क्षेत्र 'प्रेम' मुखिया Language: Hindi 19 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid क्षेत्र 'प्रेम' मुखिया 12 Jan 2023 · 1 min read ज़िन्दगी गुजर गई मगर गुजारा न हुआ चाहा बहुत हमने मगर इशारा न हुआ हमसे होकर निकल गए हमारा न हुआ ताकते रहते है आज भी उस राह को हम जिस राह में आना उनका दोबारा न... Hindi 1 1 117 Share क्षेत्र 'प्रेम' मुखिया 14 Jan 2021 · 1 min read फिर अड़ गई है रात बरस रहें हैं और एक मुठ्ठी यातनाओं के रेत कण-कण कोरोना बनकर। मेरी तरह मन के गर्भ में अनेकों आकांक्षा लिए बाध्य है खट्टे सपनों को लिए जीने वाले.. ।... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 15 386 Share क्षेत्र 'प्रेम' मुखिया 24 Mar 2019 · 1 min read सोचते-सोचते तुम्हारा प्रणय जो आँखों में दिखता है सच है या आँकलन मेरा! जीवन भर बसने का दृढ संकल्प है या परदेशी सा हृदय आँगन में केवल क्षणिक बसेरा है तुम्हारा... Hindi · कविता 3 2 625 Share क्षेत्र 'प्रेम' मुखिया 20 Feb 2019 · 1 min read मन का फितूर सम्बोधन को शब्द न मिलने पर 'प्रिये'हीन यह खत तुम्हारे समक्ष आने को तम्तयार है। हाथों की लकीरों में जब तुम्हें नहीं पाया तो मन के बोझ को हल्का करने... Hindi · कविता 1 572 Share क्षेत्र 'प्रेम' मुखिया 9 Feb 2019 · 1 min read परिवर्तन तज दो अब तुम यह जीर्ण मनोवृत्ति जो मूल्यहीन आदर्शों के ताक चढ़ा रखी है । . युग के परिवर्तन का शंखनाद हो चुका है, विवशता, निराशा, हताशा के आर्तनादों... Hindi · कविता 1 436 Share क्षेत्र 'प्रेम' मुखिया 4 Nov 2018 · 1 min read जीवन का पहला अक्षर 'माँ' कौन कहता है कि अक्षरें, 'अ' से शुरू होती हैं मेरे जीवन का पहला अक्षर तो, 'माँ' से शुरू होती हैं माँ वो जिसने मुझे अपने, खून से सजाया अभिमन्यु... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 22 567 Share क्षेत्र 'प्रेम' मुखिया 28 Oct 2018 · 1 min read !!! ख़्वाब फ़रोख़्त* !!! जब कहीं सुकून की साँसे नसीब न हुई ज़िन्दगी के बाजार में, खुशफ़हमियाँ आबाद न हुए इस दिले आज़ार में, शहर-ए-किताब में दो शब्द खुलुश के नहीं, मौसम-ए-दर्द ने न... Hindi · कविता 1 1 314 Share क्षेत्र 'प्रेम' मुखिया 25 Oct 2018 · 1 min read # कल्पनाओं में उलझता प्रेम # सुनो ! तुम जो मेरी संवेदनाओं को कुचलती कर्कश ध्वनि उत्पादित करती हो न तो ये रिश्तों में दरार पैदा करती है । सामञ्जस्य के यज्ञ में परस्पर स्नेह की... Hindi · कविता 1 1 369 Share क्षेत्र 'प्रेम' मुखिया 23 Oct 2018 · 1 min read # अधूरी अभिव्यक्ति # आज भी हथेलियों से अपने दिल को टटोलता हूँ मैं कि कहीं तुम्हारी चाहत शिथिल तो नहीं हो गई ! चेहरा भी तो धूँधला सा गया आँखों में कुम्हलाई गुलाब... Hindi · कविता 306 Share क्षेत्र 'प्रेम' मुखिया 13 Oct 2018 · 1 min read # तुम.. मैं.. और वो # लो देखो बाँट लिया है हमने अपने दिल को दो हिस्सो में। अस्थिर मन:स्थिति के द्वन्द में तुम ...