Abhishek Soni Language: Hindi 118 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Abhishek Soni 21 Nov 2024 · 1 min read समूचे विश्व में अपना भी स्वाभिमान निखरेगा, समूचे विश्व में अपना भी स्वाभिमान निखरेगा, हमेशा होगी जय–जयकार संविधान निखरेगा। न वादों पे भरोसा है न सत्ता से कोई आशा, पढ़ाओ बेटियों को तुम तो हिंदुस्तान निखरेगा।। लेखक/कवि... Hindi 12 Share Abhishek Soni 9 Nov 2024 · 1 min read एक सफल प्रेम का दृश्य मैं बुन रहा। एक सफल प्रेम का दृश्य मैं बुन रहा, जीत भी न सका हार भी न रहा।। चांद को देखना फिर तुम्हे सोचना, चांद मिल जाएगा इतने काबिल तो हैं, तुम... Hindi · गीत 1 20 Share Abhishek Soni 30 Sep 2024 · 1 min read महात्मा गांधी– नज़्म। मैं हिंद की गरिमा हूं मुझमें हिन्द समाया, पंजाब हो या सिंद मुझमें सब है समाया, नारा हमेशा मेरा अहिंसा ही रहा है, सीने में सदा मेरे तिरंगा ही रहा... Hindi 1 39 Share Abhishek Soni 10 Sep 2024 · 1 min read नज्म। बेशर्म हुकूमत की पनाहों के परिंदे, ये जुर्म की दुनिया में पले बहसी दरिंदे, हर वक्त तेरा टूटा सा अरमान जलेगा, तेरे लिए चौराहे पे फंदा भी सजेगा। मैं दर्द... Hindi 1 46 Share Abhishek Soni 27 Jul 2024 · 1 min read राह भी हैं खुली जाना चाहो अगर। राह भी है खुली जाना चाहो अगर, द्वार छोटा सा मैंने गढ़ा है प्रिय। तोड़कर कुछ कड़ी अपने संबंध की, मानकों को भी जीवित रखा है प्रिय। जाना चाहो अगर... Hindi · गीत 2 90 Share Abhishek Soni 11 Jun 2024 · 1 min read नारी शक्ति 2.0 बंदिसें तो थीं बहुत पर हमको ये न रोक पाईं, बेटियां हैं हां मगर हम चांद को छूकर के आईं, हम वही जिसने बनाया घर तुम्हारा स्वर्ग जैसा, हम वही... Hindi · गीत 1 89 Share Abhishek Soni 11 Jun 2024 · 1 min read श्री राम। एक जनहित के व्रत को निभाते हुए, हर घड़ी अश्रु धारा को पीते रहे, राम फिर अपने दैवत्व को भूलकर, कष्ट लोगों के हर पल ही सहते रहे। यूं कठिन... Hindi · गीत 1 125 Share Abhishek Soni 5 Jun 2024 · 1 min read जिंदगी के अनुभव– शेर जिंदगी के किस्से तो बुढ़ापे में जवां होते हैं, सिर्फ डाई लगाने से कहां दिल जवां होते हैं। और छोड़ देता हूं कुछ बाल सफेद अपने सिर के, इन्ही सफेद... Hindi · शेर 2 72 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read हे आदिशक्ति, हे देव माता, तुम्हीं से जग है जगत तुम्ही हो।। हे आदि शक्ति, हे देव माता, तुम्हीं से जग है जगत तुम्ही हो। तुम्ही हो दुर्गा तुम्ही हो काली, सरस्वती मां, हो तुम निराली। तुम्हारी कृपा का दान पाकर,सकल चराचर... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 60 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read एक सरल प्रेम की वो कहानी हो तुम– गीत एक सरल प्रेम की वो कहानी हो तुम, जो प्रणय द्वार पर आके सीमित हुई।। एक तरफ कुछ अधूरे वचन रह गए, एक तरफ कुछ प्रणय हीन बातें रहीं। बातों... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 74 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read हम–तुम एक नदी के दो तट हो गए– गीत हम–तुम एक नदी के दो तट हो गए, चाहकर एक दूजे से मिल ना सके।। एक अधूरा सा जीवन लिए साथ में, एक दूरी तलक साथ चलते रहे। दूरियां फिर... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 2 92 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read सुनते भी रहे तुमको मौन भी रहे हरदम। सुनते भी रहे तुमको मौन भी रहे हरदम। इकतरफा प्रेम इस तरह निभाते रहे हम।। सच्चाईयों को तुमने फिर किनारे कर दिया। हम झूठ को सच्चाई समझते रहे हर–दम।। अभिषेक... Poetry Writing Challenge-3 · शेर 1 70 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read एक सरल मन लिए, प्रेम के द्वार हम। एक सरल मन लिए, प्रेम के द्वार हम। कुछ अधूरे वचन, सौंपकर आ गए।। कि राह में छोड़कर, तुम चले तो गए, रास्ता पर हमें, पूर्ण करना तो था, जिसके... