Ashok Chhabra Tag: लघु कथा 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ashok Chhabra 1 Mar 2019 · 1 min read पापड जनवरी का महीना था। कडाके की ठंड। रात के समय सुखिया फुटपाथ पर बैठा जाग रहा था। नींद आती भी तो कैसे। ठंड ने उसका जीना मुहाल कर रखा था।... Hindi · लघु कथा 1 725 Share Ashok Chhabra 1 Mar 2019 · 1 min read पेट की आग जून का महीना था और तपती दुपहरी में रिक्शेवाला सवारी को खींचता हुआ उसको उसके गंतव्य स्थान तक पहुँचाने के लिए पैडल मारता हुआ पसीने से तर बतर हो रहा... Hindi · लघु कथा 1 384 Share Ashok Chhabra 1 Mar 2019 · 1 min read पछतावा सोशल मीडिया पर अशोक की दोस्ती एक बडे शहर में रहने वाले गौरव से हो ग ई थी। अक्सर उनमें बातें होती रहती थी। गौरव उसे गंवार कहकर चिढाता रहता... Hindi · लघु कथा 1 574 Share Ashok Chhabra 28 Feb 2019 · 1 min read राजनीति "क्या बात है आज बडे खुश नजर आ रहे हो। ये चेहरे पर गुलाल क्यों लगा रखा है? "तुम्हें पता नहीं विधानसभा के चुनाव का परिणाम आ गया है? 'अपना... Hindi · लघु कथा 1 430 Share Ashok Chhabra 28 Feb 2019 · 1 min read तरीका आज पांचवां दिन था मुझे चक्कर काटते हुए। केवल एक छोटा सा काम करवाने के लिए कई बातें सुननी पडी थी। आफिस वाले कभी कहते कि अभी टाइम नहीं है,... Hindi · लघु कथा 1 1 280 Share Ashok Chhabra 25 Feb 2019 · 1 min read नेता और अभिनेता 'फिल्में और राजनीति' विषय पर प्रतियोगिता आयोजित की जा रही थी। एक उम्मीदवार से पूछा गया, "नेता और अभिनेता में क्या समानता है? " "उनका लक्ष्य एक है।" "कैसे? "... Hindi · लघु कथा 3 1 352 Share Ashok Chhabra 24 Feb 2019 · 2 min read पैकेज सुबह का वक्त था। एक महानगर के एक घर में मनीष अपने लानॅ में बैठे अपने पडोसी सुरेंद्र चौबे से बातें कर रहे थे।सुरेंद्र चौबे जी सुबह की सैर से... Hindi · लघु कथा 1 310 Share Ashok Chhabra 23 Feb 2019 · 1 min read फर्क गौरव और उसकी पत्नी दो बच्चों के साथ कार से वृद्धाश्रम रह रहे अपने माता पिता से मिलकर सोसायटी में मिले अपने फ्लैट के लिए लौट रहे थे। आगे चौराहे... Hindi · लघु कथा 264 Share Ashok Chhabra 12 Jan 2019 · 1 min read गलत या सही आज अठारह सालों के बाद अशोक और रश्मि किसी की शादी में मिले थे। "कैसी हो रश्मि? " अशोक ने पूछा। "अच्छी हूँ मुझे क्या हुआ है।" रूखा सा उत्तर... Hindi · लघु कथा 279 Share Ashok Chhabra 2 Jan 2019 · 1 min read बेटियाँ रक्षाबंधन के दिन मैं घर के बरामदे में बैठा हुआ था।तभी अचानक मेरी पडोसन राहुल की मम्मी दूसरी पडोसन पिंकी की मम्मी को आवाज दे रही थी, अरे पिंकी की... Hindi · लघु कथा 264 Share