Aarti sirsat 58 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Aarti sirsat 29 May 2021 · 1 min read "भीगी- भीगी बरसातों में" शीर्षक:- भीगी भीगी बरसातों में..... लो फिर आ गयीं याद उनकी भीगी भीगी बरसातों में..... सावन आ गया मगर वो नहीं आयें भीगी भीगी बरसातों में..... आँखें देख रही है... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 3 422 Share Aarti sirsat 3 Apr 2021 · 1 min read "माँ तुझे, मैं क्या लिखूं" "माँ तुझे, मैं क्या लिखूं" मेरा हौसला लिखूं.... या मेरा जुनून लिखूं.... तूँ ही बता माँ तुझे मेरी उम्मीद लिखूं.... या मेरी आशा लिखूं.... अपनी गोद में सुला कर अपने... Hindi · कविता 1 4 552 Share Aarti sirsat 2 Apr 2021 · 1 min read "अजीब दुनिया" ."अजीब दुनिया" बडें अजीब लोग है इस जमाने के, तोड़कर घोसलें, पिंजरे बनाते है पक्षियों के लिए....! गँवा चूंकि है एक लाल को, न जाने किस मिट्टी की बनी है...... Hindi · कविता 1 326 Share Aarti sirsat 30 Mar 2021 · 1 min read "आखिर क्यों" .आखिर क्यों तोड़कर उस डाली से फूल क्यों वो लोग अपने घर ले जातें है...! होकर जुदा अपनी परछाई से भला किस तरह वो माँ बाप रह पातें है...!! सोचकर... Hindi · कविता 1 4 444 Share Aarti sirsat 28 Mar 2021 · 1 min read "रंग एक ऐसा" .रंग एक ऐसा रंग एक उम्मीद का जो पंख लगाकर पक्षियों संग उड गया...|1| रंग एक विश्वास का जो रिश्तों को अटूट बंधन में बांध गया...|2| रंग एक सविधान का... Hindi · कविता 1 4 351 Share Aarti sirsat 27 Mar 2021 · 2 min read "आज इंसान क्या से क्या बन गया" ."आज इंसान क्या से क्या बन गया" क्रोध, मोह, माया, लोभ मे आकर, इंसान प्रेम, शांति, विश्वास, आशा जैसे शब्दों से वंचित रह गया... इसका जहर उसके कानों में उसका... Hindi · कविता 1 2 398 Share Aarti sirsat 26 Mar 2021 · 1 min read "तीखें शब्द" "तीखें शब्द" पहचान तो बड़ा चढ़ा कर ही दिखाओंगें ना अमीरों से, तीखें शब्द तो बचाकर रखें है तुमनें गरीबों के लिए...! सावन भी अपनी पहली झलक दिखाता है मयूर... Hindi · कविता 1 2 834 Share Aarti sirsat 24 Mar 2021 · 1 min read "नयी हुई है" बहुत बार कर के देख ली है कोशिश, हर बार हमेशा कि तरह हार ही हुई है...! दफ़न हो गई है तमन्नाएं सारी मन के भीतर ही, ओर कितनी मन्नतें... Hindi · कविता 1 572 Share Previous Page 2