Ambarish Srivastava 133 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read मुद्रा का अपमान.. सिक्के घर रख आइये, सबसे मिलता ज्ञान. बाजारों में हो रहा, मुद्रा का अपमान.. मुद्रा के अपमान से, सिक्का रोये एक. अब कोई लेता नहीं, कैसे हम दें फेक?? कहाँ... Hindi · दोहा 401 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read शिक्षक दिवस शिक्षक दिवस जिनके आशीषों से हम सब जीवन में रँग भरते हैं. वे शिक्षकगण गुरुवत निशिदिन कष्ट हमारे हरते हैं. संयम, कठिन परिश्रम, धीरज, अनुशासन जिनसे सीखा, उन सबके प्रति... Hindi · मुक्तक 389 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read पीर हिन्दी की.... हिन्दी मुक्तिका ___________ मित्र उर्दू सुपोषित हरित हो गयी, कामना स्वार्थपरता फलित हो गयी, आज हिन्दी दिवस आ गया साथियों, मातृभाषा पुनः अब व्यथित हो गयी. आज इंग्लिश में अवसर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 451 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read नैनन में है जल भरा... नैनन में है जल भरा, आँचल में आशीष। तुम-सा दूजा नहि यहाँ, तुम्हें नवायें शीश।। कंटक सा संसार है, कहीं न टिकता पाँव। अपनापन मिलता नहीं, माँ के सिवा न... Hindi · दोहा 238 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read भारत रत्न लौह पुरुष सरदार पटेल के प्रति .. भारत रत्न लौह पुरुष सरदार पटेल सिंह समान गर्जना स्वर में किन्तु हृदय अति कोमल था. आँधी जैसी चाल तुम्हारी, साथ तुम्हारे दल-बल था. मानचित्र था पल में बदला भारत... Hindi · मुक्तक 429 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 2 min read मगर मेरे भाई न शादी रचाना.... मगर मेरे भाई न शादी रचाना. अगर तुमको आये न खाना पकाना पड़े भूख से आये दिन बिलबिलाना बटन चेन गायब कभी मत लजाना सो बेचारगी में पड़े पिनपिनाना भले... Hindi · कविता 516 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read समसामयिक चुनावी कविता समसामयिक चुनावी कविता: _________________________________ खटखटाते द्वार पर घंटी बजाते लोग हैं आज दोनों हाथ जोड़ें मित्रता के योग हैं देखिये मुन्ना खड़ा है आपका ही लाल है आपके अनुसार ही... Hindi · कविता 1 432 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 2 min read चुनावी कुण्डलिया छंद चुनावी कुण्डलिया छंद : _________________________________ (१) पंजा थामे साइकिल, सधी कमल की चाल. इंजन सीटी दे रहा, हाथी करे धमाल. हाथी करे धमाल, दौड़ता आगे-आगे. ले अंकुश वह देख, महावत... Hindi · कुण्डलिया 659 Share Ambarish Srivastava 14 Dec 2017 · 1 min read दोहे : अपना यह मंतव्य.... आपस में हम सब करें, न्यायोचित व्यवहार. दलित, दुखी, कमजोर पर, मत हो अत्याचार.. प्रेम त्याग करुणा क्षमा, मानवता के अंग. असुरवृत्ति से हो रही, सदा-सदा से जंग.. यद्यपि हैं... Hindi · दोहा 407 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read कसम तुम्हें नेता सुभाष की....गीत. आओ बच्चों सुनो कहानी, अपने हिन्दुस्तान की. नित प्रति होती यहाँ आरती आरक्षण भगवान की. एससी०, एसटी०, ओबीसी० सब, सरकारी दामाद यहाँ और बचें जो जनरल वाले, वे पाते अवसाद... Hindi · गीत 1 1 472 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 2 min read सहिये इस चाबुक की मार...वीर छंद (आल्हा) वीर छंद (आल्हा) संविधान में सबको शिक्षा, औ समानता का अधिकार. तब क्यों अगड़े पिछड़े बाँटे, आरक्षण की बहे बयार.. क्रायटेरिया से जो ऊपर, जनरल बनकर हुए प्रमोट. हैं अयोग्य... Hindi · कविता 246 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read करे समर्थन वो गद्दार.... आरक्षण संहारक नारे... विघटनकारी घातक वार, राजनीति का यह हथियार.. करे देश को जो कमजोर. आरक्षण वह जनरल खोर.. सच्चे-भले हुए बेकार. छल-प्रपंच यदि बेड़ा पार.. लुटे सवर्णों का संसार.... Hindi · कविता 2 365 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read करिए नष्ट समूल....