अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' Tag: कविता 571 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read समय समय पर जागो , समय पर सोओ समय पर अपना काम करो समय पर पढ़ना , समय पर लिखना रोशन अपना नाम करो समय पर पूजा , काम न दूजा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 89 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read कोशिश करना आगे बढ़ना कोशिश करना आगे बढ़ना , तेरा यही प्रयास हो मुश्किलों से तू न डरना , हौसलों की आस हो रहना सजग तुम हमेशा , खामोशी का न साथ हो कीर्ति... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 83 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं भागते फिर रहे हैं हम , मंजिल का हमको पता नहीं ज्ञान के पीछे भागते हम , पुस्तकें हमको भाती... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 74 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read कागज़ की नाव सी, न हो जिन्दगी तेरी कागज़ की नाव सी ,न हो जिन्दगी तेरी मांझी की पतवार सी , हो जिन्दगी तेरी बंज़र ज़मीं सी ,न हो जिन्दगी तेरी फूलों की खुशबू की मानिंद ,हो जिन्दगी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 43 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read खिलेंगे फूल राहों में खिलेंगे फूल राहों में ज़रा दो कदम तो चल बिछेंगे फूल राहों में ज़रा दो कदम तो चल कौन कहता है सुबह होगी नहीं हौसलों को तू अपने आसमां की... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 44 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं खुशनुमा – खुशनुमा सा लग रहा है आसमां चारों तरफ फूल खिलखिलाने लगे हैं पंक्षी भी मधुर स्वर में गुनगुनाने लगे हैं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 79 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया हम भी हैं नाखुश , अपनेपन का दौर गया नाइंसाफी का दौर नया , नाउम्मीदी का शोर नया नाकाबिल चरित्रों का... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 89 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read सत्य से सबका परिचय कराएं आओ कुछ ऐसा करें सत्य से सबका परिचय कराएं , आओ कुछ ऐसा करें सिंहासन डोल जाएँ , आओ कुछ ऐसा करें वीरों के लहू का कतरा – कतरा देश काम आए दिलों में... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 74 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read कुछ काम करो , कुछ काम करो कुछ काम करो , कुछ काम करो जग में अपना नाम करो भाग्य भरोसे मत बैठो तुम कुछ काम करो , कुछ काम करो आगे बढ़ना नियति तुम्हारी कर्म राह... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 52 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read दीपों की माला दीपों की माला में , जीवन पिरो लो खुशियों से खुद को, सराबोर कर लो बिखेर दो रोशनी , आँगन मे सभी के रंगोली के रंग , जीवन में भर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 70 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read बस इतनी सी अभिलाषा मेरी चाँद बनकर मुस्कराऊँ सूर्य सा मैं ओज पाऊं पुष्प बन खुशबू बिखेरूं सालिला का कल – कल संगीत हो जाऊं बस इतनी सी अभिलाषा मेरी ………………. पक्षियों का कलरव हो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 58 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Jan 2024 · 1 min read बस इतनी सी अभिलाषा मेरी चाँद बनकर मुस्कराऊँ सूर्य सा मैं ओज पाऊं पुष्प बन खुशबू बिखेरूं सालिला का कल - कल संगीत हो जाऊं बस इतनी सी अभिलाषा मेरी ................... पक्षियों का कलरव हो... Hindi · अभिलाषा · कविता 2 122 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 6 Jan 2024 · 1 min read नए वर्ष की इस पावन बेला में नए वर्ष की इस बेला में कुछ नई रीत अपनाएँ बच्चों में संस्कार जगाएं बेटियों को भी पढ़ाएं नए वर्ष की इस पावन बेला में .................... पूरब की संस्कृति से... Hindi · कविता · नए वर्ष की पावन बेला 2 70 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 1 Oct 2023 · 1 min read दो दिन की जिंदगानी रे बन्दे दो दिन की जिंदगानी रे बन्दे क्यूँ करता अभिमान रे बन्दे महल अटारी सब छूटेंगे खाली हाथ है , जाना रे बन्दे *क्यूँ करता अभिमान रे बन्दे* क्या लाया था... Hindi · कविता · भजन 2 134 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 17 Sep 2023 · 2 min read आज के बच्चों की बदलती दुनिया आज के बच्चों की बदलती दुनिया बालपन में बचपन को खोजती दुनिया लट्टू की थाप पर थिरकती दुनिया को खोजती पतंग की डोर संग, आसमां छूती दुनिया को टोहती आज... Hindi · कविता · बालपन 3 138 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 15 Aug 2023 · 1 min read हिन्द की हस्ती को *हिन्द* की हस्ती को , कोई मिटा सकता नहीं आ जाए जो दुश्मन , तो वापस जा सकता नहीं | हिन्द की हस्ती को , कोई मिटा सकता नहीं चीर... Hindi · कविता 1 158 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 15 Aug 2023 · 1 min read किस्से हो गए किस्से हो गए वो , जो देश से गद्दारी कर गए रोशन हो गए वो , जो देश के लिए न्योछावर हो गए | किस्से हो गए वो , जिन्होंने... Hindi · कविता 1 144 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 15 Aug 2023 · 1 min read चंद सिक्कों की खातिर चंद सिक्कों की खातिर , जो बिक गए वे देश और समाज के लिए , नासूर हो गए | जो मर मिटे देश की , माटी की खातिर उनकी मजार... Hindi · कविता 1 160 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 15 Aug 2023 · 1 min read जिन्हें नशा था जिन्हें नशा था गुलामी की , जंजीरों को तोड़ने का वे मादरे वतन की अनमोल , धरोहर हो गए | मर मिटे जो मादरे वतन की आजादी की खातिर वे... Hindi · कविता 1 159 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 23 Jul 2023 · 1 min read बात मेरी मान लो - कविता बात मेरी मान लो मेरे प्यारे बच्चों तुम जिन्दगी तुम्हारी यूं ही संवर जायेगी बात मेरी मान लो मेरे प्यारे बच्चों तुम जिन्दगी तुम्हारी यूं ही संवर जायेगी समय पर... Hindi · कविता 1 170 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 16 Jul 2023 · 1 min read अंदाज़े बयाँ फूलों से पूछो , दो दिन की जिन्दगी जीने का खुशनुमा एहसास | बिखेरते खुशबू , कभी हो जाते देवों के क़दमों में बिखर , कभी हो जाते किसी प्रियतमा... Hindi · कविता · हिंदी शायरी 1 97 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 16 Jul 2023 · 1 min read अंदाज़े बयाँ ग़मों की स्याह रातों में चंद पलों की खुशियाँ नवजीवन का आभास करा देती हैं | हो जाता है जीवन का हर पल खुशनुमा जीने की आस जगा देती हैं... Hindi · कविता · शायरी 1 118 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 9 Jul 2023 · 1 min read फ़ितरत फ़ितरत को ज़माने की, ये क्या हो गया है भाई अपने भाई से, जुदा हो गया है | रिश्तों की मर्यादा ने , सीमाएं लांघ दी हैं इंसानियत का जज़्बा... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 6 621 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी मुझको अपनी शरण में ले लो ,हे मनमोहन हे गिरधारी चरण कमल तेरे बलि – बाले जाऊं ,हे मनमोहन हे... Poetry Writing Challenge · कविता 3 3 312 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read अपने चरणों की धूलि बना लो अपने चरणों की धूलि बना लो अपने चरणों की धूलि बना लो हे त्रिपुरारी हे बनवारी अभिलाषा पूरी करो मेरी चरण कमल जाऊं बलिहारी निर्मल , पावन हो मेरी काया... Poetry Writing Challenge · कविता 4 1 208 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read कुछ काम करो , कुछ काम करो कुछ काम करो , कुछ काम करो जग में अपना नाम करो भाग्य भरोसे मत बैठो तुम कुछ काम करो , कुछ काम करो आगे बढ़ना नियति तुम्हारी कर्म राह... Poetry Writing Challenge · कविता 3 243 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read सत्य से सबका परिचय कराएं आओ कुछ ऐसा करें सत्य से सबका परिचय कराएं आओ कुछ ऐसा करें सत्य से सबका परिचय कराएं आओ कुछ ऐसा करें सिंहासन डोल जाएँ आओ कुछ ऐसा करें वीरों के लहू का कतरा... Poetry Writing Challenge · कविता 2 231 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया हम भी हैं नाखुश , अपनेपन का दौर गया नाइंसाफी का दौर... Poetry Writing Challenge · कविता 2 130 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं खुशनुमा – खुशनुमा सा लग रहा है आसमां चारों तरफ फूल खिलखिलाने लगे हैं... Poetry Writing Challenge · कविता 1 119 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 2 min read खुशकिस्मत है कि तू उस परमात्मा की कृति है खुशकिस्मत है कि तू उस परमात्मा की कृति है खुशकिस्मत है कि तू उस परमात्मा की कृति है खुशकिस्मत है कि तुझ पर उसके करम का साया है खुशकिस्मत है... Poetry Writing Challenge · कविता 1 162 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read खिलेंगे फूल राहों में खिलेंगे फूल राहों में खिलेंगे फूल राहों में ज़रा दो कदम तो चल बिछेंगे फूल राहों में ज़रा दो कदम तो चल कौन कहता है सुबह होगी नहीं हौसलों को... Poetry Writing Challenge · कविता 1 197 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read कागज़ की नाव सी, न हो जिन्दगी तेरी कागज़ की नाव सी, न हो जिन्दगी तेरी कागज़ की नाव सी ,न हो जिन्दगी तेरी मांझी की पतवार सी , हो जिन्दगी तेरी बंज़र ज़मीं सी ,न हो जिन्दगी... Poetry Writing Challenge · कविता 2 108 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read बस जाओ मेरे मन में बस जाओ मेरे मन में बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी धर्म राह पर ले चल मुझको , हे मुरलीधर हे बनवारी तुम करुणा के सागर... Poetry Writing Challenge · कविता · कृष्ण भजन 2 156 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं भागते फिर रहे हैं हम , मंजिल का हमको पता नहीं ज्ञान के पीछे भागते हम , पुस्तकें हमको भाती... Poetry Writing Challenge · कविता 2 156 