Ansh Tag: कविता 11 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ansh 24 Oct 2022 · 1 min read उम्र का दौर निकलता जा रहा है उम्र का दौर निकलता जा रहा है हम अकेले है अकेले ही वक्त फिसलता जा रहा है जो अपने थे अब वो पराए हो गए है हर कोई गिरगिट की... Hindi · कविता 132 Share Ansh 6 Oct 2022 · 1 min read हर एक शाम उनका नाम याद आता है की हर एक शाम उनका नाम याद आता है आंखे बन्द होती है तो दिल तो पैग़ाम आता है काश एक दफा हम उनसे मिले होते तो आज उनके नाम... Hindi · कविता 170 Share Ansh 6 Oct 2022 · 1 min read हम अकेले थे हम अकेले थे लोग रास्ते में मिलते गए कुछ बिछड़े तो कुछ दिल में समलते गए अंता जा कर देखा तो हम अकेले थे जो दिल में थे वो आंखों... Hindi · कविता 111 Share Ansh 4 Oct 2022 · 1 min read नफरतों के शहर में नफरतों के शहर में प्यार के चिरागो को फिर से जलाया है बुझी हुई आग में अंगारों को फिर से सुलगाया है आसमा को जमी से मिलाया है नफरतों के... Hindi · कविता 156 Share Ansh 4 Oct 2022 · 1 min read समझाने वाले बहुत आए की मुझे समझाने वाले बहुत आए दिल में लगी आग को बुझाने वाले बहुत आए की हम खामोश थे इसका मतलब यह तो नहीं की हम बोल नहीं सकते की... Hindi · कविता 137 Share Ansh 1 Oct 2022 · 1 min read मन भी व्याकुल तन भी व्याकुल की मन भी व्याकुल तन भी व्याकुल व्याकुल लगे सारा संसार की जीरो से अम्बर तक नब्बे से सौ नंबर तक की नीली नीली आंखों समुंदर के अंदर तक क्षितिज... Hindi · कविता 253 Share Ansh 11 Aug 2022 · 1 min read तिरंगा तीन रंग से बना तिरंगा हर रंग की अपनी एक शान है आजादी की याद दिलाता इस पर हमे अभिमान है Hindi · कविता · कोटेशन 2 214 Share Ansh 7 Apr 2022 · 1 min read हिंदुस्तान में जन्मा हिंदू हूं हिंदुस्तान में जन्मा हिंदू हूं हिंदी है मेरी भाषा बात अहिंसा की जानू हिंसा नहीं मेरी परिभाषा गंगा जैसा पावन चरित्र है मेरा ईश्वर की हूं मैं शाखा हिंदुस्तान में... Hindi · कविता 162 Share Ansh 6 Apr 2022 · 1 min read लोकतंत्र का गला घुटा है लोकतंत्र का गला घुटा है संसद के गलियारों में बेरोजगारी का आलम है लाखो और हजारों में नवयुवकों के हक को लूटा सत्ताधारी सरकारों ने अब क्या बचा है भईया... Hindi · कविता 1 1 189 Share Ansh 2 Apr 2022 · 1 min read कब तक बैठोगे खाली कुछ तो काम करोगे तुम कब तक बैठोगे खाली कुछ तो काम करोगे तुम हवाई बाते कर -कर के क्या खुद को बदनाम करोगे तुम शर्म करो कुछ लाज करो खाली ना बैठो कुछ काज... Hindi · कविता 150 Share Ansh 27 Mar 2022 · 1 min read निगाहें जमी पर है निगाहें जमी पर है और इशारों ही इशारों से पैगाम आ रहा है वो नक़ाब को समाल रही है और हवा के झोंके से उनके चहरे का जाम आ रहा... Hindi · कविता 2 166 Share