आनन्द विश्वास Tag: कविता 20 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid आनन्द विश्वास 12 Feb 2018 · 1 min read *बेटी-युग* *बेटी-युग* ...आनन्द विश्वास सतयुग, त्रेता, द्वापर बीता, बीता कलयुग कब का, बेटी-युग के नए दौर में, हर्षाया हर तबका। बेटी-युग में खुशी-खुशी है, पर महनत के साथ बसी है। शुद्ध-कर्म... Hindi · कविता 1 369 Share आनन्द विश्वास 10 Sep 2017 · 1 min read छूमन्तर मैं कहूँ... छूमन्तर मैं कहूँ और फिर, जो चाहूँ बन जाऊँ। काश, कभी पाशा अंकल सा, जादू मैं कर पाऊँ। हाथी को मैं कर दूँ गायब, चींटी उसे बनाऊँ। मछली में दो... Hindi · कविता 1 245 Share आनन्द विश्वास 21 Jun 2017 · 1 min read ऊपर वाले बहुत बधाई ऊपर वाले बहुत बधाई, जो तूने बारिश करवाई। कितने दिन से तरस रहे थे, पल-पल कैसे उमस भरे थे। उफ़ गर्मी,क्या गर्मी थी वो, सूरज की हठधर्मी थी वो। अब... Hindi · कविता 1 472 Share आनन्द विश्वास 30 Jan 2017 · 1 min read आया मधुऋतु का त्योहार खेत-खेत में सरसों झूमे, सर-सर वहे वयार, मस्त पवन के संग-संग आया मधुऋतु का त्योहार। धानी रंग से रंगी धरा, परिधान वसन्ती ओढ़े। हर्षित मन ले लजवन्ती, मुस्कान वसन्ती छोड़े।... Hindi · कविता 1 490 Share आनन्द विश्वास 24 Jan 2017 · 2 min read मेरे देश की माटी सोना मेरे देश की माटी सोना, सोने का कोई काम ना, जागो भैया भारतवासी, मेरी है ये कामना। दिन तो दिन है रातों को भी थोड़ा-थोड़ा जागना, माता के आँचल पर... Hindi · कविता 471 Share आनन्द विश्वास 16 Jan 2017 · 1 min read नभ में उड़ने की है मन में नभ में उड़ने की है मन में, उड़कर पहुँचूँ नील गगन में। काश, हमारे दो पर होते, हम बादल से ऊपर होते। तारों के संग यारी होती, चन्दा के संग... Hindi · कविता 1 1 423 Share आनन्द विश्वास 16 Jan 2017 · 1 min read मछली कैसे जीती जल में मछली कैसे जीती जल में, टीचर से पूछूँगी कल मैं। जीना चाहूँ जो मैं जल में, जान सकूँगी उसका हल मैं। जो ऐसा सम्भव हो पाया, तो मैं घूमूँगी जल-थल... Hindi · कविता 581 Share आनन्द विश्वास 12 Jan 2017 · 1 min read *बेटी-युग* नानी वाली कथा-कहानी, अब के जग में हुई पुरानी। बेटी-युग के नए दौर की,आओ लिख लें नई कहानी। बेटी-युग में बेटा-बेटी, सभी पढ़ेंगे, सभी बढ़ेंगे। फौलादी ले नेक इरादे, खुद... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 2k Share आनन्द विश्वास 14 Dec 2016 · 1 min read मैंने जाने गीत बिरह के मैंने जाने गीत बिरह के, मधुमासों की आस नहीं है, कदम-कदम पर मिली विवशता, साँसों में विश्वास नहीं है। छल से छला गया है जीवन, आजीवन का था समझौता। लहरों... Hindi · कविता 210 Share आनन्द विश्वास 14 Dec 2016 · 1 min read पीछे मुड़ कर कभी न देखो पीछे मुड़ कर कभी न देखो, आगे ही तुम बढ़ते जाना, उज्वल ‘कल’ है तुम्हें बनाना, वर्तमान ना व्यर्थ गँवाना। संधर्ष आज तुमको करना है, मेहनत में तुमको खपना है।... Hindi · कविता 881 Share आनन्द विश्वास 28 Oct 2016 · 1 min read *इस बार दिवाली सीमा पर* *इस बार दिवाली सीमा पर* ...