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बेबस को सताना ही अब दस्तूर हो गया
अजय कुमार मिश्र
दो माचिस की डिबिया
अजय कुमार मिश्र
दर्द अपने मैं काग़ज़ पर उतार देता हूँ
अजय कुमार मिश्र
हर कोई इतना ही अब दिलदार होना चाहिए
अजय कुमार मिश्र
मेरी तरह वो भी बिखरता होगा
अजय कुमार मिश्र
पसीने से ख़ुद को तो भिगाया करो
अजय कुमार मिश्र
मुक्तक
अजय कुमार मिश्र
हौसला ज़िंदा
अजय कुमार मिश्र
प्रेम का ज्वार : भाग-२
अजय कुमार मिश्र
आँखों में पानी क्यों नहीं
अजय कुमार मिश्र
न जाने किस घड़ी में ज़िंदगी की शाम हो जाए
अजय कुमार मिश्र
ऐ ज़िन्दगी, तूने बनाया ही कितना रूप है
अजय कुमार मिश्र
देती है मुझे मौन वेदना
अजय कुमार मिश्र
एक मुक्तक
अजय कुमार मिश्र
साथ ऐसा तुम मेरा निभाया करो
अजय कुमार मिश्र
तेरे प्यार का अहसास मुझको मुक्त करता है
अजय कुमार मिश्र
थोड़ी राह ही शेष है
अजय कुमार मिश्र
मेरा वेलेंटाइन ज्ञान
अजय कुमार मिश्र
अभिलाषा के पंख फैलाओ
अजय कुमार मिश्र
ये जीवन है चंद वर्षों की
अजय कुमार मिश्र
ज़िंदगी की राह आसान हो जाए
अजय कुमार मिश्र
कविता भी बनी प्रोडक्ट है
अजय कुमार मिश्र
ख़यालों में उनके उलझने लगे हैं
अजय कुमार मिश्र
वो क़ीमत लगाने आ गए
अजय कुमार मिश्र
ज़िंदगी की दौड़
अजय कुमार मिश्र
ऋतु बसन्त आ ही गया है
अजय कुमार मिश्र
मुझसे रु-ब-रु तो हो
अजय कुमार मिश्र
प्रेम का ज्वार-१
अजय कुमार मिश्र
फिर ज़रूरत क्या रोशनी की
अजय कुमार मिश्र
पुत्रियाँ
अजय कुमार मिश्र
काँटों पर चलने की तो मेरी फ़ितरत हो गयी
अजय कुमार मिश्र