रीतेश माधव 60 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid रीतेश माधव 30 Sep 2023 · 1 min read अंतर्द्वंद्व सत्य और असत्य से अनभिज्ञ मनोमस्तिक, अंतर्मन का वाद विवाद प्रतिवाद के, कशमकश का चलता एक कारवां, सतत् अंतर्द्वंद्व। और असमंजस में उलझता ये मन, किसे सत्य मानें, किसे असत्य... 1 418 Share रीतेश माधव 30 Jan 2022 · 1 min read मैं तो लिखूंगा मैं तो लिखूंगा तू अपना अभिमान दिखा मैं अपना स्वाभिमान लिखूंगा तू कोशिश करेगा हराने का मैं विजय का शिखर लिखूंगा मैं तो लिखूंगा तुम झूठ बोलना मैं सच्चाई लिखूंगा... Hindi · कविता 5 2 1k Share रीतेश माधव 12 Apr 2019 · 1 min read असमंजस की घड़ी जलते कोयले पर जमी राख की परत को मिलती रही है तुम्हारे स्पर्श से हवा अब इस सुलगी आग का क्या करूँ मैं? छोड़ दूँ गर इसे अपने नतीजे पे... Hindi · कविता 1 1k Share रीतेश माधव 11 Apr 2019 · 6 min read "विश्वास" "विश्वास" . . . ट्रेन तेज रफ्तार से गुजर रही थी। गझण्डी टीसन के सिग्नल पर ट्रेन धीमी हुई तो खिड़की से बाहर झांक कर देखा उसने... सबकुछ बदल गया!... Hindi · लघु कथा 1 700 Share रीतेश माधव 7 Apr 2019 · 1 min read बनते बिगड़ते राजनीति उन पर क्या विश्वास करें जिन्हें है अपने पर विश्वास नहीं वे क्या दिशा दिखाएँगे दिखता जिनको आकाश नहीं जिले की राजनीति में बहुत बड़ी शतरंज बिछी धब्बोंवाली चादर थी... Hindi · कविता 1 798 Share रीतेश माधव 2 Apr 2019 · 1 min read स्वीकार है: जीवन की ललकार रणक्षेत्र सजी हुई है सेनायें सुसज्जित खड़ी है तैयार जीत हो या हो भले ही हार, है स्वीकार जीवन की मुझे ललकार। जल रहा प्रत्येक क्षण हृदय द्वेष और विरोध... Hindi · कविता 1 1k Share रीतेश माधव 24 Mar 2019 · 1 min read राजनीति:- बदलती निष्ठा बदलती विचारधारा पार्टी बदले, बदले नेता क्षण में बदल जाये विचारधारा ढंग न बदला राजनीति का तो फिर क्या बदला ? चुनाव का शोर कार्यकर्ता-समर्थक ढोते विचारधारा नेता झट पार्टी बदले, बदले... Hindi · कविता 1 630 Share रीतेश माधव 10 Mar 2019 · 2 min read खतरे से खाली नही आज एक मित्र से मुलाकात हुई दुनिया जहान की बात हुई फिर, कहा उसने.... पहले कलम तुम्हारी उगलती आग थी, जहाँ अक्षर बनते चिंगारी थे जहाँ लेखनी में हरदम जलते... Hindi · कविता 2 2 652 Share रीतेश माधव 29 Jan 2019 · 2 min read मैं विद्रोही तेवर का मैं विद्रोही तेवर का- विद्रोह लिखता हूँ गढ़ता हूँ असत्य को सत्य की कसौटी से इतर मानता हूँ भर मन में विषाद, प्रेम ना लिख पाता हूँ प्रेम कविता लिखूं... Hindi · कविता 749 Share रीतेश माधव 24 Jan 2019 · 1 min read बदलते दृश्य सम्मान-प्रतिष्ठा के प्रभावी दृश्य सुंदर इतिहास के तुंग स्वर्ण-कलश सब आदर्श आदर्श पथप्रदर्शक