 2 1 315 Share Bharat Bhushan Pathak 7 Nov 2018 · 1 min read जलेबी का घमण्ड जलेबी को एक बार हो गया घमण्ड । अकड़ कर बोली मैं हूँ सबसे मीठी । चाश्नी जब जलेबी से बोली... । वो तो ठीक है जलेबी बहन हो तो... Hindi · कविता · बाल कविता 3 2 415 Share