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अजी सुनते हो मेरे फ्रिज में टमाटर भी है !
Anand Kumar
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को उनकी पुण्यतिथि पर शत शत नमन्।
Anand Kumar
सबका वह शिकार है, सब उसके ही शिकार हैं…
Anand Kumar
महाराष्ट्र की राजनीति
Anand Kumar
टमाटर तुझे भेजा है कोरियर से, टमाटर नही मेरा दिल है…
Anand Kumar
रै तमसा, तू कब बदलेगी…
Anand Kumar
मुहब्बत कुछ इस कदर, हमसे बातें करती है…
Anand Kumar
छप्पर की कुटिया बस मकान बन गई, बोल, चाल, भाषा की वही रवानी है
Anand Kumar
मन रे क्यों तू तड़पे इतना, कोई जान ना पायो रे
Anand Kumar
बेटी ही बेटी है सबकी, बेटी ही है माँ
Anand Kumar
बेवफाई करके भी वह वफा की उम्मीद करते हैं
Anand Kumar
तेरी मुहब्बत से, अपना अन्तर्मन रच दूं।
Anand Kumar
एक वो है मासूमियत देख उलझा रही हैं खुद को…
Anand Kumar
हे नारी मुझे घाघ न कहना, इस रिश्ते का बस लाज तू रखना
Anand Kumar
"शर्म मुझे आती है खुद पर, आखिर हम क्यों मजदूर हुए"
Anand Kumar
"सुरेंद्र शर्मा, मरे नहीं जिन्दा हैं"
Anand Kumar
तुम्हें नहीं पता, तुम कितनों के जान हो…
Anand Kumar
मेरे शब्द, मेरी कविता, मेरे गजल, मेरी ज़िन्दगी का अभिमान हो तुम
Anand Kumar
तेरे शब्दों के हर गूंज से, जीवन ख़ुशबू देता है…
Anand Kumar
बिन फ़न के, फ़नकार भी मिले और वे मौके पर डँसते मिले
Anand Kumar
सच में कितना प्यारा था, मेरे नानी का घर...
Anand Kumar
घाट किनारे है गीत पुकारे, आजा रे ऐ मीत हमारे…
Anand Kumar
ज़िन्दगी की तरकश में खुद मरता है आदमी…
Anand Kumar
तस्वीर देख कर सिहर उठा था मन, सत्य मरता रहा और झूठ मारता रहा…
Anand Kumar
यूँ ही ऐसा ही बने रहो, बिन कहे सब कुछ कहते रहो…
Anand Kumar
चाँद कुछ इस तरह से पास आया…
Anand Kumar
तुम तो मुठ्ठी भर हो, तुम्हारा क्या, हम 140 करोड़ भारतीयों का भाग्य उलझ जाएगा
Anand Kumar
मां जब मैं तेरे गर्भ में था, तू मुझसे कितनी बातें करती थी...
Anand Kumar
हाँ मैं किन्नर हूँ…
Anand Kumar
तलाक़ का जश्न…
Anand Kumar
मेरी कलम से…
Anand Kumar
मेरी कलम से…
Anand Kumar
माँ सिर्फ़ वात्सल्य नहीं
Anand Kumar
है वही, बस गुमराह हो गया है…
Anand Kumar
मेरी कलम से…
Anand Kumar
एक लोग पूछ रहे थे दो हज़ार के अलावा पाँच सौ पर तो कुछ नहीं न
Anand Kumar
मेरा एक मित्र मेरा 1980 रुपया दो साल से दे नहीं रहा था, आज स
Anand Kumar
कुछ कमीने आज फ़ोन करके यह कह रहे चलो शाम को पार्टी करते हैं
Anand Kumar
माशूका नहीं बना सकते, तो कम से कम कोठे पर तो मत बिठाओ
Anand Kumar
चाल, चरित्र और चेहरा, सबको अपना अच्छा लगता है…
Anand Kumar
मुहब्बत कुछ इस कदर, हमसे बातें करती है…
Anand Kumar
तुम्हें नहीं पता, तुम कितनों के जान हो…
Anand Kumar
मेरे शब्द, मेरी कविता, मेरे गजल, मेरी ज़िन्दगी का अभिमान हो तुम।
Anand Kumar
ऐ सुनो
Anand Kumar
मेरी कलम से…
Anand Kumar
कोई फैसला खुद के लिए, खुद से तो करना होगा,
Anand Kumar
माँ तस्वीर नहीं, माँ तक़दीर है…
Anand Kumar
बहुत याद आता है मुझको, मेरा बचपन...
Anand Kumar
अरे शुक्र मनाओ, मैं शुरू में ही नहीं बताया तेरी मुहब्बत, वर्ना मेरे शब्द बेवफ़ा नहीं, जो उनको समझाया जा रहा है।
Anand Kumar
देख लेना चुप न बैठेगा, हार कर भी जीत जाएगा शहर…
Anand Kumar