ज्ञानवान शिक्षक विज्ञान, साहित्य,भाषा और गणित के धुरंधर सभी वे याद आते हैं प्रतापी सूर्य सा प्रखर... Hindi · कविता 914 Share रीतेश माधव 22 Jan 2019 · 2 min read मै साक्षात माधव हूँ। एक तरफ अक्षौहिणी सेना यादवों की दूसरी तरफ मंद मंद मुस्कुराता माधव है। अगणित तलवार अक्षौहिणी सेना की निहत्था खड़ा माधव, अकेला ही भारी है मत भूलो, सामने खड़ा भाषा... Hindi · कविता 490 Share रीतेश माधव 20 Jan 2019 · 1 min read काले बादल मंडरा रहे काले बादल दे रहे अशुभ आहट सुना भी है देखा भी है काले बादलों की काली करतूते द्वेष, साजिश और कलह से होते परिपूर्ण काले बादल जाति द्वेष... Hindi · कविता 661 Share रीतेश माधव 6 Jan 2019 · 1 min read क्रूर होंगे। हर किसी मे भरा उत्तेजना का भाव आक्रोश प्रदर्शित करते मनोभाव बदलते सोच, बनते बिगड़ते भाव देख सुन लगता है मानो जल्द ही, होंगे क्रूर सभी, क्रूरता छा जाएगी हनक... Hindi · कविता 376 Share रीतेश माधव 6 Jan 2019 · 1 min read मृग-तृष्णा कभी थिर सी कभी अधीर सी कभी बैचेन सी कभी निश्चिन्त सी मन दौड़ता रहा है पाने की इच्छा स्वर्ण-मृग की तोड़ता है मर्यादा की वर्जनाएं लांघता है संस्कार की... Hindi · कविता 1 701 Share रीतेश माधव 4 Jan 2019 · 1 min read जीवन : एक रंगमंच एक मंच उठते पर्दे धीमा प्रकाश मधुर आवाज परछाईयां आकृतियां दिखते कलाकार बोलती आंखे हवा में लहराते हाथ रुदन का शोर हंसने की आहट एक मधुर लोकगीत थिरकते कदम नगारे... Hindi · कविता 676 Share रीतेश माधव 4 Jan 2019 · 1 min read मैं लिखता क्यों हूँ कहते पूछते और बरसते, सहकर्मी, हितैषी, मित्र और संगी, तुझे ही पड़ी है तू ही सही , तू लिखता क्यो है?? सवाल कर देते विचलित मुझे, अविचलित हृदय को ना... Hindi · कविता 1 437 Share रीतेश माधव 3 Jan 2019 · 1 min read काश हम लोहार होते काश हम लुहार होते दे पैनापन कलम को तलवार बनाते कर पैना विचारों को भट्टी की ज्वाला में कलम से भाव जगाते दिल के संग दिमागों में आग लगाते करते... Hindi · कविता 2 544 Share रीतेश माधव 2 Jan 2019 · 1 min read कॉलेज है!! कॉलेज है कर्मी है शिक्षक है है छात्र छात्रा शिक्षा फरार है कॉलेज है काउंटर है स्टाफ है ठंड है धूप सेंक रहे है बारह हजार छात्र है छात्रा है... Hindi · कविता 3 730 Share रीतेश माधव 31 Dec 2018 · 1 min read नयापन क्या है नव वर्ष के जश्न मनाते लोग हर तरफ हंगामा शोर क्यो मचा रखा है मुझे ये तो बता, इसमें नयापन क्या है लोग वही होंगे सोच वही रहेंगे प्रवृति निम्न... Hindi · कविता 2 583 Share रीतेश माधव 29 Dec 2018 · 1 min read बुनते स्वप्न्न स्वप्न जो बुने हमने वो कांच के थे टूट कर ध्वस्त हो गए वो स्वप्न्न जिसे तपाया कम आंच पे थे स्वप्न्न जो बुने