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 89 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read सहसा यूं अचानक आंधियां उठती तो हैं अविरत, सहसा यूं अचानक आंधियां उठती तो हैं अविरत, समुंदर के दृढ़ पर धैर्य यूं टूटा नहीं करते। कि यादों के समुंदर अश्क बनकर झरते हैं “अभिमुख” परंतु यूं ह्रदय शीशों... Poetry Writing Challenge-3 · शेर 1 74 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read शहर की बस्तियों में घोर सन्नाटा होता है, शहर की बस्तियों में घोर सन्नाटा होता है, सफर में अक्सर इंसान अकेला होता है, मंजिल की चाह में रुकसत हो जाता है अपने घर से, अंधेरी रात में मगर... Poetry Writing Challenge-3 · शेर 1 74 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read मैं दुआ करता हूं तू उसको मुकम्मल कर दे, मैं दुआ करता हूं तू उसको मुकम्मल कर दे, धर्म के झगड़ों को इस देश से रुकसत कर दे, मुशल्मा न कोई हिंदू हो कोई सिक्ख न ईसाई हो, मेरे... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 94 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read राम गीत 2.0 स्वप्न में राम हैं, नींद में राम हैं, भक्ति में राम हैं, शक्ति में राम हैं। पूर्ण विश्वास से तुम सृजन तो करो, आदि भी राम हैं, अंत भी राम... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 56 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read मजदूर का दर्द (कोरोना काल)– संवेदना गीत सोचकर वो चला आस घर की लिए, पथ बड़ा था कठिन पर ना भयभीत था।…. एक सफलता को मन में संझोए हुए, मौत के पथ पे आगे वो बड़ता गया।... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 63 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read वीर अभिमन्यु– कविता। सौ बार धन्य वह रण भूमि, जिस पर वह लड़ा काल जैसा। सौ बार धन्य वह माता, जिसने जना लाल अभिमन्यु सा। तेरहवें दिन का युद्ध रहा, वह कुरुक्षेत्र की... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 84 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read शेर शहर की बस्तियों में घोर सन्नाटा होता है, सफर में अक्सर इंसान अकेला होता है, मंजिल की चाह में रुकसत हो जाता है अपने घर से, अंधेरी रात में मगर... Poetry Writing Challenge-3 · शेर 75 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read प्रश्न मुझसे किसलिए? नित नए नियमों को लेकर खुद को रोकूं इसलिए, फिर हिमालय लांघने का प्रश्न मुझसे किसलिए? पैर में जंजीर मोटी मुंह सरीखा शांत नदिया, हास्य पर प्रतिबंध मानो शशि तिमिर... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 71 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read हर पीड़ा को सहकर भी लड़के हँसकर रह लेते हैं। हर पीड़ा को सहकर भी, लड़के हँसकर रह लेते हैं। एक हँसी चेहरे के पीछे, लाखों गम सह लेते हैं।। संघर्षों की एक कहानी, संग–संग चलती जाती है, कुछ गीतों... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 60 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read श्रंगार लिखा ना जाता है– शहीदों के प्रति संवेदना। मैं लिख दूं गीत अभी यौवन के, शब्दों से श्रंगार रचूं। कलियां, भंवरे, पायल, कुमकुम, मैं काजल क्या क्या और लिखूं? पर जब–जब चीख करुण सुनता हूं, आहत मन अकुलाता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 89 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 2 min read श्री राम का जीवन– संवेदना गीत। काश के श्री राम के नयनों में भी कुछ नीर होता, काश कि दुनिया उन्हें भी, कुछ समय तो समझ पाती। काश कैकई क्रूर ना होती जो कुछ पल के... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 70 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read यूं कठिन राह कोई ना चुनता मगर– राम गीत। यूं कठिन राह कोई ना चुनता मगर, यूं कठिन राह कोई ना चुनता मगर, भाग्य रेखा को ऐसा बनाना पड़ा। त्याग करके परम धाम बैकुंठ को, रूप धरकर के धरती... