Anamika Singh Tag: मुक्तक 89 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Anamika Singh 9 Jul 2022 · 1 min read कलम नही लिख पाया है दुनियाँ मे इतना गम भरा लिखने चली जो मै इसे शब्द नही मुझे मिल पाया लिखने कि कोशिश की मैने पर यह कलम नही लिख पाया ठहर गया वह... Hindi · मुक्तक 3 232 Share Anamika Singh 8 Jul 2022 · 1 min read मतलब के रिश्ते पुराने वाले रिश्ते अब ढूँढने पर कहाँ मिलते है अब मतलब से रिश्ते जुड़ते है और काम निकला नही की रिश्ते टुट जाते है मै ढूँढ़ने निकल पड़ी पुरानी वाली... Hindi · मुक्तक · हास्य-व्यंग्य 5 2 346 Share Anamika Singh 8 Jul 2022 · 1 min read मेरे सपने नींद टूटी और मेरे सारे सपने बिखर गए जिसे सजाने मे लगा दी मैने पुरी रात नींद खुलते ही पल भर में टुट गए हुआ जब हकीकत से सामना मेरे... Hindi · मुक्तक 4 2 364 Share Anamika Singh 8 Jul 2022 · 1 min read दस्तक हर कोई उम्मीद के दायरे मे नही आता है इंसान बाते तो सबसे करता है पर हर कोई अपना नही बन जाता है दिल पर दस्तक तो बहुतों देते है... Hindi · मुक्तक 3 2 325 Share Anamika Singh 7 Jul 2022 · 1 min read यह जिन्दगी क्या चाहती है यह जिन्दगी है जो पल पल नया खेल दिखाती है किसी को पल भर मे फर्श से अर्श तक ले जाती है और किसी को अर्श से फर्श गिरा देती... Hindi · मुक्तक 2 2 202 Share Anamika Singh 7 Jul 2022 · 1 min read मुझे छल रहे थे जो अपने मेरे नही थे मै उन्हें अपना बनाती रही वें अपनेपन का नकाब ओढे मुझे छल रहे थे, और मै उनकी बातों मे आती रही वें मुझे छल खुश... Hindi · मुक्तक 6 4 368 Share Anamika Singh 6 Jul 2022 · 1 min read वह प्यार कैसा होगा वह प्यार कितना गहरा रहा होगा। जो जीवन और मृत्यु का फर्क करना भुल गया होगा लगाकर अपने सीने से बेजान शरीर को भी दिल की बातें कर रहा होगा... Hindi · मुक्तक 4 4 363 Share Anamika Singh 5 Jul 2022 · 1 min read कृपा कर दो ईश्वर ईश्वर करे इस जहां कोई गम न रह जाएँ हर जगह खुशी बिखरे और हर चेहरा मुस्कुराए न तम भरा हो किसी मन मे और न दर्द कही रह जाएँ।... Hindi · मुक्तक 4 2 370 Share Anamika Singh 5 Jul 2022 · 1 min read लेखनी मैनें दर्द को अपनी लेखनी बनाया ताकि जब चाहूँ मै दर्द को मिटा सकूं और जब चाहूँ तो मै दर्द को फाड़कर हटा सकू। ~अनामिका Hindi · मुक्तक 5 4 550 Share Anamika Singh 5 Jul 2022 · 1 min read जीवन और दर्द मैने अपने जीवन में दर्द को कलमों से आगे आने न दिया लाख कोशिश करती रही मेरे जीवन मै आने के लिए पर मैंने भी उसको पन्नो पर लिख कर... Hindi · मुक्तक 3 6 738 Share Anamika Singh 4 Jul 2022 · 1 min read हर किसी की बात नही किसी को पंसद कर लेना किसी का पंसद बन जाना बड़ा ही आसान होता है पर उस पंसद को जीवन भर निभाना और उस पंसद के साथ टिक कर रह... Hindi · मुक्तक 4 4 254 Share Anamika Singh 4 Jul 2022 · 1 min read खामोशी जब खामोशी की आवाज सुनी मैने उसमें भी एक खामोशी थी दर्द चीख चीख कर चिल्ला रहा था पर उसमें भी एक खामोशी थी खामोशी को कहना था बहुत कुछ... Hindi · मुक्तक 2 2 233 Share Anamika Singh 3 Jul 2022 · 1 min read मेरा साया मुझे सकुन मे बैठा देख मेरा साया भी मुझसे जल उठा सोचने लगा वह बेचैनी के साथ अँधेरा कर दिया था मैंने इसके जीवन मै फिर यह रोशनी से कैसे... Hindi · मुक्तक 2 4 957 Share Anamika Singh 3 Jul 2022 · 1 min read कमियाँ अपनी -अपनी कमियाँ अगर हम समझ जाते छोटी-छोटी बातो पर यू घर न टूट जाते न दिलो मे होती करवाहट न रिश्तो मे होते काँटे अगर एक-दूसरे को हम थोड़ा... Hindi · मुक्तक 4 4 286 Share Anamika Singh 3 Jul 2022 · 1 min read दर्दे दिल किसी ने हाथ छोड़ दिया किसी ने हाथ थाम लिया यह दर्दे दिल था मेरा जिसने न हँसने दिया न रोने दिया। ~अनामिका Hindi · मुक्तक 2 6 269 Share Anamika Singh 3 Jul 2022 · 1 min read दोस्त हो तो ऐसा लाख मेरे दुश्मन मुझे दे रहे थे बद्दुआ पर मेरे दोस्तो ने मुझ पर बद्दुआ का असर होने न दिया अपनी दुआ से मुझे बद्दुआ को छुने न दिया निभाकर... Hindi · मुक्तक 1 4 710 Share Anamika Singh 2 Jul 2022 · 1 min read सुरज और चाँद सुरज को दिन मिला चाँद को मिला रात दोनो ने मिलकर धरती को दिया सुन्दर सा सौगात एक ने धरती पर प्रकाश फैलाया दूसरे ने धरती पर बिखेरा चाँदनी दोनो... Hindi · मुक्तक 3 4 403 Share Anamika Singh 2 Jul 2022 · 1 min read यह कैसा प्यार है यह कैसा मौसम आया है यह कैसी चली बयार है अपने ,अपनो को रौंद रहे है यह कैसा अपनत्व का श्रृंगार है पुछँ रही है अनामिका अपनो से यह कैसा... Hindi · मुक्तक 3 4 386 Share Anamika Singh 2 Jul 2022 · 1 min read नादानियाँ धूप मे चलती रही मै छाँव की तलाश करती रही मैं इस क्रम मे कभी उल्टा कभी सीधा पाँव धरती रही मैं नादानियाँ बहुत थी जीवन में इसलिए गलत और... Hindi · मुक्तक 3 2 446 Share Anamika Singh 2 Jul 2022 · 1 min read मेरी छवि मेरी छवि कुछ ऐसी है मै सबको याद रहती हूँ यह अलग बात है की दोस्तो की दुआ मै याद रहती हूँ और दुश्मनों की बद्दुआ मै याद रहती हूँ... Hindi · मुक्तक 4 4 1k Share Anamika Singh 1 Jul 2022 · 1 min read रास्ता अपनो को मंजिल तक पहुंचाने के लिए मै रास्ता बन गया सब चले गए मंजिल तक मुझको रोंद कर और मै वही पड़ा जर्जर हो गया। ~अनामिका Hindi · मुक्तक 2 2 442 Share Anamika Singh 1 Jul 2022 · 1 min read इंसानो की यह कैसी तरक्की यह कैसी तरक्की हुई इंसानो की इंसानियत को छोड़कर हैवान बनने लगा बुझाकर खुन से अपना प्यास खुन की नदियाँ बहाने लगा बन गए इंसान से दंरिदा यह कैसी तरक्की... Hindi · मुक्तक 4 4 421 Share Anamika Singh 30 Jun 2022 · 1 min read जिंदगी का राज जिन्दगी मेरे लिए है क्या जब यह बात लोगो को बतानी पड़ी कुछ बोल कर मै खामोश हो गई बोल देती तो खुल जाता कितने का राज जिसे अब तक... Hindi · मुक्तक 4 4 402 Share Anamika Singh 30 Jun 2022 · 1 min read आग लगी जब आग किसी के घर में लोगों ने बुझाने के बदले हवा देना शुरू कर दिया जो आग बुझने वाली थी उसे ज्वाला बना दिया। ~ अनामिका Hindi · मुक्तक 4 6 215 Share Anamika Singh 30 Jun 2022 · 1 min read जिन्दगी मे कोहरा चाहे जिन्दगी मे कितना भी बेपनाह कोहरा क्यो न हो जिन्दगी का मजा लेने न तुम छोड़ो अगर रोक दिये तुम कदम अपना कोहरे के डर से पुरी उम्र गुजर... Hindi · मुक्तक 4 2 195 Share Anamika Singh 30 Jun 2022 · 1 min read तुम बहुत खूबसूरत हो तुमने आईना क्या देखा आईना टूट गया यह तुम्हारे खूबसूरती का असर था या तुमसे था आईने का जलन यह मुझे पता नही। ~अनामिका Hindi · मुक्तक · हास्य-व्यंग्य 6 2 496 Share Anamika Singh 30 Jun 