Awadhesh Kumar Singh Language: Hindi 37 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Awadhesh Kumar Singh 27 Nov 2024 · 1 min read कटु सत्य.... बदनीयती खत्म कर देती है दवाओं का असर। जब हम छोड़ते नहीं सगे से बईमानी में कसर॥ डर नहीं रहा कोई तुमसे, अगर वह खामोश है। स्वान पर पत्थर फेंकने... Hindi · कविता 2 29 Share Awadhesh Kumar Singh 2 Nov 2024 · 1 min read औरत.....? औरत दादी है, माँ है, पत्नी है और बेटी है। औरत अपने लिए नहीं सबके लिए जीती है॥ सुबह से लेकर शाम तक दिन रात परिश्रम करती है, गिला नहीं... Hindi · कविता 56 Share Awadhesh Kumar Singh 21 Aug 2024 · 2 min read मिजाज मेरे गांव की.... हो गया तल्ख मिजाज मेरे गांव की। अब नहीं पुकारती माटी मेरे गांव की॥ अपने नहीं चाहते अब अपनों को स्वजन छलिया बनके घुम रहे है, फंसाने की सोच नई-नई... Hindi 1 65 Share Awadhesh Kumar Singh 13 Jun 2024 · 1 min read शुभकामना संदेश..... आज जन्मदिन के अवसर पर, तुम्हें ढ़ेरों सारी शुभकामना मिले। राग द्धेष छोड़ इस दुनिया का उल्लास तुम्हारे अधरों पर खिले॥ हो अपराजेय तुम्हारा जीवन चेहरे पर स्मित मुस्कान बनी... Hindi · कविता 1 87 Share Awadhesh Kumar Singh 4 Jun 2024 · 1 min read राजनीति राजनीति करने वालों को मिली है सारी छुट। जिसको जितना मिल गया ले लिए सब लुट॥ कैसा कलयुग आ गया बदल गया ईमान। गैरों को कौन कहे, अपने हो गए... Hindi · कविता 182 Share Awadhesh Kumar Singh 27 May 2024 · 2 min read चमचा चरित्र..... ज्ञानी चमचे, अज्ञानी चमचे, चमचों से चमचा पुराण है। इनके बिना बात नहीं बनती, यह बड़े ज्ञान की बात है॥ नवीन चमचे, मजबुर चमचे, अनभिज्ञ चमचे ढ़ेर है। चमचों के... Hindi · कविता 109 Share Awadhesh Kumar Singh 19 Mar 2024 · 1 min read तुम्हारी आँखें...। तेरी शोला सी आँखें, कभी शबनम सी आँखें। सागर सी नयनों में, है स्नेहराग तुम्हारी आँखें॥ तेरी ख्वाब सी आँखें, कभी अल्फाज सी आँखें। इस विरान शहरों में, है स्व... Hindi · कविता 1 101 Share Awadhesh Kumar Singh 19 Mar 2024 · 1 min read पूर्णिमा की चाँदनी..... खामोशी लिए चाँदनी रात प्रिया मिलन की तृषित आस, विरह से व्याकुल हिय से निकलती गर्म सी उच्छवास, शरद पूर्णिमा की चाँदनी फिजाओं में बहार फैलाती है। अंतस को ठंडक... Hindi · कविता 100 Share Awadhesh Kumar Singh 28 Dec 2023 · 1 min read साहित्य सृजन ..... सृजन ही साहित्य का श्रृंगार है । वैचारिक उत्कृष्टता का आधार है॥ उगते खामोशी की गहराईयों में व्यक्त होते भावना के तल पर, ह्रदय के आहत उच्छवासों में अंकित होते... Hindi · कविता 1 259 Share Awadhesh Kumar Singh 23 Dec 2023 · 12 min read ‘पितृ देवो भव’ कि स्मृति में दो शब्द............. आप ज्ञानवान, बुद्धिमान, विवेकवान, सामर्थवान और धनवान ही क्यों न हो, अपने से बड़ों को जो आदर सम्मान नहीं देता उसके जैसा निकृष्ट व्यक्ति कोई नहीं है। साथ ही आदर... Hindi · लेख 3 1 217 Share Awadhesh Kumar Singh 29 Jul 2023 · 1 min read **विकास** चारों तरफ विकास की धुम है। देश का जनमानस मंत्रमुग्ध है॥ तीन बच्चों की अम्मा दुध मूँहे बच्चों को छोड़ कर प्रेमी विकास संग भाग गयी मीडिया में खबर छोड़... Hindi · कविता 2 209 Share Awadhesh Kumar Singh 14 Jul 2023 · 1 min read फितरत मंजिल तो मेरी तय है। अब रास्तों की तलाश है॥ मेरे संस्कार का स्वभिमान मेरी रग – रग में है बहता, चाटुकारों की महफिल में कोई पसंद नहीं है करता,... