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यूँही कुछ मसीहा लोग बेवजह उलझ जाते है
यूँही कुछ मसीहा लोग बेवजह उलझ जाते है
'अशांत' शेखर
वो कभी दूर तो कभी पास थी
वो कभी दूर तो कभी पास थी
'अशांत' शेखर
ये साँसे जब तक मुसलसल चलती है
ये साँसे जब तक मुसलसल चलती है
'अशांत' शेखर
सागर में अनगिनत प्यार की छटाएं है
सागर में अनगिनत प्यार की छटाएं है
'अशांत' शेखर
बड़ा ही हसीन होता है ये नन्हा बचपन
बड़ा ही हसीन होता है ये नन्हा बचपन
'अशांत' शेखर
और चलते रहे ये कदम यूँही दरबदर
और चलते रहे ये कदम यूँही दरबदर
'अशांत' शेखर
समँदर को यकीं है के लहरें लौटकर आती है
समँदर को यकीं है के लहरें लौटकर आती है
'अशांत' शेखर
कोई कैसे अपने ख्वाईशो को दफनाता
कोई कैसे अपने ख्वाईशो को दफनाता
'अशांत' शेखर
कहाँ छूते है कभी आसमाँ को अपने हाथ
कहाँ छूते है कभी आसमाँ को अपने हाथ
'अशांत' शेखर
ऊंचाई को छूने में गिरना भी लाजमी है
ऊंचाई को छूने में गिरना भी लाजमी है
'अशांत' शेखर
उतर गया चढ़ा था जो आसमाँ में रंग
उतर गया चढ़ा था जो आसमाँ में रंग
'अशांत' शेखर
जब भी मनचाहे राहों ने रुख मोड़ लिया
जब भी मनचाहे राहों ने रुख मोड़ लिया
'अशांत' शेखर
इन रास्तों को मंजूर था ये सफर मेरा
इन रास्तों को मंजूर था ये सफर मेरा
'अशांत' शेखर
जीवन का हर वो पहलु सरल है
जीवन का हर वो पहलु सरल है
'अशांत' शेखर
आँखे मूंदकर
आँखे मूंदकर
'अशांत' शेखर
जरुरी नहीं खोखले लफ्ज़ो से सच साबित हो
जरुरी नहीं खोखले लफ्ज़ो से सच साबित हो
'अशांत' शेखर
अगर उठ गए ये कदम तो चलना भी जरुरी है
अगर उठ गए ये कदम तो चलना भी जरुरी है
'अशांत' शेखर
अजनबी सा लगता है मुझे अब हर एक शहर
अजनबी सा लगता है मुझे अब हर एक शहर
'अशांत' शेखर
छू लेगा बुलंदी को तेरा वजूद अगर तुझमे जिंदा है
छू लेगा बुलंदी को तेरा वजूद अगर तुझमे जिंदा है
'अशांत' शेखर
ये छुटपुट कोहरा छिपा नही सकता आफ़ताब को
ये छुटपुट कोहरा छिपा नही सकता आफ़ताब को
'अशांत' शेखर
अगर तेरी बसारत में सिर्फ एक खिलौना ये अवाम है
अगर तेरी बसारत में सिर्फ एक खिलौना ये अवाम है
'अशांत' शेखर
जो पहली ही ठोकर में यहाँ लड़खड़ा गये
जो पहली ही ठोकर में यहाँ लड़खड़ा गये
'अशांत' शेखर
इन पैरो तले गुजरता रहा वो रास्ता आहिस्ता आहिस्ता
इन पैरो तले गुजरता रहा वो रास्ता आहिस्ता आहिस्ता
'अशांत' शेखर
⚪️ रास्तो को जरासा तू सुलझा
⚪️ रास्तो को जरासा तू सुलझा
'अशांत' शेखर
✍️खाली और भरी जेबे...
✍️खाली और भरी जेबे...
'अशांत' शेखर
✍️ इंसान सिखता जरूर है...!
✍️ इंसान सिखता जरूर है...!
'अशांत' शेखर
✍️ हर बदलते साल की तरह...!
✍️ हर बदलते साल की तरह...!
'अशांत' शेखर
✍️सियासत का है कारोबार
✍️सियासत का है कारोबार
'अशांत' शेखर
✍️विश्वरत्न बाबासाहब को कोटि कोटि प्रणाम
✍️विश्वरत्न बाबासाहब को कोटि कोटि प्रणाम
'अशांत' शेखर
✍️महामानव को कोटि कोटि प्रणाम
✍️महामानव को कोटि कोटि प्रणाम
'अशांत' शेखर
✍️क्रांतिउर्जा के क्रांतिसूर्य
✍️क्रांतिउर्जा के क्रांतिसूर्य
'अशांत' शेखर
✍️रवीश जी के लिए...
✍️रवीश जी के लिए...
'अशांत' शेखर
✍️कुछ दबी अनकही सी बात
✍️कुछ दबी अनकही सी बात
'अशांत' शेखर
✍️यादों के पलाश में ..
✍️यादों के पलाश में ..
'अशांत' शेखर
✍️साहस
✍️साहस
'अशांत' शेखर
✍️ 'कामयाबी' के लिए...
✍️ 'कामयाबी' के लिए...
'अशांत' शेखर
✍️गहरी साजिशें
✍️गहरी साजिशें
'अशांत' शेखर
✍️फिर वही आ गये...
✍️फिर वही आ गये...
'अशांत' शेखर
Daily Writing Challenge : घर
Daily Writing Challenge : घर
'अशांत' शेखर
✍️वास्तव....
✍️वास्तव....
'अशांत' शेखर
Daily Writing Challenge : समय
Daily Writing Challenge : समय
'अशांत' शेखर
Daily Writing Challenge : सम्मान
Daily Writing Challenge : सम्मान
'अशांत' शेखर
Daily Writing Challenge : जल
Daily Writing Challenge : जल
'अशांत' शेखर
Daily Writing Challenge : कला
Daily Writing Challenge : कला
'अशांत' शेखर
Daily Writing Challenge: त्याग
Daily Writing Challenge: त्याग
'अशांत' शेखर
#Daily Writing Challenge : आरंभ
#Daily Writing Challenge : आरंभ
'अशांत' शेखर
कल्पना ही कविता का सृजन है...
कल्पना ही कविता का सृजन है...
'अशांत' शेखर
✍️क्या ये सच नही..?
✍️क्या ये सच नही..?
'अशांत' शेखर
✍️एक ख़्वाब आँखों से गिरा...
✍️एक ख़्वाब आँखों से गिरा...
'अशांत' शेखर
✍️कुछ ख्वाइशें और एक ख़्वाब...
✍️कुछ ख्वाइशें और एक ख़्वाब...
'अशांत' शेखर
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