हमने वो मिट्टी के थे टूट... Hindi · कविता 2 393 Share रीतेश माधव 29 Dec 2018 · 1 min read जवाब बनें समाधान बनें आएगा फिर एक नया साल फिर उठेंगे ढेरों सवाल प्रश्न ढेरो, सब के जेहन में है पर जवाब का अकाल है समस्याएं उठाना कर्तव्य बना समाधान किसी के पास नही... Hindi · कविता 2 361 Share रीतेश माधव 28 Dec 2018 · 1 min read सबकुछ बदल गया है!! कंहा खो गयें वो जीवन के पल वो जीवन की रंगीनियां देखते निहारते तितलियां मिलते मुस्कुराते दिन कट जाते थे अब दिलोदिमाग में… कोई नहीं रहता !! मानो सब कुछ... Hindi · कविता 2 420 Share रीतेश माधव 27 Dec 2018 · 1 min read रक्तबीज पढा है कथा कहानियों में सुना है माँ काली ने रक्तबीज का संहार किया था गिर रक्त धरा पे ना प्रकट हो पुनः रक्तबीज काली ने रक्त की बूंद बूंद... Hindi · कविता 2 769 Share रीतेश माधव 27 Dec 2018 · 1 min read भारत मे डर लगता है.... जो चला रहे थे गोलियां कर रहे थे धमाका पकड़े जा रहें मारे जा रहें तो बरप रहा हंगामा खतरे में है भारत तो सब अच्छा लगता है मारे जाएं... Hindi · कविता 3 1 441 Share रीतेश माधव 26 Dec 2018 · 1 min read वाद- प्रतिवाद मार्ग जो करें भीड़ तय चलना उसपे ग़वारा नहीं खुद की सोच और विचारधारा इतनी अशक्त और कमजोर नहीं सोचता हूँ कभी कभी वाद प्रतिवाद से क्या फ़ायदा वो जो... Hindi · कविता 2 822 Share रीतेश माधव 24 Dec 2018 · 1 min read अजब है। जनता अजब है नेता गजब हैं जो शरीफ है चुप है जो बदमाश है उन्हें माइक देते है तरह-तरह के हंगामे है शोर है सरगर्मी है यहाँ शोक ही उत्सव... Hindi · कविता 2 451 Share रीतेश माधव 23 Dec 2018 · 1 min read संवेदनाएं पड़ी मृत है!! क्यो ढोते रहें ये संवेदनाएं होती है ये लाश की बोझ सी भारी किसी के परेशानी किसी के दुख को कंहा कोई कम कर पाया खेलते खेलते संवेदनाओं से संवेदनाएं... Hindi · कविता 4 532 Share रीतेश माधव 23 Dec 2018 · 1 min read "शमशान" एक हकीकत "शमशान" एक हकीकत जब एक लाश ले कंधे पे पहुंचे जब शमशान में देखा, दूजी अधजली है तीसरी की राख ठंडी पड़ चुकी है जाते ही लग गयें तैयारियों में... Hindi · कविता 2 563 Share रीतेश माधव 20 Dec 2018 · 1 min read पुजारी, शैतान और लाल कुत्ता एक है मंदिर ढेरों पुजारी उसमें हर किस्म के छोटे-बड़े नए-पुराने उस बीच एक धूर्त शैतान वेश पुजारी का कर धारण कर मांस मदिरा का भक्षण मंदिर के सम्मान का... Hindi · कविता 3 614 Share रीतेश माधव 18 Dec 2018 · 1 min read संवेदनाएं लिखता हूँ। राजनैतिक सोच नहीं अपनी संवेदनाएं लिखता हूँ। मेरी संवेदनाएं आपसे भिन्न है शायद भावनाएं और परिस्थितियां विभिन्न है। या तो आप सही हो या हम या हम दोनों सही हों।... Hindi · कविता 4 2 598 Share Page 1 Next