अनिल कुमार निश्छल Tag: कविता 26 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read मां से याचना माँ से याचना तेरा ही संबल सदा मैं पाँउ बदी से न कभी मैं घबराऊँ ममता के आँचल में छिप जाऊँ रज तेरे चरणों की ही बन जाऊँ पाकर आशीष... Poetry Writing Challenge-3 · 25 कविताएं · अनिल कुमार निश्छल · कविता · शिवनी · हमीरपुर 2 373 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read होश में आओ गरीबों की हाय लगेगी होश में आ जाओ देखो वरना गाज गिरेगी होश में आ जाओ ये जो धंधे काले-काले करते हो तुम इक दिन फिर कलई खुलेगी होश में... Poetry Writing Challenge-3 · 25 कविताएं · अनिल कुमार निश्छल · कविता · शिवनी · हमीरपुर 1 230 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read अब कहां वो बात रही इश्क़, मोहब्बत, प्यार में अब कहाँ वो बात रही। स्नेहिल पवित्र बंधन वाली अब कहाँ वो सौगात रही।। चंद लम्हों में रिश्ते टूट जाते अब यहाँ, अडिग रहें अपने शब्दों... Poetry Writing Challenge-3 · अनिल कुमार निश्छल · कविता · शिवनी · हमीरपुर 1 208 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read अदब में रहें अदब में रहकर सब अदब से पेश आयें मदद की बात हो सब मदद करें करायें मानवता की सरहदी अदब में रहकर हम सब इंसानियत को पालें औ बचायें जात-... Poetry Writing Challenge-3 · अनिल कुमार निश्छल · कविता · शिवनी · हमीरपुर 1 240 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read गीतिका आसमाँ की चाहत दिल में रखता रहा मंजिलों से मुहब्बत कब से करता रहा ख़्वाहिशें उड़ान को आतुर हैं कब से फिर हर तूफ़ान से हर कसर भिड़ता रहा हिम्मत... Poetry Writing Challenge-3 · अनिल कुमार निश्छल · कविता · शिवनी · हमीरपुर 1 253 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read मैं, मेरी मौत!! "मैं और मेरी मौत'' ______________________ ऐ मौत! जब भी आना तो, चुपके से तुम, मत आना। आना जब भी तुम अगर, हँस के ही मेरे पास आना। सिर पे मेरे... Poetry Writing Challenge-3 · अनिल कुमार निश्छल · कविता · शिवनी · हमीरपुर 201 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read मुक्तक सीना फ़ौलादी जान-ओ-ज़िगर हाथ रखते हैं मुहब्बत से रहते हैं मुहब्बत साथ रखते हैं बात जब वतन की आबरू पे आ जाए चीरते दुश्मन, माँ के चरणों पे माथ रखते... Poetry Writing Challenge-3 · अनिल कुमार निश्छल · कविता · शिवनी · हमीरपुर 309 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read आंख का टूट गया है एक सितारा टूट गया है। आंख का तारा टूट गया है।। घर वाले तक समझ न पाए। चांद हमारा टूट गया है।। दुनिया के ताने सुन सुन के। दर्द बेचारा... Poetry Writing Challenge-3 · अनिल कुमार निश्छल · कविता · शिवनी · हमीरपुर 249 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read प्रेरणा गीत फूलों-सा हंसना मुश्किल है, भाव मधुर रखते रहना सूरज होना मुश्किल है पर, दीप बने जलते रहना एक हवा समभाव रखे बस, ऐसी जग में रीत नहीं पेड़ों पे फल... Poetry Writing Challenge-3 · 25 कविताएं · अनिल कुमार निश्छल · कविता · गीत · शिवनी 292 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read चला तू चल मुश्किलों से हारकर न बैठ मन को मारकर बुज़दिली उतारकर कदम-कदम संभालकर न सोच तूँ करेगा कल चला तूँ चल चला तूँ चल आँधियों से तूँ न डर बाज-सा तूँ... Poetry Writing Challenge-3 · 25 कविताएं · Motivation · अनिल कुमार निश्छल · कविता · शिवनी 200 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 2 min read माता पिता भगवान कोई कहता है रब तुमको कोई कहता है राम कोई कहे सृष्टि नियन्ता कोई कहता घनश्याम कोई कहता रब ......... कोई कहे प्रभु निराकार कोई कहे हनुमान कोई कहे रचनाकार... Poetry Writing Challenge-3 · 25 कविताएं · अनिल कुमार निश्छल · कविता · शिवनी · हमीरपुर 228 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read बढ़ता चल चलता चल रे मुसाफ़िर चलता चल जिंदगी के सफर में आगे, बढ़ता-चल चलता-चल मुसाफ़िर_____ राह में फूल आए या आए शूल, बढ़ता-चल ठहर न कभी तूफ़ानों के डर से; बढ़ता... Poetry Writing Challenge-3 · अनिल कुमार निश्छल · कविता · शिवनी · हमीरपुर 220 