( छंद दोहा) काले बादल छा चुके, आरक्षण चहुँ ओर. दे अयोग्य को नौकरी, करे देश कमजोर.. इसे पालते स्वार्थी, बँटता नित्य समाज. लाभ सबल ही ले रहे, निर्धन रोते आज.. मूढ़ मलाई... Hindi · दोहा 278 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read हमारा ही घर खूब....: मुक्तक मज़हब से मुल्कों को बाँटा तुम्ही ने. चुभाया बदन में ये काँटा तुम्ही ने. बना सेक्युलर सिर्फ चूना लगाया, हमारा ही घर खूब छाँटा तुम्ही ने.. --इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर' Hindi · मुक्तक 197 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read वाह वाह क्या बात....छंद कुण्डलिया. ___________________________________ लड़ते हैं गोमांस पर, भक्षक, श्वान सियार. गिरफ्तार रक्षक करे, भ्रमित वही सरकार? भ्रमित वही सरकार, 'बीफ' दे जिसे सहारा. इसको पशु-बलि मान, नही सद्भावी धारा. देख पाशविक कृत्य,... Hindi · कुण्डलिया 258 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read वाह! कमाया नाम.....: छंद कुण्डलिया ________________________________ कुण्डलिया: पेरिस पर हमले किये, वाह! कमाया नाम. इससे कोई मत करे, परिभाषित इस्लाम.. परिभाषित इस्लाम, पहन सेना सी वर्दी. क़त्ल, भले. निर्दोष, कहाँ यह दहशतगर्दी? उचित मिले उपचार,... Hindi · कुण्डलिया 201 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read रंग हरा यदि किन्तु....: छंद कुण्डलिया. केसरिया सविता उगे, केसरिया हो अस्त. हरियाली उस सूर्य से, जिसमें सारे मस्त. जिसमें सारे मस्त, हरा ही मन को भाये. सूरज से ही चाँद, चमकता कौन बताये? बनें सनातन... Hindi · कुण्डलिया 420 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read ग़ज़ल: करिए न ऐसा काम.... बेशक लिखें दीवान में मसला जुबान का उससे कहें न राज जो कच्चा है कान का जर है न औ जमीन न जोरू का है पता नक्शा रहा है खींच... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 311 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read चौराहों पर दण्ड उन्हें दें.....गीत आओ साथी सुनो कहानी, अपने हिन्दुस्तान की. व्यर्थ यहाँ होती है पूजा आरक्षण भगवान की. मजहब से जब बांटा भारत तब यह हिन्दू देश हुआ शुद्ध धार्मिक है यह धरती... Hindi · गीत 210 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read ग़ज़ल : सबसे ही अलग बात है... ___________________________________ अपने लिए तलाश तो ईमानदार की. भूले मगर वो राह हैं परवरदिगार की. पढ़िए कुरआन-ए-पाक वफ़ा मुल्क से भी हो, जेहाद हो खुदी से मगर बात प्यार की रौंदा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 394 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read जड़े होठों पर ताले...:शाश्वत कुण्डलिया छंद बहता क्योंकर अनवरत पक्षपात का द्रव्य. अर्जुन अवसर पा रहा, हाथ मले एकलव्य.. हाथ मले एकलव्य, जड़े होठों पर ताले. किन्तु द्रोंण द्रव पियें मगन होकर मतवाले, अर्जुन का हो... Hindi · कुण्डलिया 1 271 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read असहिष्णुता किधर है...:मुक्तक त्यौहार में मजा ले, कुछ ख़ास काट डाला, बक़रे का नाम देकर, फ्रिज घर का पाट डाला, हाकिम की जांच में जब, गोमांस वो ही निकला, असहिष्णुता किधर है? अखबार... Hindi · मुक्तक 178 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read छटपटाता कसमसाता ....:मुक्तक मथुरा के जवाहरबाग़ काण्ड में शहीद जवानों के प्रति श्रद्धांजलि... माफिया का राज अब तो असलहों से शान है. छटपटाता कसमसाता जेब में ईमान है. जिनके बेटे हैं कफ़न में... Hindi · मुक्तक 217 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read आपा खोया रँगरूटों नें ...मुक्तक बरस रहा बारूद, बाग़ में, बचे, छुपे, संज्ञान लिया, अधिकारी की देख शहादत, गरजे सीना तान दिया. नहीं सुना आदेश तभी थी, दाल सियासी नहीं गली, आपा खोया रँगरूटों नें... Hindi · मुक्तक 180 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read स्नेह और नीर …..:मुक्तक स्नेह से नीर मित्र भारी है किन्तु इनकी सदा से यारी है स्नेहवश नीर उपजे आँखों में जिसमें डूबी जमीन सारी है आज समवेत स्वर में गायें हम गीत में... Hindi · मुक्तक 426 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read पर पंक्षी के पंख नोचता...:मुक्तक जेठ मास में भीषण गर्मी लू घातक बीमारी है. सूखे ताल-तलैया बोरिंग जलसंकट अब भारी है. खाली खेत बाग़-वन गायब नदियाँ नाला बनीं हुई, पर पंक्षी के पंख नोचता ए०... Hindi · मुक्तक 584 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read सॅंभले मानव जाति...