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read कोशिश करना आगे बढ़ना कोशिश करना आगे बढ़ना कोशिश करना आगे बढ़ना , तेरा यही प्रयास हो मुश्किलों से तू न डरना , हौसलों की आस हो रहना सजग तुम हमेशा , खामोशी का... Poetry Writing Challenge · कविता 2 183 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read समय समय समय पर जागो , समय पर सोओ समय पर अपना काम करो समय पर पढ़ना , समय पर लिखना रोशन अपना नाम करो समय पर पूजा , काम न... Poetry Writing Challenge · कविता 1 213 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता भूल जाओ जिन्दगी के नकारात्मक पलों की भयावहता चित्त को जीवन के सचेत तुम रखो न होने दो विचारों को नकारात्मकता से अचेत आत्मविश्वास... Poetry Writing Challenge · कविता 1 212 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read युगों की नींद से झकझोर कर जगा दो मुझे युगों की नींद से झकझोर कर जगा दो मुझे युगों की नींद से झकझोर कर जगा दो मुझको सो रही अन्तरात्मा की आवाज जगा दो मुझको बिखर न जाएँ जिन्दगी... Poetry Writing Challenge · कविता 1 234 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 14 Jun 2023 · 1 min read दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला सामान्य हुईं सात्विक विचारों भयावहता नज़र अब नहीं आतीं संवेदना और भावुकता लज्जित कर रही काम पूर्ण मानसिकता... Poetry Writing Challenge · कविता 2 203 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 May 2023 · 1 min read सोच बदलनी होगी घर आँगन खुशियाली न हो तो सोच बदलनी होगी घर आँगन खुशियाली न हो तो सोच बदलनी होगी पेड़ों पर फल ना आयें तो सोच बदलनी होगी जब लड़कपन बहक... Poetry Writing Challenge · कविता 3 4 141 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 May 2023 · 1 min read जी रहे हैं सब इस शहर में बेज़ार से जी रहे हैं सब इस शहर में बेज़ार से जी रहे हैं सब इस शहर में बेज़ार से कोई तो हो ऐसा अपना कहें जिसे ढूद्ता फिर रहा हूँ मैं... Poetry Writing Challenge · कविता · शायरी 1 208 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 May 2023 · 1 min read कुदरत है बड़ी कारसाज कुदरत है बड़ी कारसाज कुदरत है बड़ी कारसाज, आओ करें इससे प्यार कुदरत के नज़ारे हज़ार , आओ करें इससे प्यार कुदरत के किस्से हज़ार , आओ करें इससे प्यार... Poetry Writing Challenge · कविता 2 310 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 May 2023 · 2 min read हमने देखा है हिमालय को टूटते हमने देखा है हिमालय को टूटते हमने देखा है हिमालय को टूटते सुनी है उसकी अन्तरात्मा की टीस स्वयं के अस्तित्व को टटोलता मानव मन को टोहता सहज अनुभूतियों के... Poetry Writing Challenge · कविता 1 318 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 May 2023 · 1 min read ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत ख़ुदा की इबादत सिखाता है संगीत दिल के कोने में जब गुनगुनाता है संगीत स्वयं का खुदा से... Poetry Writing Challenge · कविता 1 178 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 May 2023 · 1 min read चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गायें चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गायें चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गायें चलो किसी नवजात को मुस्कुराना सिखाएं आम के बागों में घूमें ,... Poetry Writing Challenge · कविता 1 211 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 May 2023 · 1 min read चलो संगीत की महफ़िल सजाएं चलो संगीत की महफ़िल सजाएं चलो संगीत की महफ़िल सजाएं खुदा को ज़मीन पर बुलाएं संगीत से रोशन हों सभी दिल आओ महफ़िल में सबको बुलाएं संगीत से रोशन ज़मीन... Poetry Writing Challenge · कविता 1 149 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 May 2023 · 1 min read स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम फरेबियों से बच कर रहना ,... Poetry Writing Challenge · कविता 2 2 96 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 May 2023 · 1 min read भाग्य प्रबल हो जायेगा जब हर एक दिन को शुभ समझोगे भाग्य प्रबल हो जाएगा जब हर एक कर्म को सत्कर्म करोगे भाग्य प्रबल हो जायेगा जब जीवन को जीवन समझोगे भाग्य प्रबल हो... Hindi · कविता 2 315 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 15 May 2023 · 1 min read गद्दार है वह जिसके दिल में गद्दार है वह जिसके दिल में गद्दार है वह जिसके दिल में देश प्रेम का जज्बा नहीं इंसान नहीं है वह जिसके दिल में इंसानियत नहीं व्यर्थ जी रहा है... Poetry Writing Challenge · कविता 1 172 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 15 May 2023 · 1 min read आनंद और इच्छा में जो उलझ जाओगे आनंद और इच्छा में जो उलझ जाओगे आनंद और इच्छा में जो उलझ जाओगे तो राह भटक जाओगे अहंकार और अभिमानी हो जाओगे तो सब कुछ गँवाओगे नैतिकता की राह... Poetry Writing Challenge · कविता 1 283 Share Previous Page 2 Next