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 217 Share Awadhesh Kumar Singh 17 May 2023 · 1 min read नव उल्लास होरी में.....! चिर परिहास झोरी में । नव उल्लास होरी में ।। जात पात भूले सभी, हो प्रेममयी परिहास सतरंगी बिखरे आभा, जहाँ स्नेहमयी बहूपाश नाचे मन के मोर सभ, रंगों की... Poetry Writing Challenge · कविता 1 187 Share Awadhesh Kumar Singh 17 May 2023 · 1 min read दर्दे दिल…….! दर्दे दिल के रिश्ते कभी मिटते ही नहीं लगी जो दाग दिल में वो भरते ही नहीं। जला दी हो जिसने खुशियां ही अपनी मुद्त से सुलगती आगें, वो बुझती... Poetry Writing Challenge · कविता 1 188 Share Awadhesh Kumar Singh 17 May 2023 · 1 min read तुम्हीं तुम हो.......! जमीं और आसमानों में, चंद्र और सितारों में, बसंत की बहारों में, हर जगह तुम्ही तुम हो। संगीत के सुरों में, नर्तकी के नृत्य में, गायक की गान में, हर... Poetry Writing Challenge · कविता 2 285 Share Awadhesh Kumar Singh 17 May 2023 · 1 min read तुम्हारी हँसी......! तुम्हारी हँसी......! चिड़ीयों की चहचहाट सी कोयल की कूक सी बांसुरी की धुन सी निर्लिप्त तुम्हारी हँसी। झरनों की कलकल सी बसंत की बहार सी वीणा की तान सी मधुमय... Poetry Writing Challenge · कविता 1 204 Share Awadhesh Kumar Singh 17 May 2023 · 2 min read एक सूखा सा वृक्ष... खदान में आते – जाते, रोज देख रहा हूँ – उस शाल के सुखे वृक्ष को जो कबसे – कितने युगों से; अगर मैं याद कर पाता, तो बताता –... Poetry Writing Challenge · कविता 2 216 Share Awadhesh Kumar Singh 17 May 2023 · 1 min read ....प्यार की सुवास.... प्रेम एक पूर्ण एहसास है। विकल हृदयों कि आस है।। कोयल की मीठी कूक सी उदित तिमिर में तड़ित सी खिली अनछुई गुलाब में छाई पावन सी सुवास है। प्रेम... Poetry Writing Challenge · कविता 1 363 Share Awadhesh Kumar Singh 17 May 2023 · 1 min read जीवन का मुस्कान कभी ख्वाबों में कभी ख्यालों में पास आना हँस हँस कर गीत का गुनगुनाना खुशियों का सौगात दिया। जीवन का मुस्कान दिया।। मुश्किलों के दौर में तन्हाईयों के आलम में... Poetry Writing Challenge · कविता 1 367 Share Awadhesh Kumar Singh 17 May 2023 · 1 min read बचपन की सुनहरी यादें..... न सुबह की फ़िक्र थी न शाम का ठिकाना पिताजी कीं डाँटो में, माँ का आशियाना था मस्तमौला सा जीवन और भोले से मन में ना ही खुशी देर रहती... Poetry Writing Challenge · कविता 1 479 Share Awadhesh Kumar Singh 17 May 2023 · 1 min read मैं नारी हूँ, मैं जननी हूँ मैं नारी हूँ, मैं जननी हूँ। मैं माँ जगदंबा भवानी हूँ॥ न बांध मुझे मर्यादा में, न संस्कार की डोरी से, ना ममता की जंजीरों में, स्वछंद विचरने दे जग... Poetry Writing Challenge · कविता 1 169 Share Awadhesh Kumar Singh 17 May 2023 · 1 min read ****प्राणप्रिया**** इस जीवन की प्राण हो । हे प्रिय ! तुम महान हो ॥ कड़ी धुप में या सर्द रात में, लक्ष्य के अनजान राह में, गमों के दर्द को सहते... Poetry Writing Challenge · कविता 1 325 Share Awadhesh Kumar Singh 17 May 2023 · 1 min read फागुन में..... फागुन में सखी, फागुन में। गोरी के मुख भए लाल, फागुन में।। चढ़त फागुन मोरे मन बौराए हियरा में आसरा के दीप जलाए पुरन होई मन के मलाल, फागुन में।... Poetry Writing Challenge · कविता 1 345 Share Awadhesh Kumar Singh 17 May 2023 · 1 min read सावन में तुम आओ पिया............. सावन में तुम आओ पिया, भर सावन तुम रह जाना। मैं बन जाउँगी दीप की बाती, तुम ज्योति बन छा जाना॥ रिमझिम बुँदें बरखा की, तन को मेरे भिंगोए। पिया... Poetry Writing Challenge · कविता 1 682 Share Awadhesh Kumar Singh 17 May 2023 · 1 min read बसंत का मौसम लाल-पीले नीले-गुलाबी, महकते फूलों का नजारा । बसंत का मौसम, कितना सुंदर, कितना प्यारा ।। कोयल कुकती डालों पर, भंवरा फूलों पर मंडराता । पी कर वह पुष्प मधु, प्रणय... Poetry Writing Challenge · कविता 2 264 Share Awadhesh Kumar Singh 17 May 2023 · 1 min read माँ...