AJAY PRASAD Tag: कविता 79 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid AJAY PRASAD 1 Jun 2022 · 1 min read तमाम तक़लीफ़ों के बीच अक़सर देखा है मैनें शहर में फुटपाथों पर फटेहाल , मैले कुचैले अनाथ बच्चों को भिखमंगों को बेघर लोगों को जिंदा रहने के लिए संघर्ष करते, लड़ते झगड़ते , गाली... Hindi · कविता 2 249 Share AJAY PRASAD 6 Jun 2021 · 1 min read भाई चारे को क्या कहेंगे भला हम उस भाईचारे को रोक न पायी जो मुल्क के बँटवारे को । गुनाहगार थे कौन औ सज़ा मिली किसे तरस गए अपने ही अपनों के सहारे... Hindi · कविता 2 2 480 Share AJAY PRASAD 15 Feb 2021 · 1 min read आज़ाद गज़ल शक़ मेरा यकीन में बदल गया जाहिल जब ज़हीन में ढल गया । आ ही गई जनता वश में आखिर जादू सियासत का जो चल गया। कमाल है ये रुतवा-ए-शोहरत... Hindi · कविता 2 332 Share AJAY PRASAD 12 Feb 2021 · 1 min read आज़ाद गज़ल पाती प्रेम भरी कोई लिखी ही नहीं मुझे मेरे जैसी कोई मिली ही नहीं । इज़हार न इकरार,न किसी से प्यार मेरी किस्मत में है आशिक़ी ही नहीं । फूलों... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 32 694 Share AJAY PRASAD 18 Nov 2020 · 1 min read किताबें किताबें किताबों की अपनी कोई कीमत नहीं होती उनमें लिखी गई बातें ही उन्हें बेशकीमती बनातीं हैं। -अजय प्रसाद Hindi · कविता 1 1 543 Share AJAY PRASAD 1 Nov 2020 · 1 min read फ़िल्म और हक़ीक़त फ़िल्में हक़ीक़त नहीं होतीं और हक़ीक़त फिल्मी नहीं होती। फ़िल्मों में किरदारों का अपना कुछ नहीं होता सिवाय उनके होने के। उधार के वार्तालाप, वेशभूषा, घटनाएं, और एक सोंचीं समझी... Hindi · कविता 1 712 Share AJAY PRASAD 26 Oct 2020 · 1 min read कविता बाल कलाकार * चौदह वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नहीं है बाल मजदूरी कर के पेट पालने या कमाने का कानून अधिकार मगर टीवी शोज़ में सिरियल्स में... Hindi · कविता 1 633 Share AJAY PRASAD 25 Oct 2020 · 1 min read कविता "स्त्री विमर्श " * लड़कियों को चाहिए आज़ादी रातों को बेखौफ़ घूमने की, दिनभर बेरोकटोक कोई भी काम करने की , अपने अनुसार चलने,फिरने और रहने की , लड़कों से... Hindi · कविता 1 375 Share AJAY PRASAD 11 Oct 2020 · 1 min read आज़ाद गज़लें 212212212212 एक हसरत मेरी हाथ मलती रही ज़िंदगी छाती पे मूँग दलती रही । मै सितम उनके चुपचाप सहता रहा खामुशी भी उन्हें,मेरी खलती रही । उनकी महफिल में जो... Hindi · कविता 1 349 Share AJAY PRASAD 8 Oct 2020 · 1 min read कविता कविता पलती है अपने दम पर सार्थकता से, उपयोगिता से, पीढियों के सरोकार से, समीक्षा और तिरस्कार से। सामाजिक, आर्थिक, और नैतिक मूल्यों के उपकार से। और कवि समझता है... Hindi · कविता 2 360 Share AJAY PRASAD 4 Oct 2020 · 1 min read कविता "दुशासन" देखते हुए टीवी पर समाचार पूछा जब बेटी ने क्या है सरकार , पुलिस और प्रशासन ? मैनें कहा मोडर्न दुशासन ! -अजय प्रसाद Hindi · कविता 1 552 Share AJAY PRASAD 27 Sep 2020 · 1 min read कविता "अपाहीज़ " खुद को बड़ा ही असहज असहाय अपाहिज सा पाता हूं जब सिवाय लिखने के कुछ नही कर पाता हूँ। -अजय प्रसाद Hindi · कविता 1 403 Share AJAY PRASAD 23 Sep 2020 · 1 min read आज़ाद गज़ल मौत का मज़ा तो चखना पड़ेगा कर्म का फल तो भुगतना पड़ेगा । तोड़ना गर है दुनियाँ के रस्मो को जिगर फौलाद का रखना पड़ेगा । चाहते हैं आप मंजिल... Hindi · कविता 1 379 Share AJAY PRASAD 23 Sep 2020 · 1 min read आज़ाद गज़ल मौत का मज़ा तो चखना पड़ेगा कर्म का फल तो भुगतना पड़ेगा । तोड़ना गर है दुनियाँ के रस्मो को जिगर फौलाद का रखना पड़ेगा । चाहते हैं आप मंजिल... Hindi · कविता 2 276 Share AJAY PRASAD 17 Sep 2020 · 1 min read भाषा भाषा पूरी धरती पर केवल मनुष्य ही एक मात्र प्राणी है जो अपनी जाती,धर्म,भाषा को लेकर काफ़ी सचेत रहता है वर्ना धरती