Language: Hindi
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25-बढ़ रही है रोज़ महँगाई किसे आवाज़ दूँ
Ajay Kumar Vimal
24-खुद के लहू से सींच के पैदा करूँ अनाज
Ajay Kumar Vimal
23-निकला जो काम फेंक दिया ख़ार की तरह
Ajay Kumar Vimal
22-दुनिया
Ajay Kumar Vimal
21-रूठ गई है क़िस्मत अपनी
Ajay Kumar Vimal
20-चेहरा हर सच बता नहीं देता
Ajay Kumar Vimal
19-कुछ भूली बिसरी यादों की
Ajay Kumar Vimal
18- ऐ भारत में रहने वालों
Ajay Kumar Vimal
17- राष्ट्रध्वज हो सबसे ऊँचा
Ajay Kumar Vimal
16- उठो हिन्द के वीर जवानों
Ajay Kumar Vimal
15- दोहे
Ajay Kumar Vimal
14- वसुधैव कुटुम्ब की, गरिमा बढाइये
Ajay Kumar Vimal
13-छन्न पकैया छन्न पकैया
Ajay Kumar Vimal
12- अब घर आ जा लल्ला
Ajay Kumar Vimal
11-कैसे - कैसे लोग
Ajay Kumar Vimal
10-भुलाकर जात-मज़हब आओ हम इंसान बन जाएँ
Ajay Kumar Vimal
9-अधम वह आदमी की शक्ल में शैतान होता है
Ajay Kumar Vimal
8-मेरे मुखड़े को सूरज चाँद से माँ तोल देती है
Ajay Kumar Vimal
7-सूरज भी डूबता है सरे-शाम देखिए
Ajay Kumar Vimal
6-जो सच का पैरोकार नहीं
Ajay Kumar Vimal
5-सच अगर लिखने का हौसला हो नहीं
Ajay Kumar Vimal
4-मेरे माँ बाप बढ़ के हैं भगवान से
Ajay Kumar Vimal
3-फ़क़त है सियासत हक़ीक़त नहीं है
Ajay Kumar Vimal
2- साँप जो आस्तीं में पलते हैं
Ajay Kumar Vimal
1-कैसे विष मज़हब का फैला, मानवता का ह्रास हुआ
Ajay Kumar Vimal