Ashok Kumar Sharma 19 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ashok Kumar Sharma 22 Jun 2019 · 1 min read क्षमा मांग लो... भरा पड़ा है देश, धर्म के गद्दारों से। गूंज रहा परिवेश विरोधी नक्कारों से।। भारत तेरे टुकड़े होंगे, श्वर आता है। अफ़ज़ल का आवाह्न देश की विद्यालय से।। सत्ता के... Hindi · कविता 2 1 450 Share Ashok Kumar Sharma 20 Jun 2019 · 1 min read मुक्तक उठो लड़ो संघर्ष करो तुम हार न मानो विषम समय से। प्रीत ही मन की मीत समझना मत डर जाना आडम्बर से।। झूंठे हैं धन - तन के रिश्ते बात... Hindi · कविता 1 235 Share Ashok Kumar Sharma 21 Jun 2019 · 1 min read कविता कभी उनसे, कहीं मिलने की कुछ तरकीब हो जाये, कुपित जीवन के पतझड़ में, कभी एक फूल खिल जाये। सुना है हर धड़कते दिल के कुछ अरमान होते हैं, मेरा... Hindi · कविता 1 263 Share Ashok Kumar Sharma 20 Jun 2019 · 1 min read आज का मेहताब... जन्म लेते ही, औरों का मोहताज था, अपने दम से, न चलने का ढंग था जिसे। जब जवानी का उसको, नशा चढ़ गया, वो किसी को भी, कुछ भी समझता... Hindi · कविता 1 408 Share Ashok Kumar Sharma 20 Jun 2019 · 1 min read दोहा ज्यों चन्दा घनघोर घटा से झाँक रहा अपने प्रीतम को, ऐसे ही रुखसार तुम्हारा आकर्षित करता जन मन को। -अशोक शर्मा Hindi · कविता 1 353 Share Ashok Kumar Sharma 20 Jun 2019 · 1 min read काले तिल मुख मंडल पर काले तिल की बातें अजब निराली है, लगता है मानो ईश्वर ने उनकी नज़र उतारी है। प्रेम छलकते चंचल नयनो पर वो भी बलिहारी है, कैसे कह... Hindi · कविता 1 483 Share Ashok Kumar Sharma 20 Jun 2019 · 1 min read दोस्ती व्यापार दुनियां में दोस्ती फकत व्यापार बन गयी, मुहब्बत बे-वफाई की शिकार बन गयी। भरते थे दम जो खास ज़माने में प्यार का, आँखें खुली तो ज़िन्दगी बाज़ार बन गयी। जब... Hindi · कविता 1 405 Share Ashok Kumar Sharma 20 Jun 2019 · 1 min read छंद आये माटी की सुगंध भीनी भीनी मंद मंद, देख घन की किलोल मन गाने लगा छंद। यारो मानो मेरी बात आओ मेरे संग संग, करलें अच्छे कुछ काम उठी दिल... Hindi · कविता 1 405 Share Ashok Kumar Sharma 20 Jun 2019 · 1 min read दोहे माफ़ करो गुस्सा छोडो तुम, हम तो हैं नादान अभी तक।। नहीं जानते दिल की बातें कैसे पहुंचें उनके दिल तक।। -अशोक शर्मा कंचन मुख कजरारे नैना, चितवन सुन्दर सुखद... Hindi · कविता 1 638 Share Ashok Kumar Sharma 20 Jun 2019 · 1 min read मुक्तक आँचल को आँचल की छाया, सदा सुहानी सुगम सुखद हो। माँ बेटी के जीवन पथ की, डगर सहज और निष्कंटक हो। मन अ'शोक जीवन की सरिता, कल-कल प्रखर मृदुल शीतल... Hindi · कविता 1 265 Share Ashok Kumar Sharma 14 Jun 2019 · 1 min read आज की दुनियाँ मैं क्यों आया इस दुनियां में, क्या मेरी है औकात यहां। मन क्यों नहीं इसपर मनन करे, किस धोखे में इंसान यहाँ।। किस क्षण कब कैसे क्या होगा, किसको है... Hindi · कविता 1 479 Share Ashok Kumar Sharma 20 Jun 2019 · 1 min read कर दो यह ऐलान बचपन से जो देशभक्ति के गीत सुनाये जाते हैं, वतन की रक्षा करने वाले धन्य कहाये जाते हैं। आज मगर कुछ गद्दारों ने उन पर प्रश्न उठाये हैं, देश धर्म... Hindi · कविता 1 361 Share Ashok Kumar Sharma 20 Jun 2019 · 1 min read सनम मेरे दिल की एक मासूम तमन्ना हो तुम, मेरे ख्वाबों में उभरता हुआ अक्स हो तुम। तुम मेरे न हुए तो कोई शिकवा ही नहीं, मैं तो जन्मों से तुम्हारा... Hindi · कविता 1 268 Share Ashok Kumar Sharma 18 Jun 2019 · 1 min read जीवन उद्धार जब से जीवन में आयीं, तन मन मेरा चमन हो गया। जीवन का यह कंटक वन अब, गुल गुलशन गुलज़ार हो गया।। चोटिल बोझिल से इस मन का, उनसे मिल... Hindi · कविता 1 378 Share Ashok Kumar Sharma 18 Jun 2019 · 1 min read हे प्रिये परी सी सुन्दर चाँद सी शीतल, सौम्य चंचल अप्सरा हो। मेरे मन की एक पहेली, सरल साश्वत सहचरा हो। कल्पना हो स्वप्न की सी, भोर का कोहरा घना हो। जो... Hindi · कविता 1 615 Share Ashok Kumar Sharma 18 Jun 2019 · 1 min read विदा-गीत कर्म क्षेत्र से आज आप, सेवानिवृत्त हो जाओगे। रोज-रोज घर आफिस के, इस चक्कर से छुट जाओगे।। एक बात होगी लेकिन, जो अतिशय कष्ट बढ़ाएगी। रेल कुटुम्ब के इस आलय... Hindi · कविता 1 476 Share Ashok Kumar Sharma 15 Jun 2019 · 1 min read गज़ल जिन्हें हम याद रखते हैं, हृदय के पाक बंधन से, वो अक्सर दूर रहकर भी, हमेशा पास होते हैं। तरसती आँख से ओझल हैं, यादों से रुलाते जो, प्रकट होकर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 419 Share Ashok Kumar Sharma 16 Jun 2019 · 1 min read जन्म देने वाले... जन्म देने वाले, तू इतना तो बोल रे, कैसे चुकाऊँ इन, साँसों का मोल रे... गर्भ में संभाला मुझे, माँ का सहारा बनकर, सुध बुध नहीं थी तूने, सहा मेरा... Hindi · कविता 248 Share Ashok Kumar Sharma 15 Jun 2019 · 2 min read तुम-बिन मिथ्या है जीवन तुम बिन, कुछ बातें आज बताता हूँ। अंतर्मन की सत्य व्यथा, तुम सुनो आज मैं कहता हूँ।। जब से तुम जीवन में आईं, प्रथक कल्पना भूल गया,... Hindi · कविता 278 Share