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मेरी कलम से…
Anand Kumar
अपने मन मंदिर में, मुझे रखना, मेरे मन मंदिर में सिर्फ़ तुम रहना…
Anand Kumar
ईश्वर नाम रख लेने से, तुम ईश्वर ना हो जाओगे,
Anand Kumar
राम संस्कार हैं, राम संस्कृति हैं, राम सदाचार की प्रतिमूर्ति हैं...
Anand Kumar
मां की दूध पीये हो तुम भी, तो लगा दो अपने औलादों को घाटी पर।
Anand Kumar
मेरी कलम से…
Anand Kumar
मेरी कलम से...
Anand Kumar
मेरी कलम से...
Anand Kumar
अनपढ़ व्यक्ति से ज़्यादा पढ़ा लिखा व्यक्ति जातिवाद करता है आ
Anand Kumar
नई पीढ़ी पूछेगी, पापा ये धोती क्या होती है…
Anand Kumar
दुनिया में भारत अकेला ऐसा देश है जो पत्थर में प्राण प्रतिष्ठ
Anand Kumar
भारत का चाँद…
Anand Kumar
राजनीति की नई चौधराहट में घोसी में सभी सिर्फ़ पिछड़ों की बात
Anand Kumar
कृपया सावधान रहें !
Anand Kumar
कृपया सावधान रहें !
Anand Kumar
किसी के साथ दोस्ती करना और दोस्ती को निभाना, किसी से मुस्कुर
Anand Kumar
प्रेम में कृष्ण का और कृष्ण से प्रेम का अपना अलग ही आनन्द है
Anand Kumar
मित्र, चित्र और चरित्र बड़े मुश्किल से बनते हैं। इसे सँभाल क
Anand Kumar
शहर कितना भी तरक्की कर ले लेकिन संस्कृति व सभ्यता के मामले म
Anand Kumar
आप चाहे जितने भी बड़े पद पर क्यों न बैठे हों, अगर पद के अनुर
Anand Kumar
मेरी कलम से…
Anand Kumar
गाँव से चलकर पैदल आ जाना,
Anand Kumar
लोग कह रहे हैं राजनीति का चरित्र बिगड़ गया है…
Anand Kumar
लोग कह रहे हैं आज कल राजनीति करने वाले कितने गिर गए हैं!
Anand Kumar
सोशल मीडिया पर दूसरे के लिए लड़ने वाले एक बार ज़रूर पढ़े…
Anand Kumar
तू सच में एक दिन लौट आएगी मुझे मालूम न था…
Anand Kumar
अश्लील वीडियो बनाकर नाम कमाने की कृत्य करने वाली बेटियों, सा
Anand Kumar
फ़र्क़ यह नहीं पड़ता
Anand Kumar
रिश्ते मोबाइल के नेटवर्क जैसे हो गए हैं। कब तक जुड़े रहेंगे,
Anand Kumar
ज्योति मौर्या बनाम आलोक मौर्या प्रकरण…
Anand Kumar
अजी सुनते हो मेरे फ्रिज में टमाटर भी है !
Anand Kumar
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को उनकी पुण्यतिथि पर शत शत नमन्।
Anand Kumar
सबका वह शिकार है, सब उसके ही शिकार हैं…
Anand Kumar
महाराष्ट्र की राजनीति
Anand Kumar
टमाटर तुझे भेजा है कोरियर से, टमाटर नही मेरा दिल है…
Anand Kumar
रै तमसा, तू कब बदलेगी…
Anand Kumar
मुहब्बत कुछ इस कदर, हमसे बातें करती है…
Anand Kumar
छप्पर की कुटिया बस मकान बन गई, बोल, चाल, भाषा की वही रवानी है
Anand Kumar
मन रे क्यों तू तड़पे इतना, कोई जान ना पायो रे
Anand Kumar
बेटी ही बेटी है सबकी, बेटी ही है माँ
Anand Kumar
बेवफाई करके भी वह वफा की उम्मीद करते हैं
Anand Kumar
तेरी मुहब्बत से, अपना अन्तर्मन रच दूं।
Anand Kumar
एक वो है मासूमियत देख उलझा रही हैं खुद को…
Anand Kumar
हे नारी मुझे घाघ न कहना, इस रिश्ते का बस लाज तू रखना
Anand Kumar
"शर्म मुझे आती है खुद पर, आखिर हम क्यों मजदूर हुए"
Anand Kumar
"सुरेंद्र शर्मा, मरे नहीं जिन्दा हैं"
Anand Kumar
तुम्हें नहीं पता, तुम कितनों के जान हो…
Anand Kumar
मेरे शब्द, मेरी कविता, मेरे गजल, मेरी ज़िन्दगी का अभिमान हो तुम
Anand Kumar
तेरे शब्दों के हर गूंज से, जीवन ख़ुशबू देता है…
Anand Kumar
बिन फ़न के, फ़नकार भी मिले और वे मौके पर डँसते मिले
Anand Kumar