आनन्द विश्वास इस बार दिवाली सीमा पर, है खड़ा मवाली सीमा पर। इसको अब सीधा करना है, इसको अब नहीं सुधरना है। इनके मुण्डों को... Hindi · कविता 275 Share आनन्द विश्वास 27 Oct 2016 · 1 min read *तभी समझो दिवाली है* जलाओ दीप जी भर कर, दिवाली आज आई है। नया उत्साह लाई है, नया विश्वास लाई है। इसी दिन राम आये थे, अयोध्या मुस्कुराई थी। हुआ था राम का स्वागत,... Hindi · कविता 458 Share आनन्द विश्वास 24 Oct 2016 · 1 min read *मेरे घर में बना बगीचा* मेरे घर में बना बगीचा, हरी घास ज्यों बिछा गलीचा। गेंदा, चम्पा और चमेली, लगे मालती कितनी प्यारी। मनीप्लांट आसोपालव से, सुन्दर लगती मेरी क्यारी। छुई-मुई की अदा अलग है,... Hindi · कविता 1k Share आनन्द विश्वास 17 Oct 2016 · 1 min read *अब सरदी की हवा चली है* अब सरदी की हवा चली है, गरमी अपने गाँव चली है। कहीं रजाई या फिर कम्बल, और कहीं है टोपा सम्बल। स्वेटर कोट सभी हैं लादे, लड़ें ठंड से लिए... Hindi · कविता 296 Share आनन्द विश्वास 9 Oct 2016 · 1 min read *शासन का संयोजन बदलो*. सूरज, जो हमसे है दूर, बहुत ही दूर। और फिर चलने से मजबूर, पंगु बिचारा, हिलने से लाचार, करेगा कैसे तम संहार। जिसके पाँव धरा पर नहीं, रहे हो रंग... Hindi · कविता 391 Share आनन्द विश्वास 7 Oct 2016 · 2 min read *मामू की शादी में हमने* मामू की शादी में हमने, खूब मिठाई खाई। नाचे-कूदे, गाने गाए, जमकर मौज मनाई। आगे-आगे बैण्ड बजे थे, पीछे बाजे ताशे। घोड़ी पर मामू बैठे थे, हम थे उनके आगे।... Hindi · कविता 1 573 Share आनन्द विश्वास 5 Oct 2016 · 1 min read *नयन नीले, वसन पीले* नयन नीले, वसन पीले, चाहता मन और जी ले। छू हृदय का तार तुमने, प्राण में भर प्यार तुमने। और अंतस में समा कर, मन किया उजियार तुमने। चाह होती... Hindi · कविता 1 462 Share आनन्द विश्वास 5 Oct 2016 · 1 min read *मिटने वाली रात नहीं* *मिटने वाली रात नहीं* ...आनन्द विश्वास दीपक की है क्या बिसात, सूरज के वश की बात नहीं। चलते–चलते थके सूर्य, पर मिटने वाली रात नहीं। चारों ओर निशा का शासन,... Hindi · कविता 1 1k Share आनन्द विश्वास 4 Oct 2016 · 1 min read बच्चो,चलो चलाएं चरखा बच्चो,चलो चलाएं चरखा ...आनन्द विश्वास बच्चो, चलो चलाएं चरखा, बापू जी ने इसको परखा। चरखा अगर चलेगा घर-घर, देश बढ़ेगा इसके दम पर। इसको भाती नहीं गरीबी, ये बापू का... Hindi · कविता 754 Share आनन्द विश्वास 4 Oct 2016 · 1 min read *बुरा न बोलो बोल रे* *बुरा न बोलो बोल रे* ...आनन्द विश्वास बुरा न देखो, बुरा सुनो ना, बुरा न बोलो बोल रे, वाणी में मिसरी तो घोलो, बोल-बोल को तोल रे। मानव मर जाता... Hindi · कविता 1 746 Share