Amrita Mishra Language: Hindi 7 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Amrita Mishra 30 Apr 2018 · 1 min read मुजरिम तुम..... मुजरिम तुम..... मुजरिम हो मेरे मन की अदालत में... ऐसा क्यों है कि सम्पूर्ण होकर भी अपूर्ण हूँ मैं, और तुम अपूर्ण होकर भी. ..हो गये सम्पूर्ण ! क्यों ये... Hindi · कविता 535 Share Amrita Mishra 30 Apr 2018 · 1 min read हर बार छली जाती हूँ...... हर बार छली जाती हूँ...... इस बार हर बार की तरह..... मेरी छुट्टियां यूँ न गुजरने वाली थीं... सालों बाद मिली तुम सब के साथ तुमसब के यादों के फूलों... Hindi · कविता 417 Share Amrita Mishra 30 Apr 2018 · 1 min read मेरा होना.... कई बार कहने को कम.. पड़ जाते है अल्फ़ाज़ मेरे.. और कई बार लबों संग… दिल के तकरार हो जाते ... ज़माना कहता है कि तेरे.. ख्यालों की ताबीर हूँ... Hindi · कविता 263 Share Amrita Mishra 18 Feb 2018 · 2 min read दर्द की अनुभूति हर बार ..बारम्बार ...... आज का दिन फिर वही दर्द की अनुभूति.....कहते हैं वक्त अपनी ही गति चलता रहता है ..पर जब ..जब ये तारीख आती है .खुद को वापस... Hindi · लघु कथा 619 Share Amrita Mishra 18 Feb 2018 · 1 min read ये नववर्ष का उल्लास है कैसा... हो गयी फिर सुबह... पंछियों ने गाना गाया.. भौंरे की गुनगुन सुन फिर हर फूल मुस्काया... साल बदला कुछ यूं जैसे, बस एक कैलेंडर बदलने जैसा... पर कुछ आँगन मेँ... Hindi · कविता 597 Share Amrita Mishra 18 Feb 2018 · 1 min read मेरे बाद का मेरा शहर मेरे बाद का मेरा शहर... जो मेरी रग -रग में बसा था सालों बाद मेरी नज़र से... जिसमें समावेश है उनसब की बातों की छाप जो कुछ सकारात्मक, कुछ नकारात्मक..... Hindi · कविता 274 Share Amrita Mishra 18 Feb 2018 · 1 min read आस्था आस्था स्वयंभू है, स्वयं ही उत्पन्न होती है, कोई बनावट नहीं इसमें, कोई मिलावट भी नहीं इसमें, यह पनपती है जमीन में, किसी खूबसूरत गमले में नहीं । इसकी अंकुरें... Hindi · कविता 542 Share