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read छिपा गई जिंदगी *राज जिंदगी का यूं हमसे छिपा गयी जिंदगी, सरे राह महफ़िल में यूं मूर्ख बना गयी जिंदगी। देखते रहे हम अपनी मौत का तमाशा, मालूम नहीं हमको, किस जन्म का... Poetry Writing Challenge-3 · अनिल कुमार निश्छल · कविता · शिवनी · हमीरपुर 206 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read कलम ही नहीं हूं मैं किसी के दिल का साज हूँ तो किसी के दिल की आवाज हूँ किसी की नब्ज किसी की धड़कन किसी की मंजिल का आगाज हूँ किसी के लबों का संगीत... Poetry Writing Challenge-3 · अनिल कुमार निश्छल · कविता · शिवनी · हमीरपुर 276 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read मिट्टी के दिए जलाएं आयी है दिवाली; खुशियों में झूमें गाएँ, पर सारे भैया; मिट्टी के ही; दिए जलाएँ। सौंधी-सौंधी माटी की खुशबू; घर अपने भी लाएँ, आओ मिलकर भैया; माटी के ही दिए... Poetry Writing Challenge-3 · अनिल कुमार निश्छल · कविता · शिवनी · हमीरपुर 230 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read मिल गया होता न मैं यूँ तन्हा हरदफ़ा होता, गर न यूं हमसे बेवफ़ा होता। न मैं यूँ................... कश्ती प्यार की साहिल को पा ही लेती, गर वक्त पर साथ तेरा मुझे मिल... Poetry Writing Challenge-3 · 25 कविताएं · अनिल कुमार निश्छल · कविता · शिवनी · हमीरपुर 175 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 3 min read लोकतंत्र बस चीख रहा है लोकतंत्र बस चीख रहा है लोकतंत्र बस चीख़ रहा है और पतन अब दीख रहा है सत्ता लोलुपता है व्यापित राजनीति केवल है शापित जनता केवल लूटी जाती बात पड़े... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · गीत 231 Share अनिल कुमार निश्छल 12 May 2024 · 1 min read मां तुम्हारा जाना मां तुम्हारा जाना.... तुम्हारी याद आती है बहुत फिर याद आती है समझ कुछ भी नहीं आता बहुत फिर याद आती है हमारे वास्ते कितना किया तूने मुसीबत में हमें... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 412 Share अनिल कुमार निश्छल 9 Sep 2023 · 1 min read चलते जाना चलते जाना ही मुसाफिर अब तुम्हारा काम है। सूरज कहाँ कभी करता दिन में आराम है बाधा बहुत आएगी मगर थकना नहीं तुम तुमको रोकेगी मगर रुकना नहीं तुम पाँव... Hindi · कविता 517 Share अनिल कुमार निश्छल 13 Jun 2019 · 1 min read माँ मकान तो पिता नींव है माँ ने तो बस क्षीर पिलाया पिता भी सम्बल देता है माँ ने सच-झूठ में फ़र्क बताया पिता आत्मबल देता है माँ की महिमा की गाथा सब ग्रंथों ने गायी... Hindi · कविता 387 Share अनिल कुमार निश्छल 15 Nov 2018 · 1 min read आम एक दिन पापा जब आम लाये तो बच्चे ने क्या कहा पापा लाये मीठे आम कितने रंग रंगीले आम मैं खाऊंगा खूब तमाम हैं ये रसीले कितने आम पापा लाये........... Hindi · कविता · बाल कविता 2 1 742 Share अनिल कुमार निश्छल 15 Nov 2018 · 1 min read दुआ रब आपको इतनी खुशियां नसीब करे नसीब भी आपके नसीब की तारीफ़ करे यूँ तो जिन्दगी में सब को गम मिला करते हैं रब न आपको एक भी गम कुबूल... Hindi · कविता 2 3 497 Share अनिल कुमार निश्छल 7 Nov 2018 · 1 min read माँ-एक फ़रिश्ता ख़ुदा ने जब माँ को बनाया होगा ख़ुद को कदमों पे ही पाया होगा ममता का आँचल जब थमाया होगा बच्चा बन खुद आजमाया होगा जन्नत को कदमों पे बसाया... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 26 756 Share अनिल कुमार निश्छल 14 Mar 2018 · 1 min read बढ़ता चल मुसाफ़िर चलता चल रे मुसाफ़िर चलता चल जिंदगी के सफर में आगे, बढ़ता-चल चलता-चल मुसाफ़िर_____ राह में फूल आए या आए शूल, बढ़ता-चल ठहर न कभी तूफ़ानों के डर से; बढ़ता... Hindi · कविता 1 578 Share अनिल कुमार निश्छल 15 Jan 2018 · 1 min read तेरी यादें ये अश्क भी कितने बेवफा होते है; तेरी यादों के साथ-साथ चले आते हैं। कितना भी चाहे हम की ये इन आँखों को न नसीब हों; पर तेरे बहाने ही... Hindi · कविता 2 637 Share अनिल कुमार निश्छल 14 Jan 2018 · 1 min read कुछ करो ऐसा करो कुछ ऐसा कि जग तुम्हे याद करे, बनने को तुम जैसा, हर कोई फरियाद करे। अहिंसा,अस्तेय,दया जैसे गुणों की खान बन, नैतिकता उतार जीवन मे, सब तुम्हारा धन्यवाद करे... Hindi · कविता 2 516 Share