मैं...और वह न जाने कहाँ तक का सफर तय कर पाते !.?... Hindi · कविता 550 Share क्षेत्र 'प्रेम' मुखिया 10 Oct 2018 · 1 min read !!! *गोया बुलाती हो तुम मुझे !!! हर कोई मोड़ पे मुड़-मुड़कर देखा हैं मैने गोया बुलाती हो तुम छुप-छुपकर मुझे ! कभी आँखों के इशारों से तो कभी दाँतो तले उँगली दबाए, कभी मुस्कुराते हुए वही... Hindi · कविता 487 Share क्षेत्र 'प्रेम' मुखिया 6 Oct 2018 · 1 min read बैरी परदेशी पिया तुम याद बहुत आए हाथ में मेहेन्दी रचे सावनके झुले आए बैरी परदेशी पिया तुम याद बहुत आए झुल रही सखीयाँ गाए मिलन के गीत बरस रहे हैं आँसु तेरे प्यार में मेरे मीत... Hindi · गीत 491 Share क्षेत्र 'प्रेम' मुखिया 4 Oct 2018 · 1 min read !!! नई दिशा !!! अवैकल्पिक इस जीवन में गाँठ बाँध ली हैं हमने ये मन में उठकर चलना हैं अब नएँ सवेरे इस जीवन के, व्यर्थ न खोना समय यूँ ही बस बैठ अश्रु... Hindi · कविता 467 Share क्षेत्र 'प्रेम' मुखिया 2 Oct 2018 · 1 min read "तुम हो तो जीवन में मेरे कुछ रंग है" यूँ प्रेम का इज़हार जरूरी तो नहीं लेकिन अहसास को मूर्त-रूप देने की लोलुपता में अनुभव की कुछ झुर्रियों को अक्षरों की बैशाखी थमाकर तुम्हारे समक्ष दिल का उद्गार कर... Hindi · कविता 558 Share क्षेत्र 'प्रेम' मुखिया 30 Sep 2018 · 1 min read तुम्हे क्या पता !??? .. कह सकती हो तुम निष्ठुर मुझे इसमें कोई अपवाद नहीं ! परन्तु परिस्थिती के संकिर्णता में जकड़कर खुद अपने मन की आकाँक्षाओं का अतिक्रमण जो मुझे करना पड़ा तुम्हे... Hindi · कविता 319 Share क्षेत्र 'प्रेम' मुखिया 28 Sep 2018 · 1 min read !!! मैं तो कुछ भी नहीं !!! क्यों कहते हो तुम कुछ भी नहीं ! तुम्हारे आँच से यहाँ किसी की ज़िन्दगी रोशन हैं, तुम्हारे तसब्बुर से यहाँ कुछ कदमों में जान हैं, तुम्हारे मुस्कुराते चेहरे से... Hindi · कविता 257 Share क्षेत्र 'प्रेम' मुखिया 26 Sep 2018 · 1 min read कुछ अदा फरिश्तो की आदमी में होती हैं हसरतों की दास्ता याँ शायरी में होती है कुछ अदा फरिश्तो की आदमी में होती हैं देखे हैं कहाँ तुुमने चाहते दिवानो के दिल हथेली पे रखना आशिकी मे होती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 301 Share क्षेत्र 'प्रेम' मुखिया 24 Sep 2018 · 1 min read यूँ इक रात चाँद मेरे छत बसर किए यूँ इक रात चाँद मेरे छत बसर किए। मुसलसल रात ढलती रही हसरतो के कारवाँ लिए, सितारे झिलमिलाते रहे मेरे परेशानियों के साथ, कभी कोई टूटता तारा बर्क़-ए-ग़म सा लहराता,... Hindi · कविता 300 Share क्षेत्र 'प्रेम' मुखिया 23 Sep 2018 · 1 min read === उनसे कहना === उनसे कहना !! ------------------ उनसे कहना !! बज़ाहिर ज़िन्दगी के चमन के कुछ गुल बदले बदले से है, आते जाते राह में चेहरे नए नए से हैं, लेकिन दिल के... Hindi · कविता 565 Share