अनूप अम्बर Language: Hindi 16 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अनूप अम्बर 1 Sep 2023 · 1 min read अहिल्या अब अहिल्या पतित नही होगी, खुद के स्वाभिमान को जानेगी, पत्थर की शिला नही बनेगी, कोई श्राप नही स्वीकारेगी ।। जो दोषी है उनको दण्ड मिले, वो बेकसूर दंड न... Hindi · अहिल्या · कविता · कौशल्या · नारी · सीता 1 385 Share अनूप अम्बर 1 Sep 2023 · 2 min read जो बीत गया उसे जाने दो जो बीत गया उसे जाने दो, फिर से नव स्वप्न सजाने दो, टूट के_ बिखरे खंडहरों में, फिर से दीप जलाने दो, गिरना उठाना फिर से चलाना, सुनो मुसाफिर, कभी... Hindi · आशा · कविता · जीवन · मंजिल · संघर्ष 438 Share अनूप अम्बर 13 Apr 2023 · 1 min read जलियांवाला बाग, जलियांवाले बाग में,एक बड़ी सभा बुलाई थी, पुरुषों के साथ महिलाएं,बड़ी संख्या में आई थी। देश पे मर मिटने की,सबने मिल के कसम खाई थी, देख एकता लोगों की,गोरी हुकूमत... Hindi · अनूप अंबर हिंदी साहित्य · कविता · जलियां वाला बाग · देश · वीर 1 348 Share अनूप अम्बर 9 Apr 2023 · 1 min read वृक्ष बड़े उपकारी होते हैं, वृक्ष काट के कागज बनाए, कागज पर कविता सजाई। एक तुक्ष्य कविता के कारण, वृक्ष ने अपनी जान गवाई।। ऐसे वृक्ष यदि कटते रहेंगे, वन दावानल में जलते रहेंगे। जब... Hindi · उपकारी · जल · प्राण · वायु · वृक्ष 1 522 Share अनूप अम्बर 10 Feb 2023 · 1 min read अब उठो पार्थ हुंकार करो, अब उठो पार्थ हुंकार करो, इन अधर्मियों का संघार करो । अब पांचाली के अपमान का, उठ कर के प्रतिकार करो ।। द्रोणाचार्य वही थे,भीष्म वही थे, कुल बधू का... Hindi · अर्जुन · कविता · कृष्ण · महाभारत · हिन्दी_साहित्य 1 411 Share अनूप अम्बर 10 Feb 2023 · 1 min read अवध से राम जाते हैं, अवध से राम जाते है,अवध से राम जाते है। दया सुखधाम जाते है,अवध से राम जाते है।। सजी दुल्हन सी अबधनगरी अब राजा राम बन जायेंगे पता किसको था क्या... Hindi · कविता · राम · रामायण · सीता · हिन्दी_साहित्य 315 Share अनूप अम्बर 10 Feb 2023 · 1 min read मेरा पिता! मुझको कभी गिरने नही देगा मुझको तूफान से बिल्कुल डरने नही देगा। मेरा पिता! मुझको कभी गिरने नही देगा।। मुझको किसी चिंता में,वो तपने नही देगा, मेरे दिल की आरजू को,वो मिटने नही देगा मैं... Hindi · कविता · तूफान · दिल · पिता · भरोसा 233 Share अनूप अम्बर 24 Jan 2023 · 1 min read खून के बदले आजादी खून के बदले आजादी की, कीमत सबने चुकाई थी । हंसते हुए सूली पे चढ़े, सीने पर गोली खाई थी ।। जलियांवाले बाग में देखो, रक्त की धार बहाई थी... Hindi · अनूप अंबर · आजादी · कविता · क्रांति · जलियांवाला बाग 1 189 Share अनूप अम्बर 10 Nov 2022 · 2 min read चार वीर सिपाही हे गुरु गोविंद सिंह के लाल, तुमने कर दिया खूब कमाल । प्राण दे दिए अपने हंसकर, पर नही झुकाया भाल ।। वजीर खान ने जाल बिछाया, रसोइया ने ये... Hindi · अंबर · गुरुवाणी · गोबिंद · वीर · शीश 1 212 Share अनूप अम्बर 3 Nov 2022 · 1 min read तेरे ख्वाब सदा ही सजाते थे तेरे ख्वाब सदा ही सजाते थे, हर पल तुमको ही बुलाते थे । तुमको मुहब्बत ना थी शायद जैसे कोई अहसान जताते थे ।। तुमने ना जानी मेरी मुहब्बत, तुझको... Hindi · कविता · खुदा · चांद · दर्द · याद 3 2 239 Share अनूप अम्बर 29 Oct 2022 · 1 min read जहां पर रब नही है एक जर्रा भी ना ऐसा, जहां पर रब नही है ये बात कुछ अलग है,तुमको खबर नही है । बोया जो बीज नेकियों का,वो जाया न जायेगा, ये बात अलग... Hindi · जीवन · दुनियां · बीज · मानव · ह्रदय 2 251 Share अनूप अम्बर 29 Oct 2022 · 1 min read वसुधैव कुटुंबकम् की रीत वसुधैव कुटुंबकम् की रीत, हमने ही प्रथम चलाई थी, सारी दुनियां को मानवता की भाषा हमने सिखाई थी । पर दुनियां को सिर्फ सदा, युद्ध करना ही आया है, जिसमे... Hindi · नफरत · प्रेम · युद्ध · शिक्षा · हिंदुस्तान 2 290 Share अनूप अम्बर 22 Oct 2022 · 1 min read ओ परदेसी तेरे गांव ने बुलाया, ओ परदेसी तेरे गांव ने बुलाया, देखो ये संदेशा हैं भिजवाया । लौट गए सब पर्व सुहाने, लेकिन तू ना लौट के आया ।। जीवन को तूने अपने गंवाया, कमा... Hindi · गांव · दर्द · दौलत · परदेसी · सुख 2 287 Share अनूप अम्बर 22 Oct 2022 · 1 min read प्रेम का दीप जलाया जाए प्रेम का दीप जलाया जाए, द्वेष का तिमिर मिटाया जाए । जो लोग पथ से भटक गए, उनको अब पथ दिखलाया जाए।। ना किसी को व्यर्थ सताया जाए, ना किसी... Hindi · जीवन · दीप · पथ · प्रेम · मानव 2 183 Share अनूप अम्बर 20 Oct 2022 · 1 min read दिल की तमन्ना मेरे दिल की सब तमन्ना, दिल की दिल में रह गई । एक नदी आंखों से निकली, और यही कहीं पर बह गई ।। क्या गिला और किससे करें, सब... Hindi · 1ट्रैंडिग · अनूप · अंबर · कविता · हिंदी 2 252 Share अनूप अम्बर 20 Oct 2022 · 1 min read जीवन व्यर्थ नही है जीवन की जटिलताओं से, जो बिल्कुल ना घबराता है, दृढ़ संकल्प कर मन में, जो लक्ष्य को अपने पाता है, उसे हार और जीत से फिर, पड़ता कोई फर्क नही... Hindi · अनूप अंबर हिंदी साहित्य 3 2 325 Share