पर बसे पशुओं पक्षियों कीड़े-मकोड़ो जैसे अनगिनत जीवों... Hindi · कविता 1 445 Share AJAY PRASAD 17 Sep 2020 · 1 min read जड़ हूँ किसी ने लिखी नहीं कभी कोई कविता न कही कोई गज़ल न तारीफों के पुल बांधे किसी ने मेरी सुन्दरता पे । न मेरे मुरझाने पर कोई दुख जताया गया... Hindi · कविता 1 478 Share AJAY PRASAD 17 Sep 2020 · 1 min read जड़ हूँ किसी ने लिखी नहीं कभी कोई कविता न कही कोई गज़ल न तारीफों के पुल बांधे किसी ने मेरी सुन्दरता पे । न मेरे मुरझाने पर कोई दुख जताया गया... Hindi · कविता 1 448 Share AJAY PRASAD 17 Sep 2020 · 1 min read मुक्तक गिरे हुए लोग क्या किसी को उठाएंगे वो तो ओछी मानसिकता ही दिखाएंगे। विरासत में मिली हैं जो बिसंगतियां तो कहाँ से अच्छे संस्कार ला पाएंगे। -अजय प्रसाद फना होने... Hindi · कविता 1 361 Share AJAY PRASAD 17 Sep 2020 · 1 min read मुक्तक वो जो चीखते थे रील लाईफ में आज क्यों खामोश हैं वाईफ़ पे । -अजय प्रसाद खोखले रंगीनियों में डूबे हुए लोग ज़िंदगी की जंग से ऊबे हुए लोग। बातें... Hindi · कविता 1 579 Share AJAY PRASAD 17 Sep 2020 · 1 min read जड़ हूँ किसी ने लिखी नहीं कभी कोई कविता न कही कोई गज़ल न तारीफों के पुल बांधे किसी ने मेरी सुन्दरता पे । न मेरे मुरझाने पर कोई दुख जताया गया... Hindi · कविता 1 348 Share AJAY PRASAD 3 Sep 2020 · 1 min read आज़ाद गज़ल यारों मैं भी एक फ़ेसबुकिया साहित्यकार हूँ ये और बात मैं लिखता घटिया और बेकार हूँ । रहता हूँ मैं तलाश में दिन-रात मौज़ुआत के रख देता रोज़ उड़ेल पोस्ट... Hindi · कविता 2 345 Share AJAY PRASAD 30 Aug 2020 · 1 min read कविता मत पूछिए उनके शहर से हम क्या लाये हैं एक दिल था अपना वो भी गवां आए हैं कुछ बेरहम यादें हैं कुछ खामोश फरियादें है और हाँ चंद हसीन... Hindi · कविता 3 1 403 Share AJAY PRASAD 30 Aug 2020 · 1 min read कविता रौशनी ने पूछा अंधेरे से हम क्यों इस तरह मिलते हैं तुम मुझमें होते हो समाहित और मैं हो जाती हूँ उत्साहित । तुम्हारे वजूद से ही मैं यहाँ हूँ... Hindi · कविता 3 1 548 Share AJAY PRASAD 30 Aug 2020 · 1 min read कविता जलियाँवाला बाग चलिये मान लिया की बेहद क्रूर था जनरल डायर मगर वो गोलियाँ चलाने वाले क्या नहीं थे कायर ? क्या निहत्थे मासूम लोगों को उन्होँने नहीं देखा ?... Hindi · कविता 4 416 Share AJAY PRASAD 30 Aug 2020 · 1 min read कविता काश! काश ! कभी कभी मैं सोंचता हूँ आसपास जानवरो को देख कर काश ! मैं भी आदमी न हो कर अगर जानवर होता । तो कितना बेहतर होता ।... Hindi · कविता 3 1 387 Share AJAY PRASAD 30 Aug 2020 · 1 min read कविता चैनलों पर चमचे कुत्ते की तरह एक दूसरे पे भौंक रहें हैं और आग में घी बखूबी झौंक रहें हैं । उन्हें फ़िक्र है आज अवाम के जानो माल की... Hindi · कविता 2 370 Share AJAY PRASAD 30 Aug 2020 · 1 min read कविता हाँ सही कहा आपने अदिबों की नज़र में 'बेअदब' हूँ मैं । क्योंकि न मैं कहता गज़ल हूँ 'बहर' में ,न लिखता हूँ कोई गीत,नवगीत,कविता,दोहा छ्न्द के दायरे में रहकर... Hindi · कविता 4 1 641 Share AJAY PRASAD 30 Aug 2020 · 1 min read कविता चाह नहीं कि मै कोई स्मारक बनूं न किसी के चोट का कारक बनूं । न किसी राहगीर के पैरों का ठोकर न किसी मंदिर की मूर्ति का धारक बनूं... Hindi · कविता 4 1 646 Share AJAY PRASAD 30 Aug 2020 · 1 min read कविता कवि कवि होतें हैं मेरे ख्याल से तीन प्रकार के शोषित कुपोषित स्वयंपोषित शोषित कवी होतें हैं बेहद समृद्ध और अमीर क्योंकि सत्ताधारी उनका शोषण कर उन्हें मालमाल करतें हैं... Hindi · कविता 3 1 389 Share AJAY PRASAD 30 Aug 2020 · 1 min read कविता ये जो सोने-चाँदी के आभूषण हैं स्त्री मानसिकता के प्रदूषण हैं । सिर से पांव तक जो पहने हैं मतलब भयंकर पीड़ा सहने हैं। पुरूषों की है एक गहरी चाल... Hindi · कविता 2 3 592 Share Page 1 Next