Ashwini Jha Language: Maithili 16 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ashwini Jha 23 Mar 2022 · 1 min read गामक गुलाब जैड़ जुरल जौ गाम स, ओकर बात गज़ब के होइ छै, फूल विदेशी रूपे सुन्दर, सुगंध कहाँ होइ छै... अपन गामक गुलाब के, सुगंध गज़ब के होइ छै, पुष्प अनेकों... Maithili · कविता 1 2 341 Share Ashwini Jha 8 Jan 2022 · 1 min read कारी, कारी मेघ ढन... ढन... ढनकै, रुइक, रुइक बरसै कखनो बरसै तेज कारी-कारी मेघ रहि, रहि बमकइ, बिजलौता चमकै फटै अकासक करेज कारी, कारी मेघ शीत लहर छै सकदम शहर छै नहि छै... Maithili · कविता 2 2 295 Share Ashwini Jha 5 Jan 2022 · 1 min read जाड़ लगै छै जाड़ लगै छै, मौसम से खराप, अन्हार लगै छै, पाइन पडै छै, भोरेसौं सिहकई सर्द बसात, ठरल ओछाइन लगै छै, दुबकल छै बच्चा पड़ल ओछाइन पर दम सधने बुढ्बा, घ'रो... Maithili · कविता 2 3 347 Share Ashwini Jha 20 Dec 2021 · 1 min read सस्ता सब्जी सस्ता सब्जी दबा क खाऊ आउ सुनबै छी अझुका भाव २० के पलांकी २० के मेथी २० के बथुआ हे लेने जाउ नवका आलू के नै पुछू भाव ५० के... Maithili · कविता 3 1 343 Share Ashwini Jha 30 Nov 2021 · 1 min read मनोभाव मन एक्केटा बलवान आ चंचल, क्षण-क्षण बदलए रंग पार असंभव, यद्यपि बुद्धि सूक्ष्म, आ मन स उपर, कहैछ ज्ञानी बुद्धि बले मन पर बश... तथापि की बदलि सकै छी? "उत्तर"... Maithili · कविता 2 2 501 Share Ashwini Jha 30 Nov 2021 · 1 min read जीवन चक्र कखनो जीवन बसंत बनि बरसतै… कखनो इ पतझड़ बनि झहरतै… कखनो पूर्णिमा रैतक चान जकां… सब संताप हैर लेतै… कखनो अमावस के स्याह रैत बैन डरौतै… इ क्रम त अहिना... Maithili · कविता 2 2 360 Share Ashwini Jha 30 Nov 2021 · 1 min read क्षणभंगुर जीवन जीवन छै क्षणभंगुर, गुरुर नहि ढहि रहल, जनितो तथ्य, सत्य, असत्य के गहि रहल, की हैत कखन, के बुझि सकल, एकरा अागू सब वेवश, की, केकरो वश चलल, सत मार्ग... Maithili · कविता 2 4 224 Share Ashwini Jha 30 Nov 2021 · 1 min read हे मातृभूमि प्रणाम! फुसक घर, खरही के टाट खपरैल घर, अँगना कात भनसा घर, माटिक चुल्हा राखल डिबिया, ओ लेबल लोहिया... पाछू बारी, आगू फुलवारी, फरकी स घेरल, पोखरी कात चललै बचपन ल... Maithili · कविता 1 2 391 Share Ashwini Jha 30 Nov 2021 · 1 min read बूढ़क दर्द बड़ जरुरी बूढ़ के अपना संग में पाई रहब नहि लगई नीक कनिको ज बुढ़ाड़ी हाथ बन्हल... बड अभिलाषा बूढ़ के अपने हाथे खर्च करब छोट-मोट खगता ख़ातिर किए पत्नी... Maithili · कविता 1 1 361 Share Ashwini Jha 30 Nov 2021 · 1 min read कौआ स्नान पाइन देखि ठंडा-ठंडा, ओहिना सिहरै लोक ठंढक ऐहन प्रकोप में, केना नहैत हेतै लोक सोचि-सोचि देह हमर भुलकै...ओ! हो! हो! पहिल लोटा जखन माथ पर, ढारैत हेतै लोक ... Maithili · कविता 2 2 409 Share Ashwini Jha 30 Nov 2021 · 1 min read विल्वपत्र बेल पात के, तीन पात, त्रिविध ताप बुझियौ, सत्विक, राजस आ तामस, केवल डैढ़ के तोरल, पात नै बुझियौ, बेल आत्मा त मनुष्य बेलक गाछ, आदर स चढ़ियौ, अनुराग स,... Maithili · कविता 1 1 241 Share Ashwini Jha 29 Nov 2021 · 1 min read मिथ्या अभिमान जाबैत तक समर्थ रहै छै, अपना के भगवान बुझै छै, राम नाम मुख नहि आवै, सुनिते नाम दूर ओ भागै, जेना नाम सुनि, डाइन भगै छै... ज्ञान-विज्ञान के बात उचारै... Maithili · कविता 1 1 271 Share Ashwini Jha 29 Nov 2021 · 1 min read मति भ्रम कपड़ा बदलव छै बड आसान, आदमी बदलै तहन ख़ास होइ छै, दुनिया छोरब कहाँ छै कठिन, दुनियादारी छुटै त बात होइ छै... ... Maithili · कविता 1 1 420 Share Ashwini Jha 29 Nov 2021 · 1 min read चंचल मन कोनो चीज बस चीज होई छै, ने खराब ने नीक होइ छै, म'नक अनुकूलता पर ओ बड सुन्दर, नै त ओ बड खराब! कहै छै ... Maithili · कविता 2 2 224 Share Ashwini Jha 29 Nov 2021 · 1 min read अज्ञात चिदाकाश में व्याप्त... अदृश्य, एकरस, अज्ञात... 'रसो वै सः' ••• Maithili · कविता 1 1 349 Share Ashwini Jha 29 Nov 2021 · 1 min read परमेश्वर निराकार, निर्विकार, निर्विशेष, परम शक्ति परमेश्वर, चेतन, अरूप, अशेष... Maithili · कविता 1 1 313 Share