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तू खुद की इतनी तौहीन ना कर...
Aarti sirsat
स्त्री ने कभी जीत चाही ही नही
Aarti sirsat
आपकी सादगी ही आपको सुंदर बनाती है...!
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मैनें प्रत्येक प्रकार का हर दर्द सहा,
Aarti sirsat
प्रेम का प्रदर्शन, प्रेम का अपमान है...!
Aarti sirsat
पेड़ से इक दरख़ास्त है,
Aarti sirsat
सुनों....
Aarti sirsat
अपनी सरहदें जानते है आसमां और जमीन...!
Aarti sirsat
अपनी सरहदें जानते है आसमां और जमीन...!
Aarti sirsat
अंत में पैसा केवल
Aarti sirsat
अज्ञात है हम भी अज्ञात हो तुम भी...!
Aarti sirsat
हमेशा सच बोलने का इक तरीका यह भी है कि
Aarti sirsat
उम्मीदें लगाना छोड़ दो...
Aarti sirsat
कुछ मन की कोई बात लिख दूँ...!
Aarti sirsat
ख्वाब को ख़ाक होने में वक्त नही लगता...!
Aarti sirsat
जितना आपके पास उपस्थित हैं
Aarti sirsat
पढ़ाई -लिखाई एक स्त्री के जीवन का वह श्रृंगार है,
Aarti sirsat
आपका दु:ख किसी की
Aarti sirsat
जब तुम्हारे भीतर सुख के लिए जगह नही होती है तो
Aarti sirsat
आप किसी का कर्ज चुका सकते है,
Aarti sirsat
तुम्हारा इक ख्याल ही काफ़ी है
Aarti sirsat
आपकी वजह से किसी को दर्द ना हो
Aarti sirsat
" खामोश आंसू "
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" सुन सको तो सुनों "
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" खामोशी "
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" तुम्हारे इंतज़ार में हूँ "
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" एक बार फिर से तूं आजा "
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" जब तुम्हें प्रेम हो जाएगा "
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" अब मिलने की कोई आस न रही "
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" फ़साने हमारे "
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" आज भी है "
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" यही सब होगा "
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" मुझमें फिर से बहार न आयेगी "
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" तुम से नज़र मिलीं "
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" तुम्हारी जुदाई में "
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" भुला दिया उस तस्वीर को "
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" मेरी तरह "
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".... कौन है "
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" मैं तन्हा हूँ "
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" मुझे सहने दो "
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" पहला खत "
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" मैं कांटा हूँ, तूं है गुलाब सा "
Aarti sirsat
" जुदाई "
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" तुम खुशियाँ खरीद लेना "
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" मैं फिर उन गलियों से गुजरने चली हूँ "
Aarti sirsat
" मंजिल का पता ना दो "
Aarti sirsat
स्याही की मुझे जरूरत नही
Aarti sirsat
बारिश में
Aarti sirsat
बरसात की बूंदें
Aarti sirsat
बारिश का मौसम
Aarti sirsat