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 49 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read बेटियों का जीवन_एक समर– गीत। है समर एक जीवन सभी के लिए, लड़ता वो है जिसे हार भाती नहीं। एक समर में खड़ी बेटियां भी रहीं, हर समय जूझतीं जो समय से रहीं। थीं जो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 70 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read दहेज एक समस्या– गीत। कि सुनकर धड़कन रुक जाती है, धरती भी हिलने लगती। चंद रुपए गाड़ी की खातिर, जब पगड़ी धूमिल होने लगती। गिरवी था घर बार सभी,अब इज्जत भी गिरवी रख दी,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 52 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 2 min read सत्ता को भूखे बच्चों की याद दिलाने आया हूं। सत्ता को भूखे बच्चों की याद दिलाने आया हूं।। भूख एक नहीं होती है ये तो सौ–सौ होती है, कुछ भूखों को आज यहां मैं भी बतलाने आया हूं। सत्ता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 43 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read प्रकृति का दर्द– गहरी संवेदना। मैंने तुमको पला पोसा पर तुमने क्या मोल दिया है एक स्वार्थ कि खातिर हरे भरे जीवन को तौल दिया है। मैं तुमको भोजन देता हूं, पानी भी मुझसे आता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 59 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read गोपियों का विरह– प्रेम गीत। प्रेम में, प्रेम में, प्रेम में, प्रेम में, गोपियों की कहानी रही प्रेम में। राधिका का विरह भी रहा प्रेम में, अश्रु आकर के बहना रहा प्रेम में, मीरा गीतों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 78 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read वो पिता है साहब , वो आंसू पीके रोता है। पूरी बरसात निकाल दी, बिना छतरी के उसने, सौ रूपए बचाकर बेटे को चप्पल खरीद लाता है। और पूरे बीस रूपए बचाता है रिक्शा न लेकर, बेटी को चूड़ियां दिलाऊंगा,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 53 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read गरीब की दिवाली। बच्चों ने मुझसे आज न पटाखे मांगे हैं, न ही कहा पिता जी मिठाई तो लाओगे। रोटी की भूख मन ही मन में झेल रहे थे, न खुश से एक... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 78 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read लोगों को और कब तलक उल्लू बनाओगे? लोगों को और कब तलक उल्लू बनाओगे? कब तलक ये धर्म के झगड़े कराओगे? भक्ति हो मन में राम तो फिर कुछ ना चाहेंगे, कब तलक ये लाखों दियाली जलाओगे?... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 43 Share Abhishek Soni 26 May 2024 · 1 min read सैनिक का खत– एक गहरी संवेदना। अब बर्ष नया फिर आया है, दिन आज बहुत ही अच्छा है। पर तुम न हो तो क्या मतलब, ये देश तुम्हारा अच्छा है। खत लिए हाथ में वो सैनिक,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 49 Share Abhishek Soni 3 May 2024 · 1 min read सैनिक का खत– एक गहरी संवेदना। अब बर्ष नया फिर आया है, दिन आज बहुत ही अच्छा है। पर तुम न हो तो क्या मतलब, ये देश तुम्हारा अच्छा है। खत लिए हाथ में वो सैनिक,... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 73 Share Abhishek Soni 3 May 2024 · 1 min read ताशकंद वाली घटना। एक बार सोए जख्म फिर कुरेद लीजिए, सत्ताओं की गलतियों के पर्दा खोल दीजिए। ताशकंद वाली घटना को याद कीजिए, उगता सूरज सोया क्यों ये सवाल कीजिए।। मैं सवाल पूछता... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 56 Share Abhishek Soni 3 May 2024 · 1 min read लोगों को और कब तलक उल्लू बनाओगे? लोगों को और कब तलक उल्लू बनाओगे? कब तलक ये धर्म के झगड़े कराओगे? भक्ति हो मन में राम तो फिर कुछ ना चाहेंगे, कब तलक ये लाखों दियाली जलाओगे?... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 107 Share Abhishek Soni 3 May 2024 · 1 min read गरीब की दिवाली। बच्चों ने मुझसे आज न पटाखे मांगे हैं, न ही कहा पिता जी मिठाई तो लाओगे। रोटी की भूख मन ही मन में झेल रहे थे, न खुश से एक... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 66 Share Abhishek Soni 3 May 2024 · 1 min read वो पिता है साहब , वो आंसू पीके रोता है। पूरी बरसात निकाल दी, बिना छतरी के उसने, सौ रूपए बचाकर बेटे को चप्पल खरीद लाता है। और पूरे बीस रूपए बचाता है रिक्शा न लेकर, बेटी को चूड़ियां दिलाऊंगा,... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 119 Share Abhishek Soni 3 May 2024 · 1 min read गोपियों का विरह– प्रेम गीत। प्रेम में, प्रेम में, प्रेम में, प्रेम में, गोपियों की कहानी रही प्रेम में। राधिका का विरह भी रहा प्रेम में, अश्रु आकर के बहना रहा प्रेम में, मीरा गीतों... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · गीत 66 Share Abhishek Soni 3 May 2024 · 1 min read प्रकृति का दर्द– गहरी संवेदना। मैंने तुमको पला पोसा पर तुमने क्या मोल दिया है एक स्वार्थ कि खातिर हरे भरे जीवन को तौल दिया है। मैं तुमको भोजन देता हूं, पानी भी मुझसे आता... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 65 Share Abhishek Soni 3 May 2024 · 2 min read सत्ता को भूखे बच्चों की याद दिलाने आया हूं। सत्ता को भूखे बच्चों की याद दिलाने आया हूं।। भूख एक नहीं होती है ये तो सौ–सौ होती है, कुछ भूखों को आज यहां मैं भी बतलाने आया हूं। सत्ता... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 110 Share Abhishek Soni 3 May 2024 · 1 min read दहेज एक समस्या– गीत। कि सुनकर धड़कन रुक जाती है, धरती भी हिलने लगती। चंद रुपए गाड़ी की खातिर, जब पगड़ी धूमिल होने लगती। गिरवी था घर बार सभी,अब इज्जत भी गिरवी रख दी,... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · गीत 1 62 Share Abhishek Soni 3 May 2024 · 1 min read बेटियों का जीवन_एक समर– गीत। है समर एक जीवन सभी के लिए, लड़ता वो है जिसे हार भाती नहीं। एक समर में खड़ी बेटियां भी रहीं, हर समय जूझतीं जो समय से रहीं। थीं जो... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · गीत 58 Share Abhishek Soni 3 May 2024 · 1 min read यूं कठिन राह कोई ना चुनता मगर– राम गीत। यूं कठिन राह कोई ना चुनता मगर, यूं कठिन राह कोई ना चुनता मगर, भाग्य रेखा को ऐसा बनाना पड़ा। त्याग करके परम धाम बैकुंठ को, रूप धरकर के धरती... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · गीत 87 Share Abhishek Soni 3 May 2024 · 2 min read श्री राम का जीवन– संवेदना गीत। काश के श्री राम के नयनों में भी कुछ नीर होता, काश कि दुनिया उन्हें भी, कुछ समय तो समझ पाती। काश कैकई क्रूर ना होती जो कुछ पल के... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · गीत 1 2 65 Share Abhishek Soni 3 May 2024 · 1 min read श्रंगार लिखा ना जाता है– शहीदों के प्रति संवेदना। मैं लिख दूं गीत अभी यौवन के, शब्दों से श्रंगार रचूं। कलियां, भंवरे, पायल, कुमकुम, मैं काजल क्या क्या और लिखूं? पर जब–जब चीख करुण सुनता हूं, आहत मन अकुलाता... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 72 Share Abhishek Soni 3 May 2024 · 1 min read हर पीड़ा को सहकर भी लड़के हँसकर रह लेते हैं। हर पीड़ा को सहकर भी, लड़के हँसकर रह लेते हैं। एक हँसी चेहरे के पीछे, लाखों गम सह लेते हैं।। संघर्षों की एक कहानी, संग–संग चलती जाती है, कुछ गीतों... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · गीत 1 79 Share Abhishek Soni 3 May 2024 · 1 min read प्रश्न मुझसे किसलिए? नित नए नियमों को लेकर खुद को रोकूं इसलिए, फिर हिमालय लांघने का प्रश्न मुझसे किसलिए? पैर में जंजीर मोटी मुंह सरीखा शांत नदिया, हास्य पर प्रतिबंध मानो शशि तिमिर... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 85 Share Abhishek Soni 3 May 2024 · 1 min read शेर शहर की बस्तियों में घोर सन्नाटा होता है, सफर में अक्सर इंसान अकेला होता है, मंजिल की चाह में रुकसत हो जाता है अपने घर से, अंधेरी रात में मगर... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · शेर 70 Share Page 1 Next