कुण्डलिया ईश्वर से प्रतिभा मिले, सत्संगति से ख्याति. अहंकार उपजे स्वयं, सॅंभले मानव जाति.. सॅंभले मानव जाति, सत्य जीवन का जाने. हो विनम्र दे स्नेह, शत्रु इसको ही माने. अम्बरीष हों... Hindi · कुण्डलिया 229 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read यहीं यमलोक दिखा दे....हास्य-कुण्डलिया सोती पत्नी के निकट, बैठी नागिन झूम. बोला पति डस ले वहीं, मत क़दमों को चूम. मत क़दमों को चूम, विष भरे दांत चुभा दे, बहुत कर चुकी तंग, यहीं... Hindi · कुण्डलिया 202 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read छमिया, मुखड़ा तो दिखा...:हास्य-कुण्डलिया कपड़ा मुँह पर था बँधा. दोपहिया पर नार. छमिया, मुखड़ा तो दिखा, खोल दुपट्टा यार. खोल दुपट्टा यार, आदमी खुलकर बोला. तब विचलित कचनार, सहम मुखमंडल खोला, मुँह बच्ची का... Hindi · कुण्डलिया 347 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read पति ने पटका देखकर....:हास्य 'कुण्डलिया' पत्नी घूमे यार सँग, करे प्रेम व्यवहार. पति ने पटका देखकर, प्रेमी को दो बार. प्रेमी को दो बार पटक, शाबासी पायी. मार, घुमाता परनारी को, वह चिल्लाई, चढ़ा प्रेम... Hindi · कुण्डलिया 565 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read 'सैनिक मत बलिदान करें!'...: मुक्तक महारथी हैं सत्ता के जो जागें, सुधरें, ध्यान धरें. सबसे ऊपर देश हमारा, इसका ही गुणगान करें, आतंकी यदि कैम्प चल रहे, नष्ट करें इनको जाकर, राजनीति की बलिवेदी पर... Hindi · मुक्तक 230 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read 'मेघ बरसें बने तन ये चन्दन' : नवगीत राह तकती धरा आस में मन मेघ बरसें बने तन ये चन्दन आ चुका है असाढ़ी महीना चिपचिपी देह बहता पसीना हर कोई है उमस में ही व्याकुल चैन मिलता... Hindi · गीत 410 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read मित्र के प्रति : मुक्तक कवि मित्र डॉ० मनोज दीक्षित के प्रति.... प्यारे भ्राता पिंगल ज्ञाता कोमल कविता साधक हो. उड़ते मुक्त जहाँ चंचल मन उन राहों में बाधक हो. मित्र नमन उस पावनता को... Hindi · मुक्तक 477 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read भाभी बोलीं बाय-बाय...: हास्य घनाक्षरी रोज रोज आते जाते, भाभीजी को छेड़ें भैया, बाय-बाय चार बच्चों, वाली अम्मा गोरी हो . भैया रोज लेते मौज, भाभी होतीं परेशान. अच्छी नहीं खींचतान, ना ही जोराजोरी हो... Hindi · कविता 621 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read शहीदों के लहू का वो ...: गीत कारगिल के शहीद कैप्टेन मनोज कुमार पाण्डेय को समर्पित... (जन्म : 25 जून 1975, सीतापुर, उत्तर प्रदेश -- वीरगति: 3 जुलाई 1999, कश्मीर) शहीदों के लहू का वो फुहारा याद... Hindi · गीत 1k Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read झूठ की अम्मा रो दी...:हास्य कुण्डलिया : मोदी, राउल भूख में, भटके रेगिस्तान. मस्जिद देखी सामने. संकट में थी जान. संकट में थी जान, तंग हो राउल बोलें, मैं हमीद औ तुम शफीक, बन मस्जिद हो लें.... Hindi · कुण्डलिया 227 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read बंधु जानिये मर्म...