की यादें...। इस नश्वर सी जीवन में, तेरी याद बहुत आती है। माँ... तेरी याद बहुत सताती है॥ जीवन के सूने उपवन में , अंधकार में डूबे हुए मन को अमृत का... Poetry Writing Challenge · कविता 2 2 232 Share Awadhesh Kumar Singh 17 May 2023 · 1 min read पुश्तैनी मकान..... मैं अपने वंशजों की ठाँव हूँ। मैं गाँव का पुश्तैनी मकान हूँ॥ छोटे बच्चों की किलकारियां कभी मेरे आंगन में गुँजती थी, चहकती गौरैया की दुनिया मेरे घर के मुंडेरों... Poetry Writing Challenge · कविता 1 631 Share Awadhesh Kumar Singh 17 May 2023 · 1 min read मेरी माँ...... जब याद तुम्हारी आती माँ। मुझको बहुत रुलाती माँ॥ तुमसे ही पाया यह जीवन तुमने ही पोषित किया इसे संस्कार का पाठ पढ़ा कर शक्ति से सबल बनाया इसे तेरे... Poetry Writing Challenge · कविता 1 185 Share Awadhesh Kumar Singh 17 May 2023 · 1 min read “पहाड़ी झरना” पहाड़ो और चट्टानों के गर्भ से बुंद – बुंद कर निकलती एक छोटी सी जल स्रोत निर्मल और शांत बन कल कल करती हुई टेढ़े – मेढ़े रास्तों पर अठखेलियाँ... Poetry Writing Challenge · कविता 1 364 Share Awadhesh Kumar Singh 17 May 2023 · 1 min read गुमनाम…….. कभी सुर्खियों में था आज गुमनाम हूँ। रौनके महफिल का आज बदनाम हूँ॥ जो थकते थे ना लब कभी मेरे जिक्र में। आज चर्चा भी नहीं होती कि मैं इंसान... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल 1 145 Share Awadhesh Kumar Singh 17 May 2023 · 2 min read अपनों की ठांव ..... गांव में अपनों की ठांव ..... भुल गए सब हंसी ठिठोली भुल गए बचपन की यादें सिमट गए है खुन के रिश्ते बंट गया बहन - भाई का प्यार ननद... Poetry Writing Challenge · कविता 1 300 Share Awadhesh Kumar Singh 17 May 2023 · 1 min read गरीबी…….. गरीबी लाचार बना देती है । अपनों से दूर करा देती है ॥ तंग वस्त्रों से झलकती काया, अपने ही नजरों में जार-जार हुए, करते है दिन रात कड़ी मेहनत,... Poetry Writing Challenge · कविता 1 297 Share Awadhesh Kumar Singh 17 May 2023 · 1 min read एक फूल.... कांटों में एक फूल खिले, मुस्कुराये । गुलदस्ते फूलों के हमें नहीं भाये ।। चँचल चौराहे पर ठिठक गई काया, अनचाही भीड़ देख अंतर अकुलाया, तन की जिज्ञासा जब मन... Poetry Writing Challenge · कविता 1 225 Share Awadhesh Kumar Singh 17 May 2023 · 1 min read भ्रष्टाचार....... सज्जन का मोल कहाँ, बेइमानों का चलता जोर। ईमानदार खाने को तरसे, घी- मलाई खाए चोर॥ रिश्ते नाते टुट गए सब, दुश्मनी का बजता ढ़ोल। हिरण के भेष में बैठा,... Poetry Writing Challenge · दोहा 1 219 Share Awadhesh Kumar Singh 23 Apr 2023 · 1 min read याद तुम्हारी......। यादों के मेले में पहले लम्हें थे गुजरे, साल और सदियां गुजरी अब गुजर रही जीवन मेरी, आ रही है याद तुम्हारी। मीठी - मीठी बात तुम्हारी॥ मिले थे जब... Hindi 3 270 Share Awadhesh Kumar Singh 19 Apr 2023 · 1 min read जीवन का मुस्कान कभी ख्वाबों में कभी ख्यालों में पास आना हँस हँस कर गीत का गुनगुनाना खुशियों का सौगात दिया। जीवन का मुस्कान दिया।। मुश्किलों के दौर में तन्हाईयों के आलम में... Hindi · कविता 1 409 Share Awadhesh Kumar Singh 17 Apr 2023 · 1 min read ग़ुमनाम जिंदगी कभी सुर्खियों में था आज गुमनाम हूँ। रौनके महफिल का आज बदनाम हूँ॥ जो थकते थे ना लब कभी मेरे जिक्र में। आज चर्चा भी नहीं होती कि मैं इंसान... Hindi · Poem 1 572 Share