2022 · 1 min read दर्द दर्द हुआ था मुझे बहुत अफसोस था की मै उन्हें बचा न पाया था जब काल की आँधियों ने उन्हें गिराया जिसने कभी मुझे जिन्दगी में जीना और हँसना सिखाया... Hindi · मुक्तक 3 296 Share Anamika Singh 30 Jun 2022 · 1 min read यह दुनियाँ यह दुनियाँ भी अजीब है यारों पहले धक्का देकर हमें गिराती है और फिर उठाने के बहाने न जाने कितने एहसान हम पर जताती है। ~अनामिका Hindi · मुक्तक 4 3 241 Share Anamika Singh 30 Jun 2022 · 1 min read विनती मेरी इतनी विनती है ईश्वर मेरे अपनो की हिफाजत सदा तुम करना छू न पाएँ कोई गम उन्हें इतनी बस तुम नजर रखना जीवन-भर रहे खुशहाल सदा वें इसका तुम... Hindi · मुक्तक 3 6 467 Share Anamika Singh 29 Jun 2022 · 1 min read वेश्या का दर्द दिखावे की जिन्दगी कब तक जिते रहे दर्द छुपाकर कब तक झूठी हँसी हँसते रहे आखिर हम भी तो इंसान है रोने की इच्छा होती है आँसु छुपाकर कब तक... Hindi · मुक्तक 5 6 727 Share Anamika Singh 29 Jun 2022 · 1 min read काँटा और गुलाब जिन्दगी से हमें हमेशा कभी काँटा कभी गुलाब मिला इसी कहानी के बीच में हमारी ज़िन्दगानी टिका रहा। ~अनामिका Hindi · मुक्तक 2 204 Share Anamika Singh 29 Jun 2022 · 1 min read जख्म हर इंसान अपने आप मे जख्मी है किसी को हालात ने जख्मी किया है किसी को अपनो ने यह अलग बात है कि हालात के जख्म समय भर देता है... Hindi · मुक्तक 4 3 746 Share Anamika Singh 29 Jun 2022 · 1 min read कोशिश जो न मिल सका जिन्दगी से क्यों उसपर मलाल करते रहे जिन्दगी बहुत खूबसूरत है क्यों न कुछ नया हासिल करने का फिर से नई कोशिश करे। ~अनामिका Hindi · मुक्तक 2 2 304 Share Anamika Singh 28 Jun 2022 · 1 min read मेरा वजूद उड़ते हुए बादल का टुकड़ा हूँ मै दायरा कम है तो क्या हुआ वजूद मेरा तगरा है कहाँ बरसना है मुझे इसका फैसला मेरा है। ~अनामिका Hindi · मुक्तक 5 4 897 Share Anamika Singh 28 Jun 2022 · 1 min read इंतजार आजकल सच्चाई दबकर रह जाती है झूठ के पुलिंदो के आगे बरसो वर्ष लग जाते है सच को सच साबित करने के लिए इंतजार है अनामिका उस दिन का जब... Hindi · मुक्तक 10 8 428 Share Anamika Singh 9 Jun 2022 · 1 min read रबीन्द्रनाथ टैगोर पर तीन मुक्तक विश्व गुरु रूप में जिन्हें मिला प्रतिष्ठा और सम्मान, वह कोई और नहीं वह थे भारत के लाल रबीन्द्रनाथ टैगोर महान। लेकर नोवल पुरस्कार उन्होंने देश का गौरव बढ़ाया था।... Hindi · मुक्तक 7 8 479 Share Anamika Singh 26 May 2022 · 1 min read सफर साहित्यपीडिया मंच के साथ मेरा एक महीने का यह सफर रहा बहुत दिलचस्प और सुहाना इस सफर में मुझे कई लेखको द्वारा मुझे मिला बहुत सहयोग, ढेर सारा ज्ञान मिला... Hindi · मुक्तक 2 234 Share Anamika Singh 16 May 2022 · 1 min read बुद्ध पूर्णिमा पर तीन मुक्तक। 1: सच्चाई का साथ निभाना अच्छा करना ,अच्छा सोचना प्रेम की धारा मे डूब कर, सबके लिए गहरा प्रेम बहना, यही बुद्ध का पैगाम है । जिसे खुद समझना है... Hindi · मुक्तक 5 8 525 Share Anamika Singh 13 May 2022 · 1 min read परिस्थितियों के आगे न झुकना। हालातों के आगे घुटने टेककर, न अपनी इच्छा को मिटने दिया। न मिला मखमली सिंहासन तो क्या हुआ! ईंटो का सिंहासन बना खुश हो लिया। कम से कम अपनी इच्छा... Hindi · मुक्तक 6 720 Share Previous Page 2