दोहे अतिशय धन की लालसा, बनी कोढ़ में खाज. भौतिकता में बह रहा, 'हिन्दू' राज समाज.. धर्ममार्ग या पंथ की. पल में हो पहचान. धर्म उसे ही जानिये, जिसमें हो विज्ञान..... Hindi · दोहा 648 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read समझ सकें यदि मर्म...: छंद कुण्डलिया दुविधा में चन्दा बहुत, कैसे कह दे मर्म. रहे प्रकाशित सूर्य से, सत्य सनातन धर्म. सत्य सनातन धर्म, उसी से सब हैं जन्में. हाय! बँट गए पंथ, द्वेष उपजा क्यों... Hindi · कुण्डलिया 297 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read ‘सामने होगा सागर’ ...: छंद कुंडलिया. सागर खोजा ज्ञान का, किन्तु मिली दो बूँद. उन बूंदों में शिव-शिवा, बैठे आँखें मूँद. बैठे आँखें मूँद, साधकर साधक मन को. बाँटें ज्ञान सहेज, भूलकर भौतिक तन को. सबकी... Hindi · कुण्डलिया 310 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read यार मुबारक ईद....: दोहे ‘यार मुबारक ईद..’ _________________________________ बेकसूर का ही गला, काट रहा ईमान. आयत पढ़ें कुरान की, तभी बचेगी जान.. जिनको मानव बम बना, भेजा हिन्दुस्तान. वही मदीने को जला रहे क्रूर... Hindi · दोहा 259 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read जागेश्वर का जन्म दिन...:दोहे गोलोकवासी श्रद्धेय कवि जागेश्वर बाजपेयी के जन्म दिवस पर उन्हें शत-शत नमन... जागेश्वर का जन्म दिन, बांटे सबमें प्यार। मन में झंकृत हो रहे, ज्यों वीणा के तार॥ कद छोटा... Hindi · दोहा 357 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read आखिर हम कब तक सहें....: छंद कुण्डलिया छंद कुंडलिया (दोहा +रोला, प्रारंभिक व अंतिम शब्द एक ही) ___________________________________ (पीड़ितों की और से....) आखिर हम कब तक सहें, आतंकी के वार. मार गिराया जो इसे, करता अत्याचार. करता... Hindi · कुण्डलिया 211 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 2 min read ‘सैनिक शासन आज लगा दो...’ : छंद लावनी छंद लावनी (मात्राएँ १६,१४) आतंकी बुरहान और इन सबमें रिश्तेदारी है, इस्लामिक कश्मीर बनाना, मकसद है तैयारी है. लहू चूसकर जिस धरती का ये सब जीते मरते हैं, उससे ही... Hindi · कविता 197 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read ‘होते मानव के लिए, मानव के अधिकार’ : दोहे छंद:-दोहा (दो पंक्तियाँ, चार चरण, प्रति पंक्ति १३, ११ मात्राओं पर यति. विषम चरणों के प्रारंभ में जगण निषिद्ध) _____________________________________ सारा नशा उतार दें हिन्दुस्तानी मर्द. पाकिस्तान चला रहे असली... Hindi · दोहा 275 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read जागृत करें विवेक ... :छंद कुंडलिया (१) दानवता के दौर की महिमा बहुत विचित्र, आतंकी ट्रक आ रहा, हटें बचें ऐ मित्र. बचें हटें ऐ मित्र, मानवों का भक्षक है. रौंद रहा जो धर्म, दानवों का... Hindi · कुण्डलिया 554 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read अपने गुरु हैं देवगुरु...: छंद कुण्डलिया गुरु पूर्णिमा की हार्दिक बधाई ..... अपने गुरु हैं देवगुरु, उसके शुक्राचार्य. दोनों का वंदन नमन, बने पूज्य आचार्य. बने पूज्य आचार्य, बृहस्पति गुरु की माया. देखे रूप अनेक, ज्ञान... Hindi · कुण्डलिया 218 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read आप विश्व सिरमौर...: छंद कुण्डलिया जय हिंद की सेना ... सेना दिवस १९ जुलाई... (छंद कुंडलिया) आतंकी अब कांपते, नहीं मिल रहा ठौर भारतीय सेना नमन, आप विश्व सिरमौर. आप विश्व सिरमौर, वीर सैनिक बलिदानी.... Hindi · कुण्डलिया 211 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read आग लगा जो स्वार्थी, रहे रोटियां सेंक ...: दोहे समसामयिक दोहे: गर्म खून को देखकर, रक्त हो गया गर्म. आग बना जो दें हवा, वे कितने बेशर्म.. मारपीट अति क्रूरता, अच्छा नहीं जूनून. न्याय व्यवस्था है अभी, कायम है... Hindi · दोहा 595 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read जिसके गुट में एकता.....: छंद कुण्डलिया शाश्वत कुण्डलिया- गुटबंदी में है बँटा, भारत राज समाज. जिसके गुट में एकता, चले उसी का राज. चले उसी का राज, वही सब पर हो भारी. स्वार्थ, सेकुलर नीति, उसी... Hindi · कुण्डलिया 248 Share Ambarish Srivastava 6 Oct 2016 · 1 min read आगे आयें आप...छंद कुण्डलिया जम्मू कश्मीर में अब मिलिट्री शासन की जरूरत है यहाँ की व्यवस्था अब नेताओं के बस की नहीं रही ... समसामयिक कुण्डलिया: (१) सेना पर पत्थर चलें, ग्रेनेड बम पेट्रोल.... Hindi · कुण्डलिया 354 Share Previous Page 2 Next